जयपुर यात्रा वृतांत पर निबंध Essay on visit to jaipur in hindi
Essay on visit to jaipur in hindi
Essay on my trip to jaipur in hindi – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से राजस्थान की सबसे सुंदर राजधानी जयपुर एवं वहाँ के सबसे सुंदर स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और जयपुर यात्रा वृतांत पर लिखे इस निबंध को पढ़कर जयपुर के पर्यटक स्थलों के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं ।

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राजस्थान की राजधानी जयपुर के बारे में About Jaipur the capital city of Rajastha- भारत देश का सबसे सुंदर और दर्शनीय राज्य राजस्थान कहलाता है । जहां की संस्कृति की प्राचीन समय से ही पूरी दुनिया में चर्चा रही है । राजस्थान जैसे सुंदर शहर पर राजपूत राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने कई सालों तक राज किया है ।राजस्थान राजाओं , महाराजाओं की नगरी कहलाती है ।राजा महाराजाओं के द्वारा राजस्थान का विकास निरंतर किया गया है इसीलिए आज राजस्थान में कई महल है ।जहां पर देश-विदेश से पर्यटक घूमने के लिए जाते हैं और अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं ।
जयपुर राजधानी पर महाराज सवाई जयसिंह द्वितीय ने सन 1744 तक शासन किया है और अपने शासनकाल में जयपुर के विकास के लिए निरंतर काम महाराज सवाई जयसिंह के द्वारा किए गए हैं । जयपुर शहर की जितनी प्रशंसा करें उतनी कम है क्योंकि जयपुर शहर में जो भी व्यक्ति , जो भी पर्यटक घूमने के लिए जाता है वह जयपुर के सुंदर-सुंदर स्थानों पर जाकर आनंद प्राप्त करता है । विदेशों से कई पर्यटक भारत देश आकर जयपुर की पहाड़ियों , जयपुर के पैलेस , राज महल देखने के लिए अवश्य जाता है । जयपुर का चिड़ियाघर काफी प्रसिद्ध है ।
जो भी व्यक्ति , जो भी पर्यटक जयपुर घूमने के लिए आता है वह चिड़ियाघर में घूमने के लिए अवश्य जाता है । जयपुर पर्यटकों के लिए सबसे सुंदर शहर है । जब मैं जयपुर घूमने के लिए गया था तब मैं जयपुर की सुंदरता को देखकर आनंदित हो गया था क्योंकि मैंने इतने अच्छे अच्छे स्थान , महल कभी भी नहीं देखे थे । जब मैं पहली बार जयपुर गया तब मैं बहुत खुश था । मेरी फैमिली मेरे साथ में गई हुई थी । मैं अपनी फैमिली के साथ जयपुर के सभी प्रसिद्ध स्थानों पर गया और सभी स्थानों की सुंदरता को देखकर मैंने अपने जीवन में आनंद की अनुभूति प्राप्त की थी ।
जयपुर की सुंदरता को देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा था । मैं जयपुर की सुंदरता का बखान जितना करूं उतना कम है क्योंकि मेरे पास इतने शब्द है ही नहीं हैं कि मैं जयपुर की सुंदरता की प्रशंसा कर सकूं । अब मैं आपको आगे यह बताने जा रहा हूं कि जब मैं अपने परिवार के साथ जयपुर घूमने के लिए गया था तब मैं किन-किन स्थानों पर जाकर मुझे आनंद प्राप्त हुआ था ।
जयपुर की सुंदरता के बारे में About the beauty of Jaipur- जयपुर की सुंदरता की यदि बात करें तो जयपुर की सुंदरता के चर्चे पूरी दुनिया में किए जाते हैं । जयपुर में चारों तरफ सुंदरता ही सुंदरता दिखाई देती है । जयपुर के रेलवे स्टेशन से लेकर जयपुर की सीमा जहां तक लगती है वहां तक प्रसिद्ध एवं सुंदर सुंदर स्थान घूमने के लिए हैं । काफी लोग जयपुर की सुंदरता को देखने की लिए जाते हैं । जयपुर की संस्कृति पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है । जयपुर की संस्कृति प्राचीन संस्कृति कहलाती है जो संस्कृति आज भी वहां पर दिखाई देती हैं । जयपुर के पहनावे की बात करें तो वहां का पहनावा प्राचीन समय से ही चर्चाओं में रहा है ।
जयपुर का सबसे सुन्दर पर्यटन स्थल हवा महल के बारे में About Hawa Mahal- दोस्तों आज हम हवा महल के बारे में बातचीत करेंगे ।जयपुर का सबसे सुंदर महल हवा महल है जिसकी सुंदरता की जितनी प्रशंसा करें उतनी कम हैं । जयपुर मे जब भी कोई पर्यटक घूमने के लिए जाता है वह हवा महल को देखने के लिए अवश्य जाता है क्योंकि जयपुर का सबसे सुंदर महल हवामहल है । विदेशों से कई पर्यटक हवामहल को देखने के लिए आते हैं क्योंकि हवा महल राजस्थान की संस्कृति का प्रदर्शन करती है । हवामहल को देखने के बाद आनंद प्राप्त होता है ।
हवामहल का निर्माण 1798 में किया गया था । इसकी बनावट को बहुत सुंदर तरह से सजाया गया था । इस महल के निर्माण मे महाराजा सवाई प्रताप सिंह का सबसे महत्वपूर्ण योगदान था । महाराजा सवाई प्रताप सिंह जी ने इस महल के निर्माण के लिए बेहतरीन नक्काशी करने वाले उस्तादों को बुलाया था । इस महल की योजना एवं निर्माण का कार्य महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने लालचंद को सौंप दिया था । लालचंद उस्ताद के द्वारा ही इस महल की डिजाइन तैयार की गई थी ।
जब इस महल का निर्माण कार्य पूरा हो गया था तब काफी लोग इस महल को देखने के लिए आए थे । दूर-दूर से लोग इस महल को देखने के लिए आए थे । इस महल का निर्माण लाल गुलाबी पत्थरों से , बलुआ पत्थरों से किया गया था जिससे की इस हवा महल की सुंदरता बहुत अच्छी लगे । इस महल की ऊंचाई तकरीबन 50 फिट की है । इस महल की सुंदरता के चर्चे देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक होते हैं । इस महल में 953 जालीदार खिड़कियां बनाई गई है ।
इन जालीदार खिड़कियों के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह जालीदार खिड़कियां इसलिए बनाई गई है क्योंकि इस महल में राजघराने की महिलाएं पर्दा प्रथा में रह सकें और वह महल के अंदर रहकर , पर्दा प्रथा में रहकर बाहर के हालात जान सकें । इन जालीदार खिड़कियों को झरोखे भी कहा जाता है । इन जालीदार खिड़कियों के माध्यम से महल के अंदर ठंडी ठंडी शुद्ध ताजा हवा जाती है जिससे कि महल के अंदर का वातावरण शुद्ध और स्वच्छ रहता है । हवा महल के नीचे मुख्य लंबा चौड़ा गार्डन बनाया गया है । जहां पर पर्यटक घूम कर आनंद प्राप्त करते हैं ।
कई वर्षों से हवा महल कि कुछ जगह क्षतिग्रस्त हो रही थी । पुरातत्व विभाग के द्वारा उस क्षतिग्रस्त जगह को ठीक करने के लिए 2005 में हवामहल का निर्माण कार्य , क्षतिग्रस्त स्थान का निर्माण कार्य प्रारंभ किया था । जिसके लिए पुरातत्व विभाग ने 43679 लाख रुपए का बजट इस महल में खर्च किया था जिससे की इस महल की सुंदरता में चार चांद लग जाएंगे । प्रति वर्ष लाखों करोड़ों में पर्यटक जयपुर के हवामहल को देखने के लिए आते हैं और अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं ।
मैं जब जयपुर गया था तब मैं हवा महल को देखने के लिए भी गया था ।जब मैंने पहली बार हवा महल को देखा और हवा महल के अंदर घूमने के लिए गया तब मैंने अपने जीवन में खुशी का अनुभव प्राप्त किया था । यदि हम अपने जीवन में आनंद प्राप्त करना चाहते हैं तो अपने कीमती समय में से कुछ समय निकालकर जयपुर घूमने के लिए अवश्य जाना चाहिए , जयपुर के हवामहल को देखने के लिए अवश्य जाना चाहिए ।
जयपुर का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल नाहरगढ़ फोर्ट के बारे में About Nahargarh Fort- दोस्तों अब हम जयपुर के सबसे सुंदर पर्यटन स्थल नाहरगढ़ फोर्ट के बारे में बातचीत करेंगे । जयपुर की सुंदरता यदि हम लोगों को देखना है तो हमें जयपुर जाकर नाहरगढ़ फोर्ट को अवश्य देखना चाहिए क्योंकि नाहरगढ़ फोर्ट की सुंदरता का बखान हम अपने शब्दों से नहीं कर सकते हैं । नाहरगढ़ फोर्ट की सुंदरता इतनी अच्छी है कि हमारे पास शब्द ही नहीं है कि हम उस महल की सुंदरता का बखान कर सकें । नाहरगढ़ फोर्ट अरावली पर्वतमाला के ऊपर बनाया गया है ।
इसकी सुंदरता को ध्यान में रखते हुए जब इसका निर्माण सवाई राजा जयसिंह द्वितीय द्वारा 1734 में करवाया गया था तब दूर-दूर से महल की सुंदरता को और भी सुंदर बनाने के लिए नक्काशी को , उस्तादों को बुलाया गया था । जब नाहरगढ़ फोर्ट का निर्माण हो गया था तब देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग इसके दर्शनों के लिए आए थे क्योंकि यह जयपुर का सबसे सुंदर नाहरगढ़ फोर्ट है । सबसे बड़ी बात यह है कि यह नाहरगढ़ फोर्ट पर्वत के ऊपर बना हुआ है ।
जब हम नाहरगढ़ फोर्ट के अंदर घूमने के लिए जाते हैं तब हमें बड़ा आनंद प्राप्त होता है क्योंकि चारों तरफ का नजारा हम इस किले के अंदर से देख सकते हैं । किले के अंदर चारों तरफ से शुद्ध ताजा हवा आती है । जब दूर-दूर से पर्यटक घूमने के लिए जयपुर आते हैं तब वह नाहरगढ़ फोर्ट की सुंदरता को देखने के लिए अवश्य जाता हैं क्योंकि इस नाहरगढ़ फोर्ट की सुंदरता के चर्चे विदेशों में तक होते हैं । नाहरगढ़ फोर्ट की सुंदरता की जितनी प्रशंसा करें उतनी कम है ।
किले के बारे में कुछ लोगों के द्वारा ऐसा भी कहा जाता है कि इस किले के अंदर राजपूत के किसी नाहर सिंह नाम के व्यक्ति की प्रेतात्मा भटकती रहती है । इस किले के अंदर 19वीं शताब्दी के दौरान सवाई माधो सिंह एवं सवाई राम सिंह के द्वारा किले के अंदर भवनों का निर्माण करवाया गया था । सवाई राम सिंह की नो रानियां थी । महाराज सवाई राम सिंह ने अपनी सभी रानियों को अलग अलग रहने की व्यवस्था करने के लिए अलग-अलग आवास खंड बनवाए गए थे ।
यदि हम भी उन आवास खंडों को देखना चाहते हैं , नाहरगढ़ फोर्ट की सुंदरता को देखना चाहते हैं तो हमें अपने जीवन में से कुछ समय निकालकर जयपुर के नाहरगढ़ फोर्ट की सुंदरता को देखने के लिए अवश्य जाना चाहिए । जब हम इस नाहरगढ़ फोर्ट की सुंदरता को देखेंगे तब हमें नाहरगढ़ फोर्ट की सुंदरता के बारे में पता चलेगा । जो भी व्यक्ति नाहरगढ़ फोर्ट की सुंदरता को देखने के लिए जाता है वह कई बार नाहरगढ़ फोर्ट की सुंदरता को देखने के लिए जाता है ।
जयपुर का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल जल महल के बारे में About Jal Mahal- जयपुर का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल के रूप में जल महल की पहचान होती है । जल महल की सुंदरता के चर्चे पूरे देश में किए जाते हैं और भारत देश के कोने कोने से पर्यटक घूमने के लिए जयपुर के जल महल मे अवश्य जाते हैं । जयपुर के जल महल की सुंदरता बहुत सुंदर है ।यह जल महल पानी में बनाया गया है । इस जल महल का निर्माण सवाई जय सिंह के द्वारा किया गया था । इस महल के निर्माण के बारे में ऐसा कहा जाता है कि महाराजा जयसिंह इस महल का निर्माण अपनी रानी एवं पंडितों के स्नान के लिए करवाया था ।
जब महाराजा जयसिंह के द्वारा अश्वमेध यज्ञ करवाया गया था तब इसी महल में राजा जयसिंह एवं उनकी सभी धर्म पत्नियों ने इसी तालाब में स्नान किया था क्योंकि स्नान के उद्देश्य से ही राजा जयसिंह ने इस महल का निर्माण करवाया था । यह जल महल मानसागर झील के मध्य बनवाया गया था ।यह प्रसिद्ध सुंदर ऐतिहासिक महल है जिसकी सुंदरता का बखान पूरे विश्व में किया जाता है । इस महल की सुंदरता झीलों के बीच में होने के कारण अच्छी लगती है क्योंकि यह जल महल अरावली पहाड़ियों के झीलों के बीचों-बीच स्थित है ।
इसी कारण से इस सुंदर जल महल को आईबॉल भी कहा जाता है । कई पर्यटक इस जल महल को देखने के लिए जाते हैं और अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । इस महल को रोमांटिक भी कहां जाता है क्योंकि इसकी सुंदरता बहुत अधिक है । हम इसकी सुंदरता के बारे में जितनी चर्चा करें उतनी कम है । हमें अपने जीवन में एक बार अवश्य जयपुर जाकर जल महल की सुंदरता को देखना चाहिए क्योंकि जयपुर के जल महल की सुंदरता के चर्चे विदेशों में तक होते हैं ।
जब मैं जयपुर घूमने के लिए गया था तब मैं जयपुर के जल महल को देखने के लिए भी गया था । जब मैंने पहली बार जयपुर के जल महल की सुंदरता को देखा तब मैंने अपने जीवन में आनंद ही आनंद प्राप्त किया था और मैंने यह निश्चय कर लिया था कि मैं अब जल महल को देखने के लिए अपने पूरे परिवार के साथ में आऊंगा । जल महल की सुंदरता को दिन-प्रतिदिन राजस्थान की सरकार के द्वारा एवं पुरातत्व विभाग के द्वारा बढ़ाया जा रहा है ।
प्रतिवर्ष इसकी सुंदरता को बढ़ाने के लिए काफी धनराशि पुरातत्व विभाग के द्वारा खर्च की जाती है । जल महल के अंदर किसी भी तरह की कोई क्षति ना हो इसके लिए पुरातत्व विभाग के द्वारा विकास के कार्य जल महल में करवाएं जाते है ।
जयपुर का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल शीश महल के बारे में About Sheesh Mahal- जयपुर मे कई पर्यटन स्थल हैं जहां पर देश विदेशों से लोग घूमने के लिए जाते हैं । उन्हीं पर्यटन स्थलों में एक शीश महल भी है जिसकी सुंदरता के चर्चे देश विदेशों में किए जाते हैं । शीश महल की सुंदरता को जब हम देखते हैं तब हमें बड़ा गर्व महसूस होता है कि शीशमहल हमारे भारत देश के राजस्थान राज्य में स्थित है । जिसकी सुंदरता को देखने के लिए हम सभी जा सकते हैं । जब हम शीश महल की सुंदरता को देखते हैं तब हमें अपने जीवन में बड़ा आनंद प्राप्त होता है ।
जयपुर में स्थित शीश महल का निर्माण राजा जयसिंह के द्वारा करवाया गया था । राजा जयसिंह के द्वारा शीश महल का निर्माण 1623 ईस्वी में करवाया गया था । जब राजा जयसिंह ने शीश महल के निर्माण की योजना बनाई तब राजा जयसिंह ने शीश महल के निर्माण के लिए बेल्जियम देश से सुंदर चमकीले शीशा का आयात किया था । शीश महल अंबेर के किला का ही एक हिस्सा है जिस को हम सभी शीश महल के नाम से जानते हैं । यह होल जय मंदिर का एक सबसे बड़ा हिस्सा है जिसकी सुंदरता को और भी सुंदर बनाने के लिए राजा जयसिंह ने 1623 में चारों तरफ सुंदर-सुंदर दर्पण लगवाए थे ।
जब इन दर्पणो पर सूर्य की किरण पड़ती है तब चारों तरफ सुंदर चमकीली रोशनी चमकने लगती है । जिससे इस शीश महल की सुंदरता बहुत अच्छी लगती है । जो भी व्यक्ति इस शीशमहल को देखने के लिए जाता है वह अपने जीवन में आनंद ही आनंद प्राप्त करता है क्योंकि इसकी सुंदरता का बखान चारों तरफ किया जाता है । इसकी सुंदरता के बारे में हम जितनी बातचीत करें उतनी कम है ।
जयपुर शहर का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल अक्षरधाम मंदिर के बारे में About Akshardham Temple- जयपुर शहर का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल अक्षरधाम का मंदिर बहुत ही सुंदर और अद्भुत चमत्कारी मंदिर है । इस मंदिर की हम जितनी प्रशंसा करें उतनी कम है । इस अक्षरधाम मंदिर को देखने के लिए काफी पर्यटक वहां पर जाते हैं और अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । जब मैं जयपुर शहर घूमने के लिए गया था तब जयपुर के अक्षरधाम मंदिर को देखने के लिए भी गया था ।
जब मैंने पहली बार अक्षरधाम मंदिर को देखा तब मुझे बहुत अच्छा लगा था और मैंने उसी समय यह निश्चय कर लिया था कि मैं अपने पूरे परिवार के साथ उस अक्षरधाम मंदिर को देखने के लिए , दर्शनों के लिए अवश्य जाऊंगा क्योंकि मैंने जब पहली बार अक्षरधाम मंदिर को देखा था तब मुझे बहुत अच्छा लगा था । वहां के आसपास की सुंदरता को देखकर मैं बहुत खुश हो गया था । अक्षरधाम मंदिर का निर्माण तकरीबन 19 से 20 बी शताब्दी के दौरान करवाया गया था ।
अक्षरधाम मंदिर को सुंदर बनाने के लिए सोना चांदी से अक्षरधाम मंदिर को सजाया गया था । अक्षरधाम मंदिर की सुंदरता मंदिर में स्थित ऐतिहासिक प्राचीन मूर्तियों के कारण बहुत अच्छी लगती हैं । जो भी व्यक्ति एक बार अक्षरधाम मंदिर के दर्शनों के लिए जाता है वह अपने जीवन में आनंदी ही आनंद प्राप्त करता है । अक्षरधाम मंदिर हिंदू धर्म के लोगों की आस्था का केंद्र है । वहां की सुंदरता , नक्काशी बहुत ही सुंदर बनाई गई है । लाखों-करोड़ों पर्यटक प्रतिवर्ष जयपुर के अक्षरधाम मंदिर को देखने के लिए जाते हैं और अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं ।
अक्षरधाम मंदिर पर जाने से मन को शांति प्राप्त होती है । जब अक्षरधाम मंदिर की आरती होती है तब बहुत आनंद आता है । ढोल नगाड़ों के साथ अक्षरधाम मंदिर की आरती प्रतिदिन की जाती है । हिंदू धर्म के लाखों-करोड़ों लोग प्रतिवर्ष उस मंदिर को देखने के लिए जाते हैं और अक्षरधाम मंदिर की महा आरती में शामिल होते हैं । कई पर्यटक अक्षरधाम मंदिर पर जाकर भगवान के दर्शन करके, भगवान से सुख शांति , समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अक्षरधाम मंदिर के निर्माण कार्य में धन देकर इसकी सुंदरता में अपना योगदान देते हैं ।
हमें अपने कीमती समय में से कुछ समय निकालकर , जयपुर जाकर अक्षरधाम मंदिर के दर्शनों के लिए अवश्य जाना चाहिए । जब हम वहां पर जाकर अक्षरधाम मंदिर के दर्शन करेंगे तब हमें पता चलेगा कि इसकी सुंदरता क्या है । अक्षरधाम मंदिर पर जाने से हमें सुख शांति और समृद्धि प्राप्त होती है । जब अक्षरधाम मंदिर के दर्शनों के लिए विदेशों से लोग आ सकते हैं तब हम अपने देश से ही जाकर के जयपुर के अक्षरधाम के मंदिर के दर्शन क्यों नहीं कर सकते हैं । यह जयपुर का सबसे सुंदर और प्राचीन मंदिर है इसकी सुंदरता का हम जितना भी बखान करें उतना कम है ।
जयपुर का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल सिटी पैलेस के बारे में About City Palace- जयपुर का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल सिटी पैलेस बहुत ही सुंदर है जहां पर पर्यटक घूमने के लिए जाते हैं और अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । मैं जब जयपुर गया था तब जयपुर के सिटी पैलेस को देखने के लिए भी गया था ।मुझे जयपुर का सिटी पैलेस बहुत पसंद आया था क्योंकि मैंने जयपुर के सिटी पैलेस जेसी सुंदरता कहीं पर नहीं देखी थी । जयपुर के सबसे सुंदर और मन मोहित करने वाले सिटी पैलेस का निर्माण महाराज सवाई जयसिंह ने सन 1729 ईसवी से 1732 ईसवी के बीच करवाया था ।
जयपुर की सिटी पैलेस की स्थापना सवाई जय सिंह जी के द्वारा 1773 को की गई थी । जब जयपुर के सिटी पैलेस की स्थापना की गई थी तब जयपुर के लोगों को एक सुंदर तोहफा महाराज सवाई जयसिंह जी के द्वारा दिया गया था क्योंकि वहां पर एक सुंदर सिटी पैलेस के निर्माण से वहां के लोगों को बहुत फायदा होने वाला था । आज भी सिटी पैलेस में जो पर्यटक घूमने के लिए आते हैं उनके द्वारा वहां पर रहने वाले लोगों का व्यापार चलता है । जयपुर का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल सिटी पैलेस हवामहल से तकरीबन एक से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ।
सिटी पैलेस को देखने की इच्छा काफी लोगों की होती है क्योंकि इसकी सुंदरता बहुत सुंदर है , इसकी सुंदरता को देखने के लिए काफी लोग जयपुर सिटी जाते हैं और जयपुर के सिटी पैलेस की सुंदरता को देखकर मोहित हो जाते हैं । यदि हम भी सिटी पैलेस की सुंदरता को देखना चाहते हैं तो हमें जयपुर घूमने के लिए अवश्य जाना चाहिए और जयपुर की सुंदरता का आनंद लेना चाहिए । जयपुर रेलवे स्टेशन से सिटी बस के माध्यम से हम जयपुर का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल सिटी पैलेस को देखने के लिए जा सकते हैं ।
