महंगाई पर हास्य कविता Hindi hasya kavita on mehangai
Funny poem on mehangai in hindi
Hindi hasya kavita on mehangai-दोस्तों आज भारत देश में महंगाई बहुत ही तेजी से बढ़ती जा रही है महंगाई की वजह से गरीबों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है,लोग भ्रष्टाचार भी फैला रहे हैं जिस वजह से गरीबों की जिंदगी बेहाल हो गई है महंगाई को कंट्रोल में लाना बेहद जरूरी है क्योंकि महंगाई हम सभी के लिए एक ऐसी आपदा है जो हमारे देश में बहुत बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है.हमने महंगाई के ऊपर एक कविता लिखी है आप इसे पढ़ें और अपनी राय दें तो चलिए पढ़ते हैं महंगाई पर लिखी गई कविता को
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इस देश में फैली है चारों तरफ महंगाई
गरीबों की सबसे बड़ी दुश्मन है महंगाई देश में फैला है चारों ओर भ्रष्टाचार लोगों का जीवन हो गया बहुत बेकार छिन गई है मुस्कान छिन गया है जीवन चारों तरफ फैली है महंगाई महंगाई.
दो वक्त के खाने के लाले पड़ रहे हैं
लोगों के दिलो-दिमाग पर छाई महंगाई
जरूरतें भी लगातार बढ़ रही है
आमदनी ना इतनी लोगों की हो रही है
भ्रष्टाचारियों की अब वाह वाह हो रही है
चारों तरफ फैली है महंगाई महंगाई
ना रहने का ठिकाना ना खाने का ठिकाना
लूट लिया महंगाई ने गरीबों का ठिकाना
जितनी कमाई होती उससे ज्यादा खर्चे होते
क्योंकि चारों और फैली महंगाई महंगाई
इस देश में फैली है चारों तरफ महंगाई
गरीबों की दुश्मन है महंगाई ही महंगाई
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