सुधा चंद्रन पर निबंध Essay on Sudha Chandran in Hindi
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दोस्तों आज हम आपको ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने अपनी मेहनत एवं लगन से सफलता प्राप्त की थी । ऐसी महिला जिसके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था फिर भी वह अपनी मेहनत और लगन से सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंची । चलिए अब हम पढ़ेंगे सुधा चंद्रन पर निबंध को । सुधा चंद्र जी का जन्म भारत देश के केरल राज्य में हुआ था । सुधा चंद्रन जी का जन्म 21 सितंबर 1964 को हुआ था। इनके पिता का नाम के.डी चंद्रन है । इनके पिता एक अभिनेता थे जो दिल्ली में काम करते थे ।
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सुधा चंद्र जी बचपन से पढ़ाई में अब्बल थी । सुधा चंद्रन जी ने दसवीं में 80% अंक प्राप्त किए थे। दसवीं क्लास में पास होने के बाद उन्होंने आर्ट्स सब्जेक्ट लेकर अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाया था । 12वीं क्लास आर्ट्स सब्जेक्ट से पास करके वह मुंबई के मीठी बाई कॉलेज से एम.ए की पढ़ाई करने लगी थी । उन्होंने m.a. की पढ़ाई को पूरा किया और सफलता प्राप्त की थी । सुधा चंद्रन जी बचपन से ही नाचने की शौकीन थी । जब उनकी उम्र 3 साल की थी तब से वह भरतनाट्यम सीखने के लिए जाया करती थी । 16 वर्ष की आयु में वह पूरे भारत में भरतनाट्यम के लिए प्रसिद्ध हो चुकी थी । एकबार जब वह अपनी कार से कहीं जा रही थी तब उनका एक्सीडेंट हो गया और उन की टांग टूट गई थी ।
जब वह डॉक्टर के पास गई थी तब डॉक्टर ने चेक करने के बाद उनको बताया कि आपकी टांग हमें काटना पड़ेगी क्योंकि आपकी टांग में संक्रमण फेल रहा है, यदि हमने आपकी टांग नहीं काटी तो यह संक्रमण पूरे शरीर में फैल जाएगा जिससे आप की मौत हो सकती है । जब सुधा चंद्रन जी का कार एक्सीडेंट हुआ था तब उनकी उम्र 17 साल की थी। उन्होंने डॉक्टर के कहने पर अपनी टांग कटवा दी थी। टांग कटने के बाद सुधा चंद्रन जी ने नकली टांग लगवाई थी । वह कुछ समय तक भरतनाट्यम नहीं कर पाई लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी वह प्रैक्टिस करती रही और कुछ समय बाद वह भरतनाट्यम के लिए प्रसिद्ध हो गई थी । सुधा चंद्रन जी भरतनाट्यम के साथ साथ फिल्मों में भी अपना किरदार निभाया करती हैं ।
सुधा चंद्रन जी ने फिल्मों के साथ साथ नाटक में भी काम किया है और सफलता प्राप्त की है । उनकी इस सफलता को दुनिया को दिखाने के लिए तमिल में 1982 में उनके जीवन पर आधारित एक फिल्म भी बनाई थी । यह फिल्म उनके जीवन पर आधारित है। उन्होंने पैर टूटने के बाद भी अपने जीवन को रुकने नहीं दिया । वह आगे बढ़ती रही मेहनत करती रही जिससे उनको सफलता मिली । उन्होंने कई फिल्मों में अपनी कला से लोगों का दिल जीता है । उन्होंने हमारे भारत देश की महिलाओं का मान बढ़ाया है । वह भारत देश की सबसे महान महिला हैं । उनकी टांग कटने के बाद भी वह रुकी नहीं और मेहनत करके सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंची थी । आज हम सुधा चंद्रन जी के जीवन के बारे में पढ़कर सफलता प्राप्त कर सकते हैं ।
जिस प्रकार से उन्होंने अपने जीवन में आए दुखों से ना घबरा कर मेहनत करके सफलता प्राप्त की थी उसी तरह से हम भी अपने जीवन के दुखों से लड़कर सफलता प्राप्त कर सकते हैं । वह भरतनाट्यम के साथ साथ फिल्म जगत में भी सफल हुई थी । सुधा चंद्रन जी को इस सफलता के लिए कई अवार्ड भी मिल चुके हैं । सुधा चंद्रन जी को नेशनल फिल्म अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है । सुधा चंद्रन जी को नंदी स्पेशल जूरी अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है । सुधा चंद्रन जी की तरह हम सभी को भी संघर्ष करते रहना चाहिए । जितना संघर्ष हम करते हैं उतना ही अनुभव हमारे पास होता है। जितना अनुभव हमारे पास होगा उस अनुभव का उपयोग करके हम सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंच सकते हैं ।
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