जब हम वहां पर पहुंच जाते हैं तब हमें सिटी पैलेस की सुंदरता देखने को मिलती है । सिटी पैलेस की देखरेख का जिम्मा सरकार उठाती है । पर्यटन विभाग के द्वारा भी सिटी पैलेस की देखरेख की जाती है । पर्यटकों को पूरी सुविधा प्राप्त हो इसके लिए सरकार वहां पर विकास कार्य कराती रहती है । जयपुर के सबसे सुंदर पर्यटन स्थल सिटी पैलेस सबसे सुंदर स्थल है । इस सिटी पैलेस में बाग बगीचे , इमारतें , आंगन , मुबारक महल , चंद्र महल दर्शनीय हैं ।
जहां पर पर्यटक जाकर , सुंदरता को देखकर आनंदित हो जाता है । इसीलिए जयपुर को पिंक सिटी कहा जाता है क्योंकि जयपुर की सुंदरता का किस तरह से बखान किया जाए यह कहना संभव नहीं है क्योंकि जयपुर की प्रशंसा में जितना हम बोलेंगे उतने ही शब्द कम पड़ जाएंगे । जयपुर के महल बहुत अद्भुत चमत्कारी हैं , मन मोह लेने वाले हैं । इसलिए लाखों-करोड़ों पर्यटक प्रतिवर्ष जयपुर घूमने के लिए जाते हैं और अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं ।
जयपुर शहर का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल बिड़ला मंदिर के बारे में About Birla Mandir- जयपुर शहर का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल , सबसे सुंदर मंदिर के रूप में बिड़ला मंदिर पहचाना जाता है । यह बिड़ला मंदिर बहुत ही सुंदर और अद्भुत तरह से बनाया गया है । बिड़ला मंदिर की सुंदरता देखने के लायक है । हिंदू धर्म के लोगों की आस्था इस बिड़ला मंदिर से जुड़ी हुई है । जो भी व्यक्ति इस मंदिर के दर्शनों के लिए जाता है वह बिड़ला मंदिर की सुंदरता को देखकर आनंदित हो जाता है क्योंकि इस बिड़ला मंदिर की सुंदरता बहुत अच्छी है ।
बिड़ला मंदिर की सुंदरता का बखान दूर-दूर तक किया जाता है । बिड़ला मंदिर की सुंदरता वहां पर स्थित प्राचीन समय की मूर्तियों से बहुत अच्छी लगती है । जो भी व्यक्ति बिड़ला मंदिर के दर्शनों के लिए जाता है वह सुख समृद्धि व सुख शांति प्राप्त करता है । भगवान की असीम कृपा उसके ऊपर रहती है । जयपुर पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है क्योंकि वहां पर अच्छे-अच्छे महल , मंदिर बने हुए हैं । जिन मंदिरों की सुंदरता को देखने के लिए , महलों की सुंदरता को देखने के लिए काफी पर्यटक देश विदेशों से जाते हैं और अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं ।
जयपुर के सबसे सुंदर और सबसे अद्भुत मंदिर बिड़ला मंदिर में लक्ष्मी नारायण भगवान की प्रतिमा की पूजा होती है । विष्णु भगवान के साथ उनकी धर्मपत्नी माता लक्ष्मी जी की भी पूजा होती है । इस बिड़ला मंदिर के निर्माण के बारे में ऐसा कहा जाता है कि बिड़ला परिवार के लोगों ने मिलकर इस मंदिर का निर्माण करवाया था । यह बिड़ला मंदिर लक्ष्मी नारायण भगवान को समर्पित है । इसलिए इस मंदिर को लक्ष्मी नारायण भगवान का मंदिर भी कहा जाता है ।
