सूचना का अधिकार अधिनियम पर निबंध Essay on right to information in hindi
Essay on rti in hindi
Right to information – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से सूचना का अधिकार अधिनियम के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर सूचना का अधिकार अधिनियम को जानते है ।
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सूचना का अधिकार अधिनियम के बारे में about right to information in hindi- सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जनता को प्रशासन से जानकारी प्राप्त करने का अधिकार होता है । सूचना का अधिकार अधिनियम को लागू करने का सिर्फ एक ही उद्देश्य था और वह उद्देश्य प्रशासन और जनता के बीच की दूरी को कम करना था । प्रशासन के द्वारा लागू की गई योजनाओं के बारे में , प्रशासन जनता को सूचना दें इसी उद्देश्य से सूचना अधिकार अधिनियम भारत देश में लागू किया गया है । कोई भी व्यक्ति किसी भी योजना की जानकारी पाने के लिए सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आवेदन कर सकता है ।
सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह आवेदन के हिसाब से आवेदक को पूरी जानकारी दे । जो योजनाएं प्रशासन के द्वारा लागू की गई उन योजनाओं के बारे में जनता को अवगत कराएं । यह सूचना का अधिकार जनता को आगे बढ़ने के लिए लागू किया गया है । यह सूचना का अधिकार प्रशासन में जनता की भागीदारी को मजबूत करता है , आगे बढ़ाता है और जनता को यह विश्वास दिलाता है कि उसके विकास में जो कार्य किए गए हैं वह सही और निष्पक्ष रूप से किए गए हैं ।
यदि किसी को प्रशासन के कार्य में कमी दिखाई देती है या ऐसा लगता है कि प्रशासन जनता के साथ अन्याय कर रही है तब इस अधिकार के तहत वह व्यक्ति आवेदन कर सकता है और सरकार उस आवेदन पर कार्यवाही कर आवेदक को पूरी जानकारी देती हैं । जिसके लिए सूचना अधिकारी का चयन किया गया है । सूचना अधिकारी के द्वारा उस आवेदक की बात को सुना जाता है और सूचना अधिकारी उस व्यक्ति को सही-सही जानकारी प्रदान कराता है । सूचना के अधिकार अधिनियम से देश में भ्रष्टाचार को कम करने में बड़ा लाभ प्राप्त हुआ है ।
यह सूचना के अधिकार अधिनियम जनतंत्र की विचारधारा को मजबूत , स्वतंत्र एवं आगे बढ़ाने का काम करता है । सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्रशासन जनता की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील हो और जनता प्रशासन का सम्मान करें इसी उद्देश्य से सूचना अधिकार अधिनियम भारत देश में लागू किया गया है । भारत के साथ-साथ कई देशों में भी सूचना अधिकार अधिनियम लागू है । सूचना अधिकार अधिनियम प्रशासन के सभी मुख्य अधिकारियों को अपने सभी कामों को निष्पक्ष रुप से करने और जनता के बीच में योजनाओं को पहुंचाने के लिए बाध्य करता है ।
इसीलिए जनता की रक्षा , सुरक्षा के लिए यह अधिकार जनता को दिया गया है । इस अधिकार के तहत भारत देश का कोई भी व्यक्ति सूचना अधिकारी को आवेदन दे सकता है और किसी भी विषय की जानकारी प्राप्त कर सकता है । सूचना अधिकारी के पास जब यह आवेदन पहुंचता है तब वह इस आवेदन की जांच करता है और आवेदक जो पूरी जानकारी देता है । लोक सूचना अधिकारी उस व्यक्ति को वह जानकारी देता है ।सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जनता को यह अधिकार होता है कि वह आवेदन करके योजनाओं की स्पष्ट रूप से जानकारी ले सकता है और किसी अधिकारी के द्वारा किए गए काम की फाइल लेकर स्टडी कर सकता है ।
जब से भारत देश में सूचना के अधिकार अधिनियम लागू हुआ है तब से जनता को बहुत लाभ प्राप्त हुआ है ।कई लोगों ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आवेदन किए हैं और उनको आवेदन के हिसाब से जानकारी प्राप्त हुई है । आवेदन करने का अधिकार सभी भारतीयों को है और आवेदन के हिसाब से आवेदक को जानकारी देने का अधिकार सूचना अधिकारी के पास होता है । लोक सूचना अधिकारी उस व्यक्ति को स्पष्ट रूप से जानकारी मुहैया कराता है ।
