सिख धर्म पर निबंध Essay on sikh religion in hindi

Essay on sikh religion in hindi

दोस्तो कैसे हैं आप सभी, आज हम आपके लिए लाए हैं सिख धर्म पर हमारे द्वारा लिखित यह निबंध, आप इसे जरूर पढ़ें और सिख धर्म के बारे में जाने तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस आर्टिकल को

Essay on sikh religion in hindi
Essay on sikh religion in hindi

सिख धर्म बहुत ही अच्छा धर्म है इस धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव हैं। गुरु नानक देव ने अपने ज्ञान के आधार पर हमारे समाज में फैली कई कुप्रथाओं को दूर करने का प्रयत्न किया है और सिख धर्म का प्रचार प्रसार किया है, यह सिख धर्म हिंदू धर्म का भी एक अभिन्न अंग है। सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में हुआ था, गुरु नानक देव जी के पिताजी मुंशी के पद पर थे। गुरु नानक धीरे-धीरे बड़े होने लगे तब उनके पिताजी ने उन्हें एक काम शुरू करने के लिए कह दिया था और फिर वह एक काम करने लगे थे लेकिन गुरु नानक जी काम करने की जगह पर ना जाकर एक जंगल में जाया करते थे वहां पर उन्होंने कबीर दास जी की कुछ रचनाएं पढ़ी इन रचनाओं को पढ़कर गुरु नानक जी को बदलाव महसूस होने लगा था। कुछ ही समय बाद गुरु नानक देव के जीवन की धारा पूरी तरह से बदल चुकी थी अब गुरु नानक देव जी अपने कुछ शिष्यों के साथ गांव गांव भ्रमण करके धर्म के प्रति लोगों को जागरूक करने लगे थे, उनका मानना था कि ईश्वर एक है हमें एक दूसरे से प्रेम करना चाहिए, जाति धर्म के नाम पर नहीं लड़ना चाहिए।

उनके विचार लोगों को प्रिय लगते थे गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म को आगे बढ़ाने में काफी प्रयत्न किया था , देखा जाए तो यह धर्म कोई अलग नहीं है यह हिंदू धर्म का अभिन्न अंग है. गुरु नानक देव जी के उपदेशों के उपरांत देश में काफी बदलाव देखने को मिला। हिंदू और मुस्लिम दोनों धर्म के लोग ही गुरु नानक जी के अनुयाई हो गए। गुरु नानक देव जी के बाद गुरु अंगद सिख धर्म के दूसरे गुरु माने जाते हैं। गुरु नानक देव जी ने ही गुरु अंगद को इस पद के लिए चुना इन्होंने भी सिख धर्म को आगे बढ़ाने में भी काफी योगदान निभाया। गुरु अंगद के बाद सिखों के तीसरे गुरु गुरु अमरदास जी माने जाते हैं जिन्होंने सिख धर्म का प्रचार प्रसार किया। सिख धर्म के चौथे गुरु गुरु रामदास माने जाते हैं, सिख धर्म के गुरु अर्जुन भी माने जाते हैं इसके बाद गुरु हरगोबिंद सिंह जी सिक्खों के गुरु माने जाते हैं जिन्होंने शाही सेना को हराया था इसके बाद गुरु हरराय और गुरु किशन ने सिख धर्म के प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इसके बाद गुरु तेग बहादुर जी जिन्होंने अपने धर्म की रक्षा की और इस्लाम धर्म को स्वीकार नहीं किया इसके बाद सिखों के गुरु गुरु गोविंद सिंह जी ने उस समय लोगों पर हो रहे मुसलमानों के अत्याचारों का सामना करने के लिए लोगों को तैयार किया।

गुरु गोविंद सिंह जी की काफी रचनाएं भी हैं जो काफी प्रसिद्ध हैं वास्तव में सिख धर्म का भारत में एक विशेष स्थान है, यह काफी प्रसिद्ध है।

दोस्तों हमें बताएं कि सिख धर्म पर हमारे द्वारा लिखा यह लेख Essay on sikh religion in hindi आपको कैसा लगा।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *