हरिपुरधार भंगायणी माता मंदिर का इतिहास Haripurdhar temple history in hindi
haripurdhar temple history in hindi
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं हरिपुरधार के प्रसिद्ध मंदिर माता भंगायनी के मंदिर के बारे में जानकारी। यह मंदिर पहले इतना प्रसिद्ध नहीं था लेकिन अब काफी प्रसिद्ध मंदिर बन चुका है, श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं, कई शुभ अवसरों पर यहां पर हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। हरिपुरधार का माता भंगायनी का मंदिर काफी सुंदर मंदिर है, जिसको देखकर श्रद्धालु प्रशंसा करने से नहीं चूकते। जब हम इस मंदिर पर जाते हैं तो बर्फ से ढकी पहाड़ियों का नजारा भी हमें देखने को मिलता है।
इस मंदिर में शनिवार और रविवार को भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। बहुत सारे लोग शनिवार और रविवार को इस मंदिर में आते हैं, यात्रियों के लिए उस मंदिर के आसपास कई सुविधाएं हैं जिससे यात्रियों को कोई परेशानी ना हो। भंगायनी माता जोकि शिरगुल देवता की बहन मानी जाती हैं इस मंदिर में लगभग सवा सौ सीढ़ियां हैं जो कि काफी सुंदर प्रतीत होती है।
मंदिर की यह सीढ़ियां मुख्य सड़क से लगभग 200 मीटर दूरी से शुरू होती हैं, मंदिर के आसपास कई दुकानें हैं, दुकानों पर प्रसाद आदि मिलता है, होटलों एवं रेस्टोरेंट पर यात्री गणों के भोजन की व्यवस्था होती है। मंदिर से 2 किलोमीटर दूर ही हरिपुरधार का बाजार है जो भी व्यक्ति भंगायनी माता के दर्शन करते हैं वह शिरगुल महाराज के दर्शन भी करते हैं।
हरिपुरधार कैसे पहुंचे- हरिपुरधार पहुंचने के लिए विभिन्न स्थानों से आप जा सकते हैं। यदि आप शिमला से हैं तो शिमला से लगभग 150 किलोमीटर दूर हरिपुरधार है। रेणुका से यह 52 किलोमीटर की दूरी पर है।
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