सूचना के अधिकार अधिनियम के महत्व के बारे में importance of right to information act 2005 in hindi- भारत देश के साथ साथ कई देशों में सूचना अधिकार अधिनियम को लागू किया गया है । भारत देश में भी सूचना अधिकार अधिनियम प्रस्ताव को पारित करके लागू किया गया है । कई ऐसे महान लोगों ने सूचना के अधिकार अधिनियम की उपयोगिता के बारे में बताया है । जिनका कहना है कि जनता के अधिकार और जनता को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए यह सूचना अधिकार अधिनियम बहुत ही आवश्यक है । सूचना अधिकार अधिनियम के बारे में वुडरो विल्सन का यह कहना है कि किसी भी देश की उन्नति और देश की जनता की उन्नति के लिए प्रशासन की भावनाएं स्पष्ट रूप से खुली हुई होना चाहिए ।
जनता की भलाई के लिए किए गए कार्य को स्पष्ट रूप से जनता के सामने रखना चाहिए । जो प्रशासन जनता को सूचना ना देकर छिपाकर कार्य करती है वह भ्रष्टाचार में लुप्त रहती है । प्रशासन को जनता के लिए स्पष्ट रूप से खुलकर कार्य करना चाहिए क्योंकि भ्रष्टाचार गोपनीय स्थानों पर अधिक किया जाता है । यह सूचना अधिकार अधिनियम जनता की भलाई के लिए बनाया गया है और प्रशासन का यह मकसद होना चाहिए कि सूचना अधिकार अधिनियम का पूरा फायदा देश की जनता को मिले । जिससे देश की जनता प्रशासन पर पूरी तरह से विश्वास कर सकें ।
इसी तरह से सूचना अधिकार अधिनियम की महत्वता को मेक्स बेवर ने बहुत ही जरूरी बताया है । मेक्स बेवर केे अनुसार सूचना अधिकार अधिनियम का लागू होना देश की जनता के लिए बहुत ही जरूरी है क्योंकि यह सूचना अधिकार अधिनियम ही प्रशासन और जनता की दूरी को कम करता है और जनता को जागरूक करता है । इसी तरह से जेम्स मैडीसन ने भी सूचना अधिकार अधिनियम के बारे में बताया है । जेम्स मैडीसन के अनुसार सूचना अधिकार अधिनियम जनता के हित के लिए बहुत उत्तरदाई है ।
सरकारी कर्मचारियों को उनके काम का एहसास दिलाने के लिए और जनता को उनका हक दिलाने के लिए यह सूचना अधिकार अधिनियम लागू किया गया है । इस अधिकार के तहत जनता को अधिकारी की पूरी जानकारी हासिल करने का अधिकार होता है । जनता प्रशासन के अधिकारियों की कमी की जानकारी प्राप्त करने के लिए सूचना अधिकारी को आवेदन कर सकता है और सूचना अधिकारी के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकता है । इसके बाद लॉर्ड एक्टन का भी यह कहना है कि प्रशासन के द्वारा बनाई गई योजना का लाभ तब तक जनता तक नहीं पहुंचेगा जब तक की देश की जनता को योजना के बारे में जानकारी नहीं होगी ।
लॉर्ड एक्टन ने अपने अनुभव के अनुसार यह बताया है कि कोई भी सरकार अपनी योजना प्रचार एवं चर्चा के बिना जनता तक नहीं पहुंचा सकती है । जनता को यह अधिकार इसीलिए दिया गया है की जनता को योजनाओं की जानकारी प्राप्त हो और जनता निरंतर सफलता की ओर बड़े । देश मे हो रहे भ्रष्टाचार मे कमी आए । इसी अधिकार से जनता को प्रशासन से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना पाने का अधिकार प्राप्त है । भारत में सूचना अधिकार अधिनियम के लागू हो जाने के बाद देश की जनता को बहुत अधिक लाभ प्राप्त हुआ है और देश की जनता के द्वारा इस अधिकार के तहत सूचना अधिकारी को आवेदन भी किए गए है ।
भारत देश में सूचना अधिकार अधिनियम लागू होने के बारे में – कई देशों में सूचना अधिकार अधिनियम लागू किया गया है । सूचना अधिकार अधिनियम लागू करने के बाद वहां की जनता को काफी फायदा हुआ है । देश की जनता के हित के लिए यह सूचना अधिकार अधिनियम कई देशों में लागू किया गया है । जिसके लागू हो जाने के बाद वहां की जनता को लाभ प्राप्त हुआ है । इस सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जनता को प्रशासन और प्रशासनिक अधिकारियों से योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने का अधिकारी होता है , अधिकारियों के द्वारा किए गए काम की जानकारी प्राप्त करने का अधिकारी होता है ।
कई देशों में इस सूचना अधिकार अधिनियम के लागू हो जाने के बाद वहां की जनता को काफी लाभ प्राप्त हुआ है ।भारत देश में भी जनता के हित के लिए सूचना अधिकार अधिनियम लागू करने का विचार किया गया था क्योंकि सूचना अधिकार अधिनियम की महत्वता के बारे में पहले से ही जान लिया गया था । भारत देश में सूचना अधिकार अधिनियम विधेयक संसद में लाया गया था और सूचना अधिकार अधिनियम की महत्वता के बारे में बताया गया था । भारत में सूचना अधिकार अधिनियम बिल विधेयक संसद में 2005 में लाया गया था ।
जब यह विधेयक संसद में लाया गया तब इसकी महत्वता को देखते हुए इस विधेयक को पूर्ण बहुमत से पास कर दिया गया था । इसके बाद सूचना अधिकार अधिनियम बिल विधेयक को पास कराने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था और भारत के राष्ट्रपति ने इस सूचना अधिकार अधिनियम बिल को 15 जून 2005 को पास कर दिया था । राष्ट्रपति जीने जब सूचना अधिकार अधिनियम बिल को स्वीकृति दे दी थी तब भारत के सभी राज्यों में यह अधिकार जनता के हित के लिए लागू कर दिया था । 12 अक्टूबर 2005 को जम्मू एंड कश्मीर को छोड़कर भारत के सभी राज्यों में सूचना अधिकार अधिनियम लागू किया गया था ।
भारत देश में सूचना अधिकार अधिनियम भारत देश की जनता के लिए बहुत ही लाभप्रद साबित हुआ है । भारत की जनता को सूचना अधिकार अधिनियम का लाभ मिलने के बाद वह बहुत ही खुश हैं । जब भारत देश में सूचना अधिकार अधिनियम लागू नहीं था तब देश की जनता को प्रशासनिक अधिकारियों से सूचना लेने का अधिकार नहीं था और कई घोटाले कुछ अधिकारियों के द्वारा कर लिए जाते थे । जब भारत देश में सूचना अधिकार अधिनियम लागू किया गया तब से देश में भ्रष्टाचार में कमी आई है और देश की जनता को लाभ प्राप्त हुआ है ।
सूचना अधिकार अधिनियम के तहत देश की जनता को प्रशासन के सभी विभागों में जाकर सूचना प्राप्त करने का अधिकार होता है । यदि कोई व्यक्ति प्रशासन से इस अधिकार के तहत जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो उस व्यक्ति को सूचना अधिकारी को एक आवेदन करना होता है । जब सूचना अधिकारी के पास आवेदन जाता है तब वह सूचना अधिकारी उस आवेदन की जांच , पड़ताल करता है और उस व्यक्ति को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी देता है ।
जब भारत देश में सूचना अधिकार अधिनियम लागू किया गया तब भारत देश एक ऐसा देश बन गया था जहां पर जनता को प्रशासन के सभी विभागों से योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार होता है और भारत 55 वा देश बन गया था जहां पर जनता के हित के लिए सूचना अधिकार अधिनियम लागू है ।
सूचना अधिकार अधिनियम के अंतर्गत की गई व्यवस्थाओं के बारे में – सूचना अधिकार अधिनियम को देश में लागू करने के लिए भारत सरकार के द्वारा कई तरह की व्यवस्थाएं की गई थी । भारत देश में जनता को न्याय दिलाने के लिए इस सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी दिलाने के लिए सूचना अधिकारी का चयन किया गया था और कई तरह की व्यवस्थाएं जनता के लिए की गई थी । भारत सरकार के द्वारा देश की जनता के लिए केंद्र की सरकार के द्वारा सूचना आयोग का गठन किया गया था ।
जब भारत देश में सूचना अधिकार अधिनियम लागू किया गया तब केंद्र की सरकार को यह निर्देश भारत सरकार की ओर से दिए गए थे कि वह मंत्रिमंडल परिषद के द्वारा मुख्य सूचना आयुक्त एवं अन्य सूचना आयुक्त की नियुक्ति करें और सूचना आयुक्त समिति का गठन करें और देश की जनता को इस सूचना अधिकार अधिनियम का लाभ दें । जब भारत देश में सूचना अधिकार अधिनियम लागू किया गया तब एक समिति का गठन किया गया और इस समिति का मुख्य अध्यक्ष प्रधानमंत्री को चुना गया था ।
विपक्ष की ओर से इस समिति में लोकसभा में विपक्ष के नेता को भी चुना जाता है । जो विपक्ष की ओर से प्रशासन के द्वारा किए गए कार्य पर नजर रखती है । भारत देश में जनता को सूचना का अधिकार देने के लिए सूचना अधिकार अधिनियम लागू किया गया है और प्रशासन के द्वारा जनता को प्रशासन के द्वारा किए गए कार्यों की पूरी जानकारी प्राप्त कराता है । सूचना आयुक्त एवं समिति के द्वारा जनता के हित को देखकर कार्य किए जाते है ।
भारत की जनता को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त हुए मुख्य प्रावधान के बारे में – जब कोई व्यक्ति प्रशासन के कामों की जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो वह व्यक्ति केंद्रीय लोकसेवा अधिकारी एवं राज्य लोक सूचना अधिकारी को आवेदन कर सकता है । उस व्यक्ति को जानकारी प्राप्त करने के लिए , आवेदक को एक फॉर्म भरना होता है और ₹12 की धनराशि प्रशासन को देनी होती है । आवेदन करने का शुल्क भी सरकार के द्वारा तय किया गया है आवेदक को आवेदन करने के लिए ₹10 का शुल्क प्रशासन को जमा कराना होता है ।
जब वह व्यक्ति प्रशासन की जानकारी प्राप्त करने के लिए आवेदन देता है तब सूचना अधिकार अधिनियम के तहत प्रशासन सरकारी रिकॉर्ड के निरीक्षण की सुविधा जनता को देती है , आवेदक को देती है । सरकारी रिपोर्ट का निरीक्षण करने के लिए आवेदक को एक घंटा दिया जाता है । 1 घंटे के अंदर यदि वह सरकारी रिपोर्ट का निरीक्षण कर लेता है तो उस आवेदक से किसी तरह की कोई अन्य शुल्क नहीं ली जाती है । यदि वह व्यक्ति 1 घंटे से ऊपर का समय निरीक्षण करने में लगाता है तो उस आवेदक से 15 मिनट के ₹5 के हिसाब से अलग से पैसे लिए जाते हैं ।
यह जानकारी आवेदक को प्रशासन के द्वारा पहले से ही दी जाती है ।
प्रशासन के द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जनता को दी जाने वाली जानकारी के बारे में – शासन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जनता को ऐसी सूचना नहीं दी जाती है जिस सूचना के तहत देश में एकता , अखंडता , देश की सुरक्षा में बांधा आए । जब कोई आवेदक इस तरह की जानकारी प्राप्त करने के लिए आवेदन करता है तब उस आवेदन को सूचना अधिकारी के द्वारा रद्द कर दिया जाता है । सूचना अधिकारी को हमारे भारतीय संविधान में यह अधिकार दिया गया है । उस अधिकार के तहत सूचना अधिकारी उस आवेदन को रद्द कर देता है ।
सूचना अधिकार अधिनियम में राज्य की सरकार , केंद्र की सरकार , स्थानीय शासन , पंचायती राज संस्थाएं , गैर सरकारी संगठन जिनको प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से सरकारी अनुदान दिया जाता है । उन सभी पर यह कानून लागू किया गया है । इन सभी प्रशासनिक संस्थाओं को सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जनता को प्रशासनिक संस्थाओं के द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी देने के लिए बाध्य किया गया है । भारत देश में देश की जनता के हित के लिए सूचना अधिकार अधिनियम लागू किया गया है ।
सूचना अधिकार अधिनियम लागू करने के बाद भारत देश में जनता के लिए यह प्रावधान किया गया है की धारा 8 और धारा 9 सूचना अधिकारी , लोक सूचना अधिकारी आवेदक के द्वारा किए गए आवेदन को रद्द कर सकता है । परंतु सूचना अधिकार अधिनियम में यह भी प्रावधान किया गया है कि यदि सूचना किसी व्यक्ति के जीवन से जुड़ी हुई है तो सूचना अधिकारी के द्वारा आवेदक को 48 घंटे के भीतर उससे संबंधित सभी जानकारी देनी होती है और लोक सूचना अधिकारी 48 घंटे के अंदर उस आवेदक को पूरी जानकारी मुहैया करा देता है ।
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