हेलोवीन दिवस का इतिहास halloween day history in hindi

halloween day history in hindi

दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं हेलोवीन दिवस के इतिहास को । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और हेलोवीन दिवस के इतिहास को ध्यान से पढ़ते हैं । हेलोवीन त्योहार ईसाईयों का त्यौहार है । यह त्योहार अक्टूबर महीने के आखिरी रविवार को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है ।इस त्योहार की शुरुआत इंग्लैंड और आयरलैंड देशों से की गई थी ।

halloween day history in hindi
halloween day history in hindi

यह त्योहार पश्चिमी दिशा के सभी देश बड़ी धूमधाम से मनाते हैं । हेलोवीन त्योहार को ऑल हेलो विन , ऑल सैट्स ईव , ऑल हैलोस इवनिंग भी कहा जाता है ।हेलोवीन त्योहार सेल्टिक त्यौहार से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है । जो लोग गैलिक परंपराओं को मानते हैं वह लोग इस त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं । जिस दिन यह त्योहार मनाया जाता है वह दिन फसल का आखिरी दिन होता है , जिस दिन यह त्योहार मनाया जाता है उस दिन से ठंड के मौसम की  शुरुआत होती है ।

यह त्योहार आयरलैंड और इंग्लैंड में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है । इस त्योहार की तैयारी 1 महीने पहले से ही की जाती है । जब इस त्योहार का दिन रविवार आता है उस दिन सभी यह त्योहार मनाते हैं । जिस तरह से सभी धर्मों के अलग-अलग त्योहार मनाए जाते हैं उसी तरह से ईसाईयों का यह त्योहार भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है । कुछ ईसाईयों का यह भी कहना है कि इस दिन आत्मा धरती पर आती हैं और जीवित आत्माओं को परेशान करती हैं ।

इसीलिए आत्माओं  को भगाने के लिए सभी लोग राक्षस का लिबाज पहनते हैं , जानवरों का लिबाज पहनते हैं जिससे कि वह इन बुरी बुरी आत्माओं को भगा सके । कुछ लोगों का यह भी मानना है कि उनके पुराने पूर्वजों की आत्माएं धरती पर आती हैं और उनके आने पर भूत , चुड़ैलों के कपड़े पहन कर उनका स्वागत करते हैं । ऐसा करने से उनकी फसल की पैदावार अधिक होगी । इस त्योहार के दिन सभी अलग-अलग कपड़े पहनते हैं ।

कोई राक्षसों के कपड़े पहनता है तो कोई चुड़ैल का लिबाज पहनता है तो कोई जानवर की शक्ल का लिबाज पहनता है । कपड़े पहनने के साथ-साथ वहां पर अलाव जलाया जाता है और उस अलाव में मरे हुए जानवर की हड्डी फेंक दी जाती है । ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति उस लिबाज  में मरे हुए जानवर की हड्डी फेकता है उसके पूर्वजों की आत्मा उसको आशीर्वाद देती है जिससे कि उसके जीवन में सुख समृद्धि एवं खुशियां आती हैं ।

ऐसा कहा जाता है कि बेल्स , इरिस और स्कॉट्स के लोग सेल्टिक लोगों के वंशज हैं इसीलिए इस त्योहार को ऑल सेट्स डे भी कहा जाता है । इस त्योहार को ईसाई धर्म के लोग बड़े ही धूमधाम से पूरे उत्साह के साथ मनाते हैं । यूरोप के सेल्टिक जाति के लोगों का यह कहना है कि हेलोवीन त्योहार के दिन लालटेन भी जलाई जाती है ।  इस परंपरा के पीछे एक कहानी भी प्रसिद्ध है । दो दोस्त थे सुनील और अजय ।  सुनील  शराबी था जो कि बहुत ही कंजूस था ।

एक दिन वह अपने दोस्त अजय को घर पर शराब पिलाने के लिए ले जाता है । सुनील  अपने दोस्त से कहता है कि मेरे पास तो पैसे नहीं है लेकिन मेरे घर पर जो कद्दू लगा है वह कद्दू मैं तुम्हें दे दूंगा तुम मुझे शराब पिला देना । ऐसा दोनों दोस्तों के बीच में तय हो गया था लेकिन बाद में वह अपनी बात से मुकर जाता है और कद्दू देने से मना कर देता है । मुकर जाने के बाद अजय को बहुत जोर से गुस्सा आता है लेकिन उस समय कुछ नहीं कहता है और अपने घर  वापस चला जाता है ।

रात में अजय ने सुनील के घर के बाहर  एक कद्दू का भूत तैयार किया और जलती हुई  लालटेन को सजाकर उसके घर के सामने रख दिया । जिसको देखकर सुनील  डर जाता है । तभी से  इस त्योहार पर लालटेन जलाने  की प्रथा  की शुरुआत की गई थी । इस तरह से हेलोवीन डे के दिन लालटेन जलाई जाती है । लालटेन जलाने से घर के पुरखे एवं आत्माएं प्रसन्न होती हैं । जो खराब आत्माएं होती हैं वह दूर भाग जाती हैं ।

दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह जबरदस्त आर्टिकल हेलोवीन दिवस का इतिहास halloween day history in hindi आपको पसंद आए तो सब्सक्राइब अवश्य करें धन्यवाद ।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *