शिष्टाचार पर निबंध Essay on shishtachar in hindi
Essay on shishtachar in hindi
Essay on Good Manner in Hindi-हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी आज का हमारा आर्टिकल Essay on shishtachar in hindi आप सभी के लिए बहुत ही हेल्पफुल है अपने मन का उपयोग विद्यार्थी अपने स्कूल कॉलेज की परीक्षा में निबंध लिखने के लिए जानकारी ले सकते हैं और अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए भी इस निबंध का उपयोग कर सकते हैं तो चलिए पढ़ते हैं हमारे आज के शिष्टाचार के ऊपर लिखे गए इस निबंध को
एक व्यक्ति के द्वारा दूसरे व्यक्ति के प्रति अच्छा व्यवहार करना ही शिष्टाचार कहलाता है एक व्यक्ति का अच्छा गुण होता है अगर एक व्यक्ति शिष्टाचार के साथ कुछ भी करता है तो है जिंदगी में जरूर सफलता प्राप्त करता है एक इंसान की शुरुआत अपने घर से होती है उसके मां-बाप सबसे पहले उसे शिष्टाचार का ज्ञान कराते हैं मैं उसको दूसरों से अच्छा व्यवहार करने की सलाह देते हैं
इसके बाद एक इंसान की मुलाकात अपने गुरु से होती है गुरु अपने शिष्यों को शिष्टाचार का और भी अच्छी तरह से ज्ञान कराते हैं उन्हें सही और गलत की समझ कर आते हैं कि अगर हमारे घर पर कोई मेहमान आए तो हमें किस तरह से उसके साथ पेश आना चाहिए हमें खुश होकर उनका दिल से अभिवादन करना चाहिए यही हमारा शिष्टाचार है.
हम देखें जो इंसान शिष्टाचार के साथ दूसरों से रिलेशन बनाता है वह अगर किसी भी तरह की मुसीबत में आता है तो बहुत सारे लोग उसकी मदद करने के लिए आगे आ जाते हैं लेकिन जिन में शिष्टाचार ही ना हो किसी मतलब का नहीं रहता हमें अपने बड़े बुजुर्गों को इज्जत देनी चाहिए माता बहनों का सम्मान करना चाहिए जैसे कि अगर हम किसी बस या रेल में जा रहे हैं और कोई बुजुर्ग व्यक्ति हमें खड़ा हुआ देखें तो हमें चाहिए कि हम खुद अपनी सीट से उठ कर उसे बैठने दें यही हमारे शिष्टाचार होते हैं.
अगर कोई व्यक्ति किसी भी तरह की पीड़ा से पीड़ित है और अगर हम उसकी मदद करते हैं उसे उपचार कराने के लिए अस्पताल में ले जाते हैं तो यही अच्छे शिष्टाचार हैं एक सही व्यक्ति की पहचान है आज के जमाने में बहुत से बदलाव आ रहे हैं जमाने में बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो ना तो अपने बड़े बुजुर्गों का सम्मान करते और ना ही अपने गुरु का माता बहनों का सम्मान करते धर्म पर दृष्टि डालते हैं ऐसे लोग शिष्टाचार के विपरीत होते हैं और अपने अमूल्य जीवन को बर्बाद करके कुछ भी नहीं कर पाते.
कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो घर पर आए मेहमानों का तिरस्कार करते हैं यह हमारे संस्कारों के विपरीत है हमें शिष्टाचार अपनाना चाहिए पहले के जमाने में हम अक्सर देखा सुना करते हैं कि कोई इंसान अपने बड़े बुजुर्गों की बात हर हालत में मानता था वह अपने द्वार पर आए हुए अतिथि को कभी खाली हाथ नहीं जाने देता था वह हमेशा अपने वचनों का पालन करता था यह एक शिष्टाचार की निशानी है लेकिन आज के जमाने में बहुत कुछ बदला है बहुत से लोग ऐसे हैं जो शिष्टाचार अपनाते हैं लेकिन बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो शिष्टाचार को बिल्कुल भी नहीं अपनाते हैं बिल्कुल ही इसके विपरीत हैं उनके जीवन में बहुत सी परेशानियों का सामना उन्हें करना पड़ेगा.
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जीवन में हमें हमेशा समझना चाहिए जैसा हम करते हैं वैसा ही हमारे परिवार वाले हमारे बच्चे करते हैं अगर हम अच्छा करते हैं शिष्टाचार के साथ किसी से अच्छा व्यवहार बनाते हैं तो हमारे बच्चे भी हमसे या हमारे बड़े बुजुर्गों से या किसी से भी आगे अच्छा व्यवहार बनाएंगे लेकिन अगर हम भी गलत होंगे और शिष्टाचार नहीं अपनाएंगे तो हम हमारे बच्चों से उम्मीद ना ही रखें तो अच्छा होता है लेकिन इंसान खुद नहीं बदलना चाहता है दूसरों को बदलना चाहता है यह तो बिल्कुल भी सही नहीं है.
हमारे देश में गुरु की सबसे ज्यादा इज्जत की जाती थी उनकी हर आज्ञा का पालन किया जाता था लेकिन आज कल कहीं पर ऐसा भी देखा जाता है कि लोग गुरु से सही से शिष्टाचार से बात तक नहीं करते यह हमारे संस्कृति के खिलाफ है हमारी शिष्टाचार के विपरीत है हम हमारे आने वाले भविष्य को अंधकार में करने वाले हैं क्योंकि यह हमारे देश के लिए हमारे समाज के लिए सही नहीं है परिवार में हर रिश्ते में शिष्टाचार होना चाहिए दोस्तों के व्यवहार में भी शिष्टाचार होना चाहिए और भाई बहनों के रिश्ते में भ्रष्टाचार होना चाहिए अगर हम वाकई में शिष्टाचार अपनाते हैं और दूसरों को भी अपनाने की सलाह देते हैं तो यकीनन हमारे समाज का हमारे देश का विकास होता है.
आजकल हम देखें तो बहुत से परिवारों में रिश्ते बिगड़ते जाते हैं परिवार बिखरते जाते हैं परिवार वाले अपने बड़े बुजुर्गों के साथ शिष्टाचार से व्यवहार नहीं करते जिस वजह से एकल परिवार बनते जाते हैं और परिवारों परिवारों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ऐसा होता है क्योंकि वह अपने जीवन में शिष्टाचार को पूरी तरह से नहीं अपनाते अगर एक इंसान शिष्टाचार को अपनाए तो वह जीवन में जरूर ही इन परेशानियों से निकल सकता है और जीवन में सफल हो सकता है.
अगर आप अपने परिवार वालों से अपने समाज वालों से शिष्टाचार के साथ प्रेम से बात करते हैं तो यकीनन आप यदि किसी मुसीबत में फंसते हैं तो सभी आपकी मदद करने के लिए आगे आ सकते हैं लेकिन अगर आप सदाचार के विपरीत है और उसे नहीं अपनाते तो आपकी मदद के लिए कोई भी नहीं आएगा इसलिए हमें हमेशा सस्ता 4 अपनाना चाहिए और जीवन में आगे बढ़ते जाना चाहिए.
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