गोलकोंडा किले का इतिहास Golconda fort history in hindi

Golconda fort history in hindi

Golconda fort – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से गोलकोंडा किले का इतिहास बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर गोलकोंडा किले के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Golconda fort history in hindi
Golconda fort history in hindi

हैदराबाद में स्थित गोलकोंडा किले के बारे में – दोस्तों भारत देश किलो , महलों और पहाड़ों के लिए पहचाना जाता है । प्राचीन किलो की सुंदरता आज भी सभी लोगों का मन मोह लेती है । गोलकोंडा किले भारत देश का सबसे सुंदर , अद्भुत और चमत्कारी किला है जो भारत देश के दक्षिण भारत में हैदराबाद नगर से तकरीबन 5 मील की दूरी पर स्थित है । जिस किले की सुंदरता को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और गोलकोंडा किले की सुंदरता को देखकर अपने जीवन में सुख , समृद्धि और आनंद प्राप्त करते हैं ।

हैदराबाद में स्थित गोलकोंडा किले का निर्माण वारंगल के महान राजाओं के द्वारा 14 वीं शताब्दी के दौरान कराया गया था । जब गोलकोंडा किले का निर्माण वारंगल राजाओं के द्वारा कराया जा रहा था तब इस किले को बनाने के लिए दूर-दूर से कारीगरों को बुलाया गया था जिससे कि इस किले की सुंदरता को बहुत अधिक सुंदर बनाया जा सके । पूर्व काल में भारत देश का गोलकोंडा किला कुतुबशाही राज्य में मिलने वाले हीरे जवाहरातों के लिए प्रसिद्ध था क्योंकि पूर्व काल के समय में कुतुबशाही राज्य में  जवाहरात , हीरे मिलते थे ।

जब गोलकोंडा किले का निर्माण वारंगल के राजाओं के द्वारा कराया गया था और इस किले का निर्माण कार्य  पूरा हो गया था तब यह किला कई राजाओं के हाथों में चला गया था । जब यह किला अन्य राजाओं के हाथों में चला गया था तब यह किला मुहम्मद नगर कहलाने लगा था । परंतु धीरे-धीरे समय बीतने के बाद तकरीबन 1512 ईसवी में गोलकोंडा किला कुतुबशाही राजाओं के अधिकार में आ गया था और यह किला कुतुबशाही राजाओं के अधिकार में तब तक रहा जब तक हैदराबाद का शिलान्यास नहीं किया गया था । जब हैदराबाद का शिलान्यास किया गया तब यह कुतुबशाही राजाओं की राजधानी नहीं रही थी ।

इसके बाद दोस्तों 1687 ईस्वी में औरंगजेब ने इस किले पर हमला कर दिया था और औरंगजेब ने अपने सैनिकों के साथ मिलकर युद्ध को जीतकर यह किला जीत लिया था । दोस्तों मैं आपको इस किले  के बारे में बता देना चाहता हूं कि भारत देश का यह सुंदर , अद्भुत चमत्कारी गोलकोंडा किला एक ग्रेनाइट की पहाड़ी पर बना हुआ है ।इस किले की सुंदरता के चर्चे चारों तरफ किए जाते हैं । इस किले में अद्भुत चमत्कारी 8 दरवाजे लगे हुए हैं जिसकी सुंदरता यह बताती है कि वाकई में बनाने वाले ने इस किले को बनाने में कितनी मेहनत की होगी , कई लोगों की मेहनत के बाद ही यह किला बहुत सुंदर बन पाया होगा ।

यह किला चारों तरफ लंबी मजबूत दीवार से घिरा हुआ है । आज भी इस किले की सुंदरता बहुत ही अद्भुत , सुंदर दिखाई देती है । यहां के महल और मस्जिद खंडहर हो गए हैं परंतु आज भी दूर-दूर से पर्यटक इस किले की सुंदरता , महलों की सुंदरता , मस्जिदों की सुंदरता को देखने के लिए जाते हैं और जब गोलकोंडा किले की सुंदरता को देखते हैं तब वह अपने जीवन में सुख समृद्धि प्राप्त करते हैं । किले के पास में ही एक मूसी नदी बहती है जो नदी दक्षिण में बहती है और इस बहती हुई नदी से गोलकोंडा किले की सुंदरता में चार चांद लगते हैं । इसके बाद किले के आसपास की सुंदरता भी बहुत अधिक सुंदर है ।

किले से लगभग आधा मील दूर कुतुबशाह राजा के मकबरे भी बने हुए हैं जो मकबरे ग्रेनाइट पत्थर के बने हुए हैं । मकबरे आज टूटी-फूटी अवस्था में वहां पर स्थित है । जो भी व्यक्ति इन मकबरो को देखता है वह यह सोचता होगा कि यह देश की विरासत है और इस विरासत की देखरेख ठीक तरह से नहीं की जा रही है जिसके कारण यह विरासत धीरे-धीरे नष्ट होती जा रही है । हैदराबाद में स्थित गोलकोंडा किले की सुंदरता की प्रशंसा जितनी की जाए उतनी कम है । आज गोलकोंडा किले की सुरक्षा के लिए सरकार को कदम उठाना चाहिए । इस किले की देखरेख के लिए उचित कदम उठाना सरकार का दायित्व है ।

जब हमारे देश की यह विरासत गोलकोंडा किला सुरक्षित रहेगा तब आने वाली पीढ़ी भी इस किले की सुंदरता को देख  सकेंगे ।

दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह बेहतरीन आर्टिकल गोलकोंडा किले का इतिहास Golconda fort history in hindi यदि आपको पसंद आए तो सबसे पहले आप सब्सक्राइब करें इसके बाद अपने दोस्तों एवं रिश्तेदारों में शेयर करना ना भूले । दोस्तों यदि आपको इस आर्टिकल में कुछ कमी या गलती नजर आए तो आप कृपया कर हमें उस गलती या कमी के बारे में हमारी ईमेल आईडी पर अवश्य बताएं जिससे कि हम उस गलती को सुधार कर यह आर्टिकल आपके समक्ष पुनः प्रस्तुत कर सके धन्यवाद ।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *