प्रार्थना पर निबंध Essay on prayer in hindi

Essay on prayer in hindi

prayer – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से  प्रार्थना पर लिखे निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और सुबह के समय में होने वाली प्रार्थना पर लिखे निबंध के बारे में गहराई से पढ़ते हैं ।

Essay on prayer in hindi
Essay on prayer in hindi

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मनुष्य के जीवन में प्रार्थना का महत्व – मनुष्य के जीवन में प्रार्थना का बड़ा महत्व होता है । प्रार्थना करने से मनुष्य को शांति मिलती है । सुबह-सुबह जब हम नहाधोकर मंदिर जाते हैं और भगवान के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं , सुख समृद्धि की कामना करते हैं तब हमें बहुत अच्छा लगता है । प्रार्थना करने से मनुष्य को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है । मनुष्य यदि सुबह उठकर भगवान के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करें तो उसे एक शक्ति प्राप्त होती है ।

मनुष्य जीवन में मनुष्य को सकारात्मक ऊर्जा की बहुत आवश्यकता होती है । इसीलिए हम सभी को सुबह उठकर प्रार्थना अवश्य करना चाहिए । जब हम मंदिर में जाकर भगवान के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं तब हमें बहुत अच्छा लगता है । हमारे भारत देश में प्रार्थना का बड़ा महत्व है । जब हम किसी नए काम को प्रारंभ करते हैं तब हम भगवान से हाथ जोड़कर उस काम को सफल बनाने के लिए प्रार्थना करते हैं ।

जब हम भगवान से प्रार्थना करते हैं तब हम सीधे भगवान से जुड़ जाते हैं और हमें सफलता की ओर बढ़ने के रास्ते मिल जाते हैं । प्रार्थना मनुष्य के जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य है और इस उद्देश्य से हम एक सफल इंसान बन सकते हैं ।प्रार्थना करने से मनुष्य के अंदर मानवता जागृत होती है ।जब किसी मनुष्य के अंदर मानवता जागृत होती है तब वह मानवता के हित के लिए कार्य करता है ।

सुबह के समय अपने परिवार के साथ मिलकर प्रार्थना करने से पूरे परिवार में सकारात्मक उर्जा का उदय – हमारे भारत देश में कई ऐसे परिवार हैं जहां पर घर के बड़े एवं छोटे बच्चे बच्चियां मिलकर सुबह स्नान करके भगवान की पूजा एक साथ मिलकर करते हैं और हाथ जोड़कर भगवान से प्रार्थना करते हैं की हे भगवान हमें सद्बुद्धि देना हम सदा सच्चाई के रास्ते पर चलें , हम सदा दूसरों की मदद करें , हमारे अंदर किसी दूसरे व्यक्ति के प्रति बुरी भावना ना जागृत हो और हम दूसरे मनुष्य के भलाई के लिए कार्य करते रहें । यदि हम गलती से किसी गलत रास्ते पर चल पड़े तो आप हमें सही रास्ता दिखाएं ।

इस तरह से प्रार्थना करने से परिवार के सभी सदस्यों को आनंद की अनुभूति होती है । अपने परिवार के साथ सुबह के समय प्रार्थना करने से घर में भारतीय संस्कृति का विकास होता है और परिवार में सभी सुख शांति से रहते हैं । इसलिए हमें यह कोशिश करना चाहिए की हम सभी सुबह अपने परिवार के साथ भगवान के सामने बैठकर प्रार्थना अवश्य करें और अपने बच्चों को प्रार्थना अवश्य शामिल करें जिससे कि बच्चों में सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति हो ।

प्रार्थना से मनुष्य जीवन को एक ऊर्जा प्राप्त होती है यह  साधु संत एवं बड़े  महात्मा के द्वारा प्राचीन समय से ही बताया गया है – प्राचीन समय में साधु संत एवं महात्मा तपस्या करने के लिए , तप करने के लिए पहाड़ों पर जाया करते थे और भगवान की प्रार्थना एवं आराधना करते थे ।जिससे वह भगवान से सीधे संपर्क में आ जाते थे । जो भी व्यक्ति सच्चे मन से भगवान की प्रार्थना करता है , उनको याद करता है । भगवान उनकी सदा रक्षा करते हैं , उनके साथ में रहते हैं । साधु संतों का भी यही मानना है कि सच्चे मन से भगवान की प्रार्थना करने से भगवान की कृपा हम सभी के ऊपर बनी रहती है ।

प्रार्थना करने से मनुष्य के शरीर के अंदर एक शक्ति का उदय होता है । मनुष्य के अंदर जो नकारात्मक ऊर्जा होती है वह नष्ट हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का उदय होता है । मनुष्य को यदि एक सफल इंसान बनना है तो उसे सुबह उठकर प्रार्थना अवश्य करना चाहिए और प्रार्थना में यह दृढ़ संकल्प लेना चाहिए कि हम जो भी कार्य करेंगे उस कार्य के बारे में हम पहले से ही सोच कर रखेंगे । हम कोई ऐसा कार्य नहीं करेंगे जिससे कि दूसरे व्यक्ति को हानि हो ।

हम हमारे फायदे के लिए  दूसरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं करेंगे । हम सभी सदा सच्चाई के रास्ते पर चलते रहें ऐसा आशीर्वाद हमें भगवान से प्राप्त करना चाहिए । प्राचीन समय में राजा महाराजा प्रार्थना करते थे । जब किसी युद्ध को लड़ने के लिए वह अपनी सेना के साथ रणभूमि में जाते थे तब वह अपने राज महल में प्रार्थना करते थे , भगवान से युद्ध क्षेत्र में जीतने की प्रार्थना करते थे । इसके बाद वह अपनी सेना के साथ रणभूमि में युद्ध लड़ने के लिए जाते थे ।

vidyalaya ki prarthana sabha in hindi – हमारे भारत देश में कई ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम है जिन कार्यक्रमों में हिस्सा लेने से हमें खुशी की अनुभूति होती है । जब मैं बचपन में सुबह सुबह उठकर , तैयार होकर टिफिन एवं बैग लेकर स्कूल जाता था तब स्कूल में हम सभी विद्यार्थियों को प्रार्थना में खड़ा होना पड़ता था ।तकरीबन आधे घंटे की प्रार्थना सुबह के समय स्कूल में होती थी । हम सभी सबसे पहले जन गण मन अधिनायक जया है प्रार्थना का गुणगान करते थे ।

इसके बाद मां सरस्वती एवं गायत्री माता की प्रार्थना भी हमारे स्कूल के टीचर करवाते थे । जब हम प्रार्थना में भाग लेते थे तब हमें बड़ा ही आनंद आता था । हम सभी को प्रार्थना में खड़े रहने से ऊर्जा प्राप्त होती थी । सुबह के समय जब हम प्रार्थना करते थे तब हमें पॉजिटिव ऊर्जा प्राप्त होती थी ।प्रार्थना में जब हम जाते थे तब एक पंक्ति में हम सभी विद्यार्थी खड़े होते थे और सभी एक साथ प्रार्थना करते थे । राष्ट्रीय गान से हम प्रार्थना की शुरुआत करते थे और गायत्री मंत्र एवं सरस्वती वंदना भी हम प्रार्थना में किया करते थे ।

जब गायत्री मंत्र पूरा हो जाता था तब हमारे स्कूल के टीचर हम को हाथ जोड़कर भगवान से यह विनती करने के लिए कहते थे कि है भगवान हमें सद्बुद्धि देना , हम सभी पढ़ लिखकर एक अच्छे इंसान बने और अपने देश एवं अपने माता पिता की सेवा करें , हम अपने बड़ों की आज्ञा का पालन करें । इस तरह से हमारे स्कूल में हमारे स्कूल के टीचर विद्यार्थियों से हाथ जोड़कर प्रार्थना करवाते थे और यह प्रार्थना करने से हमें पॉजिटिव एनर्जी प्राप्त होती थी और हम अपने जीवन में आनंद की अनुभूति करते थे ।

हमारे स्कूल में मां सरस्वती का मंदिर भी है । उस मंदिर में हम सभी हाथ जोड़कर मां सरस्वती से प्रार्थना करते हैं की है मां सरस्वती हमें हमेशा शक्ति देना जिससे कि हम ज्ञान प्राप्त कर सकें , हमें बुराइयों से बचाना और हमें अच्छाई के रास्ते पर चलाना । जब हम सच्चाई के रास्ते से भटकने लगे तब आप हमें सच्चाई के रास्ते पर चलाना । हमारे स्कूल के टीचर भी हमारे साथ में सुबह के समय स्कूल में प्रार्थना करते हैं ।

हमारे स्कूल के टीचर का भी यह कहना है कि प्रार्थना में जो भी विद्यार्थी सच्चे मन से भगवान की प्रार्थना करता है , राष्ट्रीय गान गाता है वह आगे चलकर एक सफल इंसान अवश्य बनता है । क्योंकि बड़े-बड़े ऋषि-मुनियों ने यह कहा है कि प्रार्थना करने से मनुष्य को सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है ।

स्कूलों में सुबह के समय होने वाली प्रार्थना में खड़े होने के नियम – सभी स्कूलों में सुबह के समय सभी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को प्रार्थना में भाग लेना होता है । सभी को प्रार्थना में भाग लेने के लिए नियमों पर चलना होता है ।सभी विद्यार्थियों को सही समय पर प्रार्थना में उपस्थित होना पड़ता है । सभी विद्यार्थियों को एक सी ड्रेस पहनकर प्रार्थना में उपस्थित होना पड़ता है । सभी विद्यार्थियों को एक स्वर में राष्ट्रीय गान को गाना होता है । सभी को एक पोजीशन में खड़ा रहना पड़ता है । सभी विद्यार्थी को शांत स्वभाव में खड़ा होना पड़ता है ।

कोई भी विद्यार्थी प्रार्थना में एक दूसरे से बातचीत नहीं कर सकते हैं । यदि कोई प्रार्थना में विघ्न डालता है उसे स्कूल के टीचर की तरफ से दंड दिया जाता है क्योंकि प्रार्थना करने से मन को शांति मिलती है । जब हम प्रार्थना करने के बाद पढ़ाई करने के लिए क्लास रूम में जाते हैं तब हमारे पास एक पॉजिटिव एनर्जी होती है और हम जो भी क्लास रूम में सीखते हैं वह हमारे दिमाग में सेव हो जाता है ।

प्रार्थना करने से हमारा मस्तिष्क शक्तिशाली होता है , हमारी बुद्धि का विकास होता है और हम निरंतर सफलता की ओर बढ़ते हैं । इसीलिए सुबह के समय भारत देश में सभी स्कूलों में प्रार्थना की जाती है । स्कूलों में प्रार्थना कराने का सिर्फ एक ही उद्देश्य है कि सभी विद्यार्थियों को पॉजिटिव एनर्जी प्राप्त हो और वह अपने जीवन में निरंतर सफलता की ओर आगे बढ़ते रहें ।

15 अगस्त के दिन सभी स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारंभ करने से पहले प्रार्थना की शुरुआत – 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था और हम सभी 15 अगस्त के दिन प्रति वर्ष स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं । 15 अगस्त के दिन सभी स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम के प्रारंभ होने से पहले सभी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को एवं माननीय अतिथि गण को प्रार्थना में भाग लेना होता है ।सबसे पहले राष्ट्रीय गाया जाता है और कार्यक्रम की शुरुआत की जाती है । राष्ट्रगान में सभी विद्यार्थी एक पंक्ति में खड़े होते हैं । सभी विद्यार्थी एक रंग की ड्रेस पहनकर आते हैं ।

सभी राष्ट्रीय गान में एक मुद्रा में खड़े हो जाते हैं । जब राष्ट्रगान शुरू होता है तब सभी राष्ट्रगान को गाते हैं । सभी सावधान की स्थिति में खड़े रहते हैं । जब राष्ट्रगान खत्म होता है तब सभी वंदे मातरम कहते हुए राष्ट्रीय गान को समाप्त करते हैं । इसके बाद मां सरस्वती की वंदना भी की जाती है और टीचर के माध्यम से सभी विद्यार्थियों को मां सरस्वती के सामने प्रार्थना कराई जाती है कि हे मां सरस्वती हमें सच्चाई का रास्ता दिखाना , हम सदा अच्छे रास्ते पर चलें , हमें ज्ञान की प्राप्ति हो और हम असत्य के रास्ते पर कभी ना चले ।

