हरिहर किले का इतिहास Harihar fort history in hindi
Harihar fort history in hindi
दोस्तों नमस्कार कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं महाराष्ट्र के हरिहर किले के बारे में
हरिहर किले के बारे में
बहुत ही कम लोग जानते होंगे इसे हर्षगढ किले के नाम से भी जाना जाता है तो चलिए पढ़ते हैं महाराष्ट्र के इस हरिहर किले के बारे में
हरिहर किला महाराष्ट्र में स्थित है इसके लिए आधारशिला यादव राजवंशों ने नवी से 14 वी शताब्दी के बीच में रखी।
कहते हैं कि यह किला व्यापार मार्ग के लिए बनाया गया था यह किला काफी आकर्षक है। इसको घूमने के लिए यदि आप जा रहे हो तो आपको 177 सीढियां चढ़ना पड़ेगी तभी इस किले को घूमने का आनंद आप ले पाएंगे।
यह किला यदि आप नीचे से देखते हैं तो चौकोर आकार का आपको दिखाई देता है। यह किला त्र्यंबकेश्वर पहाड़ पर स्थित है यहां पर आपको भगवान शिव और हनुमान जी महाराज का मंदिर भी दिखाई देता है, लोग इस मंदिर के दर्शन अवश्य करते हैं। इस मंदिर के आसपास एक सरोवर भी है।
कहते हैं की किला बन जाने के कुछ समय बाद ही आक्रमणकारियों ने इस पर हमला बोलकर अपना अधिकार कर लिया था। यदि हम इस बेहतरीन हरिहर किले पर जाते हैं तो इसकी बनावट देखकर हम आश्चर्यचकित रह जाते हैं।
इस किले पर सबसे पहले दोगस्पॉट ने चढ़ाई की थी उसके बाद ही कई अन्य लोग चढ़ाई किए थे वास्तव में यह किला महाराष्ट्र का एक बहुत ही बेहतरीन किला है, इसे एक बार देखने के लिए जरूर जाना चाहिए।
यहां पर आप एरोप्लेन के जरिए भी जा सकते हैं दरअसल इस किले से लगभग 170 किलोमीटर दूर छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है और रेलवे स्टेशन भी आसपास ही है तो आप दोनों तरह से यहां पर आसानी से पहुंच सकते हैं।
किले पर पहुंचने के लिए जो ट्रैक है कहते हैं कि वह दुनिया का सबसे खतरनाक ट्रेक है इस पर पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं है यह किला नीचे से लगभग 170 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ी पर बना है। पहाड़ी पर चढ़ने का ट्रैक निरगुड़पाड़ा गांव से शुरू होता है।
यदि आप वास्तव में घूमने के साथ रोमांचक आनंद लेना चाहते हैं तो इसके लिए यहां पर आपको जरूर जाना चाहिए।
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