हरित क्रांति पर निबंध Harit kranti essay in hindi
Harit kranti essay in hindi
भारत देश गांवों का देश है यहां पर 80% से अधिक आबादी गांव में रहती है और किसान खेती कर अपना जीवन यापन करते हैं । हमारे देश की आर्थिक स्थिति गांव की फसल पर निर्भर करती है अगर हमारे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है तो गांव की फसलों की पैदावार बढ़ाना आवश्यक है । वास्तव में किसान के द्वारा की गई मेहनत से ही हम सभी अपना पेट भरते हैं और हम सभी को कोशिश करना चाहिए कि किसानों की हम ज्यादा से ज्यादा मदद कर सकें । गांव के किसानों के लिए हरित क्रांति लाई गई जिसका उद्देश्य था किसानों की पैदावार बड़ाना अब हम जानेंगे हरित क्रांति के विषय में ।

हरित क्रांति का मुख्य उद्देश्य था किसान की फसल की पैदावार बढ़ाना , नई नई तकनीकों के माध्यम से किसान की फसल को दोगुना कैसे किया जाए और किसान की आर्थिक स्थिति को कैसे सुधारा जाए । हरित क्रांति की शुरुआत सन 1967 में की गई । हरित क्रांति की शुरुआत का श्रेय प्रोफेसर नारमन बोरलॉग को जाता है एवं भारत में एम एस स्वामीनाथन के द्वारा हरित क्रांति की शुरुआत की गई थी । हरित क्रांति के माध्यम से किसान की फसल की पैदावार बढ़ाना और किसान को नई नई तकनीकी के माध्यम से खेती कराना है।
हमारे भारत मे पुराने समय में जो खेती की जाती थी तब खेतों में किसी भी तरह के रासायनिक उर्वरकों का उपयोग नहीं किया जाता था और ना ही ऐसे आधुनिक यंत्र किसानों के पास थे जिससे कि वह अपनी फसल को दुगना कर सके । पहले जब किसान बुवाई करता था तो वह बेलगाड़ी के माध्यम से किया करता था लेकिन हरित क्रांति की शुरुआत के बाद से पूरे देश में किसानों की मेहनत रंग लाने लगी । हमारे देश में हरित क्रांति के माध्यम से सभी किसान रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करने लगे , रासायनिक उर्वरकों के माध्यम से किसानों की आय बढ़ गई और किसानों की पैदावार बढ़ने से देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत हुई है यह सब रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करने के कारण ही संभव हो पाया है ।
आज हरित क्रांति के माध्यम से ही भारतीय किसानों को सिंचाई की तरह तरह की सुविधाएं प्राप्त हुई है और आज हमारे देश की भूमि पूरी तरह से सिंचित हो चुकी है क्योंकि पहले सिंचाई के साधन कम थे लेकिन आज भारत की सरकार के द्वारा सिंचाई के साधनों को बढ़ाया गया है और यह सब हरित क्रांति के माध्यम से ही संभव हो पाया है । पहले किसानों को सिंचाई की सुविधा बड़ी मुश्किल से मिल पाती थी लेकिन आज सिंचाई के अपार साधन भारत के किसानों के पास है। पहले कुएं में पानी इकट्ठा करके उसमें से सिंचाई की जाती थी लेकिन आज हर गांव के किसानों के खेत पर ट्यूबवेल जैसी सुविधाएं उपलब्ध हो चुकी हैं और भारतीय सरकार के माध्यम से हर गांव के आसपास तालाब बनाए गए हैं जहां पर पानी को इकट्ठा किया जाता है और जब किसान को फसल में पानी देने की आवश्यकता होती है तो उनको इन तालाबों में से पानी दिया जाता है।
हमारे देश में हरित क्रांति के माध्यम से खेती को सफल बनाने के लिए कई कार्यक्रम चालू किए गए जैसे की उन्नत बीजों के प्रयोग में वृद्धि । आज हमारे देश के किसान सबसे बेहतर से बेहतर बीजों का उपयोग कर रहे हैं और उन बीजों को वैज्ञानिकों के द्वारा चुना जाता है जिससे किसानों की पैदावार को दोगुना किया जाए और यह सफल भी रहा है । आज भारत के सभी किसान अपनी फसल को दोगुना करने में कामयाब हुए हैं यह सब हरित क्रांति के माध्यम से ही संभव हो पाया है । आज हमारे भारत में कई प्रकार के आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग किया जाने लगा है जैसे कि ट्रैक्टर , हार्वेस्टर ,ट्राली, पंजा और भी अनेक तरह के कृषि यंत्रों का उपयोग भारतीय किसान करते हैं जिससे उनका कीमती समय बचता है और उस समय को खेती की देखरेख में लगाते हैं ।
आज हमारे भारत में किसानों की आय दोगुना करने के लिए कृषि सेवा केंद्रों की स्थापना की गई है जहां से जब किसी किसान को किसी प्रकार की कोई भी समस्या होती है तो वहां से सभी किसानों की समस्याओं का निराकरण किया जाता है और हमारे देश में कृषि उद्योग निगम भी खोले गए हैं जिसका उद्देश्य था किसानों को हर तरह से मजबूत करना । हमारे देश में विभिन्न तरह के निगमों की स्थापना भी की गई है जहां पर बीजों को इकट्ठा किया जाता है और जब किसान को अपनी बुवाई करनी होती है तो किसानों को बेहतर से बेहतर बीज उपलब्ध कराया जाता है । हमारे भारत की मिट्टी और किसानों की भूमि के परीक्षण के लिए मृदा परीक्षण केंद्र भी बनाया गया है जहां पर मिट्टी की जांच की जाती है और यह जांच वैज्ञानिकों के द्वारा की जाती है और मिट्टी में कौन सी कमी है और उस कमी को कैसे पूरा किया जाए यह वैज्ञानिक तय करते हैं और किसान को इसकी जानकारी देते हैं कि आपको किस तरह के रासायनिक खाद इसमें डालना है ।
हमारे देश के वैज्ञानिकों के द्वारा किसानों की भूमि का परीक्षण किया जाता है और उनको बताया जाता है कि भूमि किस तरह से समतल होना चाहिए , उनकी मिट्टी में क्या क्या तत्व होना चाहिए जिससे कि पैदावार दोगुनी हो सके । किसानों की सहायता के लिए हमारे देश में कृषि शिक्षा केंद्र और अनुसंधान केंद्र भी खोले गए हैं जहां पर पढ़ाई करके किसान अपनी खेती की पैदावार को दोगुना कर सकता है । कृषि शिक्षा केंद्र खोलने का उद्देश्य था हमारे देश के नौजवान कृषि शिक्षा लेकर किसानों कि मदद करें जिससे कि वह अच्छी फसल पैदावार करके हमारे देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सके । हमारा देश किसानों का देश है, गांव का देश है । महात्मा गांधी जी कहते थे कि हमारे भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए किसानों को मजबूत करना होगा ।
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