पीढ़ी अंतराल या जनरेशन गैप पर भाषण Generation gap speech in hindi
Generation gap speech in hindi
Generation gap – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पीढ़ी अंतराल या जनरेशन गैप पर भाषण सुनाने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर पीढ़ी अंतराल या जेनरेशन गैप के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं ।
नमस्कार दोस्तों, मैं अरुण नामदेव आप सभी लोगों का इस कार्यक्रम में स्वागत वंदन अभिनंदन करता हूं । सबसे पहले मैं यहां पर उपस्थित सभी मेरे भाइयों , बहनों को धन्यवाद देना चाहता हूं कि आपने मुझे पीढ़ी अंतराल या जनरेशन गैप पर दो शब्द कहने का मौका दिया है । पीढ़ी अंतराल या जनरेशन गैप के बारे में बात करने से पहले मैं आपको जनरेशन गैप के बारे में बताने जा रहा हूं । जनरेशन गैप क्या है ? जनरेशन गैप वह गैप है जो माता-पिता , दादा-दादी और बच्चों के बीच जो विचार होते हैं उन विचारों में अंतर को दर्शाता है ।
जनरेशन गैप पर एक सिद्धांत भी 1960 को सभी के समक्ष पेश किया गया था । जनरेशन गैप के सिद्धांत को सिद्ध करने के लिए कई परिवार के बच्चों , माता-पिता , दादा-दादी से बातचीत की गई थी । उनके खाने-पीने , कपड़े पहनने , पसंद ना पसंद के बारे में जानकारी ली गई थी । जानकारी लेने के बाद यह पता चला था कि वाकई में पीढ़ी दर पीढ़ी जनरेशन में बदलाव आते हैं । चाहे धार्मिक विश्वासों की बात हो , चाहे राजनीतिक विचारों की बात हो और चाहे नैतिक मूल्यों की बात हो सभी में पीढ़ी दर पीढ़ी विचारों में बदलाव आते हैं ।
आज से कुछ समय पहले की बात करें तो कुछ लोगों को अपने माता पिता से आज्ञा लेकर कार्य करने की चेष्टा थी ।आज जनरेशन गैप के कारण कई बदलाव देखे गए हैं ।माता-पिता की सोच और नई युवा पीढ़ी बच्चों की सोच में काफी अंतर देखा गया है । दुनिया के महान लेखक कार्ल मैनहैम ने जनरेशन पीढ़ी के बारे में यह बताया है की जनरेशन गैप के कारण ही आज माता-पिता और बच्चों के बीच संघर्ष की जंग चालू है क्योंकि नई पीढ़ी नए नए फैशन को अपना कर आगे बढ़ रहे हैं और पुरानी पीढ़ी को नए फैशन पर विश्वास नहीं है , पसंद नहीं है । जनरेशन गैप के कारण ही समाज में कई बदलाव देखे गए हैं ।
प्राचीन समय में भारत देश में संयुक्त परिवार की एक प्रथा थी जिस प्रथा को सभी मानकर एक साथ रहकर अपना जीवन व्यतीत करते थे । परंतु जैसे-जैसे जनरेशन गैप हुआ वैसे वैसे ही समाज में काफी बदलाव देखने को मिले और सभी लोग अलग परिवार बसाने में विश्वास रखने लगे हैं । पिछले समय मे लड़कियों , महिलाओं का जीवन खाना बनाने और घर तक ही जीवन सीमित था । परंतु जनरेशन गैप के कारण समाज और नई पीढ़ी की सोच बदली और आज महिलाओं , लड़कियों को पढ़ने की ओर अग्रसर किया गया जिससे सभी लड़कियों का भविष्य बना है ।
आज समाज की बदलती हुई सोच और जनरेशन गैप के कारण ही नारी जाति को हर क्षेत्र में काम करने का अधिकार प्राप्त है और वह निरंतर सफलता की ओर बढ़ रही हैं । जनरेशन गैप के कारण युवा पीढ़ी की सोच में भी बदलाव देखा गया है । जनरेशन पीढ़ी गैप से कुछ फायदे हुए हैं तो कुछ नुकसान भी हुए हैं । जनरेशन गैप के कारण युवाओं की सोच बदली है और एक सफल व्यक्ति बनने की सोच उनकी बनी है । यह सोच युवा पीढ़ी के लिए बहुत ही फायदेमंद है । युवा पीढ़ी बदलती हुई सोच के कारण नई नई खोज करने में विश्वास रखती हैं ।
जनरेशन गैप के कारण कुछ नुकसान भी मानव जाति को हुआ है । प्राचीन समय में बच्चे अपने माता-पिता के साथ रहकर जीवन व्यतीत करने में विश्वास रखते थे परंतु नई जनरेशन अपने सपनों को पूरा करने के लिए अपने माता-पिता से दूर रहकर अपना जीवन जीने में विश्वास रखते हैं । जनरेशन गैप के कारण ही भाषा में भी कई बदलाव देखे गए हैं । भारत देश में कई ऐसी कुप्रथा थी जिन प्रथाओं को जनरेशन गैप के बदलते विचारों से खत्म किया गया है । कुछ परिवारों में जनरेशन गैप के कारण विचारों में बदलाव देखेे गए हैं ।
जनरेशन गैप से धार्मिक विश्वासों में भी अंतर देखा गया है । प्राचीन समय के जो लोग थे वह लोग धार्मिक विश्वासों के साथ अपने जीवन को जीते थे परंतु नई जनरेशन की सोच धार्मिक विश्वासों से बदलती जा रही है । दोस्तों मे यही कहूंगा कि हमें अपने जीवन में बदलाव अवश्य करना चाहिए परंतु भारतीय संस्कृति जो पुरानी सभ्यता है उस सभ्यता को भी हमें अपने जीवन में उतारना चाहिए । इसी बात के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं धन्यवाद ।
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