गोरा और बादल की सच्ची कथा gora badal ki katha in hindi
gora badal ki katha in hindi
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से गोरा और बादल की सच्ची कथा सुनाने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और मेवाड़ के सच्चे वीर गोरा और बादल की कथा को पढ़ते हैं । गोरा और बादल एक ऐसे वीर योद्धा थे जिन्होंने अपनी वीरता का परिचय खिलजी की सेना को मुंहतोड़ जवाब देकर दिया है ।
image source –http://www.abhigyandarpan.com/article
गोरा एवं बादल दोनों चाचा भतीजे थे । दोनों में कूटनीति बुद्धि बहुत अधिक थी । वह अपनी शक्ति और पराक्रम के लिए जाने जाते थे । गोरा और बादल जालौर के चौहान वंश से ताल्लुक रखते हैं । जब रानी पद्मिनी का विवाह मेवाड़ के राजा रतन सिंह से हुआ था तब गोरा और बादल चित्तौड़ का हिस्सा बन गए थे । गोरा और बादल चित्तौड़ के राजा रतन सिंह के लिए काम करने लगे थे । गोरा और बादल की वीरता को देखते हुए चित्तौड़ के राजा रतन सिंह ने सेना की पूरी जिम्मेदारी गोरा और बादल को दे दी थी ।
कई युद्ध में गोरा और बादल ने अपने पराक्रम से चित्तौड़ के राजा रतन सिंह को जीत दिलाई थी । जब अलाउद्दीन खिलजी की नजर चित्तौड़ पर पड़ी तब अलाउद्दीन खिलजी चित्तौड़ को हासिल करने का प्लान बनाने लगा था । अलाउद्दीन खिलजी की सेना इतनी मजबूत नहीं कि कि वह चित्तौड़ के राजपूतों का सामना कर सके ।अलाउद्दीन खिलजी ने एक बार चित्तौड़ के राजा रतन सिंह को बात करने के लिए बुलवाया और धोखे से रतन सिंह को बंदी बना लिया था ।
जब अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ के राजा रतन सिंह को बंदी बना लिया था तब रानी पद्मिनी को यह सूचना भिजवा दी थी की चित्तौड़ के राजा रतन सिंह को तब तक नहीं छोड़ा जाएगा जब तक रानी पद्मिनी यहां पर नहीं आएगी । यह संदेशा पढ़ने के बाद रानी पद्मिनी ने बुद्धि से काम लिया और गोरा और बादल को बुलाकर अलाउद्दीन खिलजी को उसी के जाल में फसाने का प्लान तैयार किया । रानी पद्मिनी ने यह सूचना भिजवाई कि में वहां पर आने के लिए तैयार हूं ।
एक पालकी तैयार करवाई और उस पालकी में रानी पद्मिनी की जगह पर गोरा को बैठा दिया गया था । रानी की दासियों की जगह पर राजपूतों की सेना को भेजा गया था । वहां पर पहुंचने के बाद रानी पद्मिनी की डोली को वहां पर भिजवाया गया जहां पर रतन सिंह को बंदी बनाकर रखा गया था । जब रतन सिंह ने देखा कि इस डोली में गोरा है तब वह बहुत खुश हुए । गोरा ने राजा रतन सिंह को घोड़े पर बिठाकर अपने राज्य की ओर भिजवा दिया था ।
इसके बाद राजपूतों की सेना ने अलाउद्दीन खिलजी की सेना पर आक्रमण कर दिया था ।अलाउद्दीन खिलजी यह देखकर का हक्का बक्का रह गया था । वह समझ नहीं पा रहा था कि यह क्या हुआ लेकिन राजा रतन सिंह अपने राज में सुरक्षित पहुंच गए थे ।अलादीन खिलजी की सेना से लड़ाई करते हुए गोरा एवं बादल वीरगति को प्राप्त हुए । गोरा और बादल की वीर गाथा के इतिहास को पढ़ने के बाद हमें बहुत ही गर्व महसूस होता है कि गोरा और बादल जैसे वीर योद्धा हमारे भारत देश में जन्मे हैं ।
जिस तरह से गोरा और बादल ने कूटनीति के साथ साथ शक्ति से अलाउद्दीन खिलजी को मात दी उसी से हम यह अंदाजा लगा सकते हैं की गोरा और बादल कितने वीर योद्धा थे । गोरा और बादल के वीरता के चर्चे इतिहास में लिखे गए हैं जिनको पढ़ने के बाद हमें गर्व महसूस होता है ।
- सफल विद्यार्थी की आत्मकथा निबंध safal vidyarthi ki atmakatha in hindi
- जीण माता की कथा इन हिंदी jeen mata katha in hindi
दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह जबरदस्त लेख गोरा और बादल की सच्ची कथा gora badal ki katha in hindi यदि पसंद आए तो अपने रिश्तेदारों एवं दोस्तों में शेयर अवश्य करें धन्यवाद ।