यदि हमारे कदम असत्य के रास्ते पर चलें तो आप हमें सच्चाई का रास्ता दिखाएं । इस तरह से 15 अगस्त के दिन सभी विद्यार्थियों को प्रार्थना में शामिल किया जाता है । प्रार्थना के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रारंभ किए जाते हैं । प्रार्थना का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व होता है । प्रार्थना करने से मनुष्य के बुद्धि का विकास होता है । उसके अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है । इसलिए सभी स्कूलों में राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान प्रार्थना कराई जाती है ।

प्रार्थना से मनुष्य को भगवान की प्राप्ति – बड़े-बड़े ऋषि-मुनियों का भी यह मानना है कि प्रार्थना से मनुष्य को पॉजिटिव एनर्जी प्राप्त होती है । ऋषि-मुनियों का यह मानना है कि भगवान से यदि संपर्क करना है तो भगवान की प्रार्थना , आराधना करना आवश्यक है । प्रार्थना करने से मनुष्य को शांति मिलती है और वह अपने जीवन को निरंतर सफलता की ओर बढ़ाता है । इसीलिए स्कूलों में सुबह के समय प्रार्थना कराई जाती है ।

सुबह के समय सभी का मन शांत रहता है और वह सुबह के समय जो भी करता है उस काम की एनर्जी दिन भर उसके शरीर में बनी रहती है । इसीलिए स्कूलों में सुबह के समय प्रार्थना कराई जाती है । प्रार्थना करने से कई प्रकार के लाभ विद्यार्थी को होते हैं । विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थी बहुत मेहनत करता है । इसीलिए विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थी को शक्तिशाली बनाने के लिए स्कूलों में प्रार्थना कराई जाती है । प्रार्थना करने से मनुष्य को पॉजिटिव एनर्जी के साथ-साथ ज्ञान भी प्राप्त होता है ।

विद्यार्थी जीवन में प्रार्थना का महत्व – विद्यार्थी जीवन में प्रार्थना का बहुत महत्व होता है । विद्यार्थी जीवन में जब विद्यार्थी नियमों को फॉलो करके प्रार्थना में शामिल होते है तब विद्यार्थी  के मन बुद्धि का विकास होता है । जब विद्यार्थी के बुद्धि का विकास होता है तब वह सफलता के रास्ते पर निरंतर चलता रहता है । विद्यार्थी जीवन बहुत कोमल होता है । विद्यार्थी जीवन में जो हम सीखते हैं वही हमारे आने वाले समय में हम उपयोग में लाते हैं । जिससे हमको सफलता प्राप्त होती है ।

इसीलिए विद्यार्थी जीवन में सभी विद्यार्थियों को स्कूलों में प्रार्थना कराते हैं । प्रार्थना से विद्यार्थी को कई लाभ प्राप्त होते हैं । जब स्कूलों में सभी विद्यार्थियों को आंखें बंद करके हाथ जोड़कर प्रार्थना कराई जाती है तब वह सभी विद्यार्थी आनंद की अनुभूति करते हैं । हाथ जोड़कर प्रार्थना करने से विद्यार्थी को पॉजिटिव एनर्जी प्राप्त होती है और वह निरंतर सफलता की ओर बढ़ता है । यदि व्यक्ति को एक सफल इंसान बनना है तो उसे सकारात्मक ऊर्जा की आवश्यकता होती है ।

जिस व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा होती है वह सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचता है । जिस व्यक्ति में नकारात्मक ऊर्जा होती है वह अपनी नकारात्मक सोच के कारण एक सफल इंसान नहीं बन पाता है । इसीलिए सभी स्कूलों में सुबह के समय हाथ जोड़कर प्रार्थना कराई जाती है । प्रार्थना करने से सभी विद्यार्थियों को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है ।

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