हिडिम्बा देवी मंदिर का इतिहास Hadimba temple history in hindi
Hadimba temple history in hindi
Hadimba temple – दोस्तों आज हम आपको एक आर्टिकल के माध्यम से हिडिम्बा देवी मंदिर के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगेेेे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर हिडिम्बा देवी मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।
मनाली में स्थित हिडिम्बा देवी मंदिर के बारे मे – हिडिम्बा देवी का मंदिर भारत देश के हिमाचल प्रदेश के मनाली में स्थित है । यह हिमाचल प्रदेश के मनाली का सबसे प्राचीन मंदिर है जिस मंदिर से कई लोगों की आस्था जुड़ी हुई है ।यह मंदिर प्राचीन गुफा मंदिर है । भारत देश के हिमाचल प्रदेश के मनाली में स्थित हिडिम्बा देवी का मंदिर देवी हिरमा को समर्पित है । इस मंदिर का वर्णन भारत का प्राचीन ग्रंथ महाभारत में किया गया है । हिडिम्बा देवी पांडवों के पांचों पुत्रों में से एक महाबली पुत्र भीम की पत्नी हैं । इस मंदिर के निर्माण के बारे में मंदिर के शिलालेख में यह बताया गया है कि इस मंदिर का निर्माण हिमाचल प्रदेश के मनाली के राजा बहादुर सिंह के द्वारा 1553 ईस्वी में करवाया गया था ।
जब महाराज बहादुर सिंह के द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराया गया तब उन्होंने इस मंदिर का निर्माण पैगोड़ा शैली में कराया गया था ।मनाली का यह सुंदर अद्भुत चमत्कारी मंदिर मनाली मॉल से 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक पहाड़ी पर है ।जिसकी सुंदरता बर्फ गिरने के बाद और भी अधिक सुंदर दिखाई देने लगती है । यह मंदिर देवदार वृक्षो से घिरा हुआ है । हिमाचल प्रदेश के मनाली में स्थित हिडिम्बा देवी मंदिर में हिडिम्बा देवी के चरण पादुका भी स्थित हैं । इस मंदिर के बारे में यह बताया जाता है कि प्राचीन समय में जब यह मंदिर बनाया गया था तब इस मंदिर के बनने के बाद इस मंदिर में जानवरों की बलि चढ़ाई जाती थी ।
परंतु अब मंदिर के अंदर जानवरों की बलि चढ़ाने से मना कर दिया गया है । प्राचीन समय में जब यहां पर जानवरों की बलि चढ़ाई जाती थी तब जानवरों के सींगो को मंदिर की दीवार पर टांग दिए जाते थे जो सींग आज भी मंदिर की दीवार पर लगे हैं । इस मंदिर में भीम पुत्र घटोत्कच्च का मंदिर भी बना हुआ है जिस मंदिर का निर्माण भी 1553 में महाराज बहादुर सिंह के द्वारा कराया गया था । लकड़ी के द्वारा बनाए गए इस मंदिर की 4 छत हैं । मंदिर की जो सबसे नीचे वाली छत है उस छत का निर्माण देवदार लकड़ी के तख्तो के द्वारा किया गया है ।
सबसे ऊपर वाली छत का निर्माण पीतल एवं तांबे से किया गया है ।हिमाचल प्रदेश के मनाली शहर में स्थित हिडिम्बा देवी के मंदिर और भी कई पर्यटन है जहां पर कई पर्यटक घुमने के लिए आते हैं और इस मंदिर की सुंदरता को देखकर आनंद प्राप्त करते हैं । इस मंदिर के दर्शनों के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्तगण आते हैं और एक एक करके लाइन में लगकर माता हिडिम्बा देवी के दर्शन करते हैं । सभी भक्तगण माता हिडिम्बा देवी के चरणों में माथा टेककर माता से विनती करते हैं । जो भी भक्त गण मंदिर के दर्शन करने के लिए जाता है उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं ।
इस मंदिर के अंदर जो हिडिम्बा देवी के चरण पादुका मौजूद हैं उस चरण पादुका पर भी सभी भक्तगण अपना माथा टेकते हैं । हिडिम्बा देवी महाभारत ग्रंथ के अनुसार भीम की पत्नी हैं जो राक्षस कुल की थी । घटोत्कच्च भीम और हिडिम्बा देवी के पुत्र थे जिसने महाभारत के कुरुक्षेत्र में भीम के भाई अर्जुन की रक्षा के लिए वाण अपने सीने पर खा लिया था जिसके बाद घटोत्कच्च की मृत्यु हो गई थी । यह मंदिर पहाड़ी पर होने के लिए प्रसिद्ध है । जो भी पर्यटक इस मंदिर के दर्शन के लिए जाता है वह मंदिर के दर्शन करने के साथ-साथ मनाली के आसपास की सुंदरता को देखने के लिए भी जाता है क्योंकि मंदिर के आसपास का स्थान भी बहुत सुंदर है ।
जब कुरूक्षेत्र का युद्ध कौरवो और पांडवों में हो रहा था तब हिडिम्बा देवी ने अपने पुत्र घटोत्कच्च को पिता भीम की मदद के लिए भेजा था जिस युद्ध में घटोत्कच्च वीरगति को प्राप्त हो गया था । जो भी व्यक्ति हिडिम्बा देवी के मंदिर की सुंदरता देखना चाहता है वह हिमाचल प्रदेश के मनाली शहर जाकर इस मंदिर की सुंदरता को अवश्य देखें । जब इस मंदिर की सुंदरता व्यक्ति अपनी आंखों से देखता है तब उसे अपने जीवन में खुशियां ही खुशियां प्राप्त होती है ।
- कपासन माता जी का मंदिर का इतिहास Kapasan mata mandir history in hindi
- रानी सती मंदिर झुंझुनू का इतिहास Rani sati temple jhunjhunu history in hindi
दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह बेहतरीन आर्टिकल हिडिम्बा देवी मंदिर का इतिहास Hadimba temple history in hindi यदि आपको पसंद आए तो सबसे पहले आप सब्सक्राइब करें इसके बाद अपने दोस्तों एवं रिश्तेदारों में शेयर करना ना भूले । दोस्तों यदि आपको इस लेख में कुछ गलती नजर आए तो कृपया कर आप हमें उस गलती के बारे में अवश्य बताएं जिससे कि उस गलती को सुधार कर हम यह आर्टिकल आपके समक्ष पुनः प्रस्तुत कर सकें धन्यवाद ।