यह बिड़ला मंदिर जयपुर के मोती डूंगरी पहाड़ी पर बनाया गया है । जिसके कारण उसकी सुंदरता और भी अच्छी लगती है । इस बिड़ला मंदिर का निर्माण बिड़ला परिवार के द्वारा सन 1988 को मोती डूंगरी पहाड़ पर किया गया था । इस बिड़ला मंदिर के निर्माण के बाद काफी पर्यटक इस मंदिर के दर्शनों के लिए जाते हैं और अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं ।
जयपुर के सबसे सुंदर पर्यटक स्थल जंतर मंतर वेधशाला के बारे में About Jantar Mantar Observatory- जयपुर का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल जंतर मंतर कि हम जितनी प्रशंसा करें उतनी कम है । यह जंतर मंतर खगोल शास्त्रीय वेधशाला के नाम से भी पहचाना जाता है । इस वेधशाला की हम जितनी भी प्रशंसा करें उतनी कम है । जयपुर के जंतर मंतर वेधशाला का निर्माण राजा जय सिंह के द्वारा करवाया गया था । राजा जय सिंह जी ने जयपुर में जंतर मंतर वेधशाला का निर्माण कार्य 1724 को प्रारंभ किया था । इस वेधशाला का निर्माण कार्य 1734 तक चला था ।
1734 में खगोलीय वेधशाला का निर्माण कार्य पूरा हो गया था । इसके बाद खगोलीय वेधशाला को सभी लोगों के लिए खोल दिया गया था । भारत का सबसे बड़ा खगोलीय वेधशाला के रूप में जंतर-मंतर पहचाना जाता है । सन 2010 में जब ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया मे 34 वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हो रहा था तब वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी के द्वारा जंतर मंतर वेधशाला को विश्व विरासत स्मारक श्रेणी में शामिल करने का फैसला किया गया था ।
जंतर मंतर वेधशाला को विश्व स्मारक के रूप में घोषित कर दिया गया हैं । तभी से यह जंतर मंतर खगोलीय वेधशाला यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल हो गई थी । यह भारत देश के लिए बहुत सम्मान की बात थी क्योंकि जंतर मंतर वेधशाला प्राचीन समय से ही दर्शनीय रही है । 1734 से जंतर मंतर वेधशाला भारत के लिए बहुत उपयोगी साबित हुई है क्योंकि इस जंतर मंतर वेधशाला में 14 यंत्र मौजूद हैं । इन यंत्रों का उपयोग सौर मंडल के ग्रहों के दिक्पात को जानने के लिए किया जाता है ।
इन यंत्रों का उपयोग ग्रहण पढ़ने की जानकारी हासिल करके भविष्यवाणी करने में इसका उपयोग किया जाता है । जयपुर के जंतर मंतर वेधशाला की जितनी प्रशंसा करें उतनी कम है । जयपुर के विकास और जयपुर में पर्यटन स्थलों के निर्माण में महाराज जयसिंह का सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान रहा है ।महाराज जय सिंह के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वह एक खगोल शास्त्रीय वैज्ञानिक भी थे । उन्होंने चारों तरफ से , सभी देशों से खगोल शास्त्र का ज्ञान प्राप्त करने के लिए प्रतिलिपि मंगाई थी ।
महाराज जयसिंह उन सभी प्रतिलिपि का अध्ययन करने लगे थे । जब महाराज जयसिंह को खगोल शास्त्र का ज्ञान प्राप्त हो गया था तब महाराज जयसिंह ने जंतर मंतर वेधशाला का निर्माण कराने का विचार बनाया था और महाराज जयसिंह ने जयपुर में जंतर मंतर वेधशाला का निर्माण कार्य प्रारंभ किया था जिसका निर्माण कार्य 1934 को पूरा कर लिया गया था ।
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