वीर कुंवर सिंह पर निबंध Essay on veer kunwar singh in hindi
Essay on veer kunwar singh in hindi
दोस्तों नमस्कार कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम वीर कुंवर सिंह पर निबंध पढ़ने वाले हैं
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इनके बारे में
वीर कुंवर सिंह एक ऐसे प्रसिद्ध नायक थे जिन्होंने 1857 की क्रांति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और अंग्रेज उनसे काफी भयभीत रहते थे। उनकी वीरता की वजह से आज हर कोई उन्हें जानता है, हर किसी के लिए वह प्रेरणादायक है यहां तक की 80 साल की उम्र में भी उन्होंने अंग्रेजों का डटकर सामना किया था।
जन्म और परिवार
वीर कुंवर सिंह का जन्म 23 अप्रैल 1777 को बिहार में हुआ था इनके पिताजी का नाम राजा साहबजादा सिंह एवं माता जी का नाम पंचरत्न कुंवर था। वीर कुंवर सिंह ने अपनी शुरुआती शिक्षा के साथ में ही कई युद्ध कला एवं शिकार आदि की कला सीखी और काफी आगे बढ़े, बचपन से ही उनकी युद्ध कला के हर कोई प्रशंसक थे।
इनके युद्ध
वीर कुंवर सिंह ने अपने जीवन में कई ऐसे युद्ध लड़े जिनकी वजह से अंग्रेज काफी भयभीत होते थे, इन्होंने 1857 मैं अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध लड़ा और अंग्रेजों को हराया था इसके अलावा इन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ कई अन्य युद्ध भी लड़े जिनमें दियालगढ़ और गया का युद्ध काफी प्रसिद्ध भी है।
सम्मान और पुरस्कार
वीर कुंवर सिंह एक ऐसे महान योद्धा थे जो 80 साल की उम्र में भी अंग्रेजों से ऐसे लड़ते थे कि अंग्रेज उनके डर से काफी भयभीत हुआ करते थे। इन्हें अंग्रेजों के द्वारा चाचा या बाबू के नाम से पुकारा जाता था इसके अलावा बिहार में इन्होंने काफी ख्याति पाई थी जिसकी वजह से अंग्रेज काफी भयभीत रहते थे, इन्हें बिहार के शेर के नाम से भी पुकारा जाता था।
इसके अलावा भारत सरकार ने भी 1992 में वीर कुंवर सिंह जी के सम्मान में एक विश्वविद्यालय की स्थापना की, इस विश्वविद्यालय का नाम है वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय।
वास्तव में वीर कुंवर सिंह एक ऐसे महान योद्धा थे जो काफी प्रसिद्ध थे जिन्हें हम कभी भी नहीं भूल सकेंगे, वह एक ऐसे योद्धा थे जिनकी वजह से हमेशा ही अंग्रेज भयभीत रहा करते थे।
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