पतंग पर निबंध व कविता Essay & Poem on Kite in Hindi

Essay on Kite in Hindi

हमारा भारत देश एक विशाल देश है देश के बच्चों और नौजवानों के कई शौक हैं जिनमें से पतंग उड़ाने का शौक भी इनका एक शौक है। भारत देश के नौजवान, बच्चे, बूढ़े सभी पतंग उड़ाने का शौक रखते हैं पतंग हल्के बांस की छोटी छोटी तीलियों से मिलकर बनी होती है। बांस के साथ यह कागज या पॉलिथीन की बनी होती है यह पतंग धागे से बंधी होती है जिसमें एक लंबा सा धागा लगा होता है जो कि हमारे हाथ में होता है बच्चे ज्यादातर पतंग उड़ाना पसंद करते हैं।

Essay & Poem on Kite in Hindi
Essay & Poem on Kite in Hindi

पतंग मकर सक्रांति पर विशेष रूप से उड़ाई जाती है स्वतंत्रता दिवस के दिन भी पतंग उड़ाई जाती है। उत्तर भारत के लोग ज्यादातर स्वतंत्रता दिवस के दिन पतंग उड़ाना पसंद करते हैं जिस तरह से हम स्वतंत्र हुए हैं उसी तरह से पतंग भी स्वतंत्रता का एक प्रतीक होती है जो आसमान में विचरण करती है। पतंग बच्चे अपनी गर्मियों की छुट्टी में भी उड़ाते हैं वह जब भी फ्री होते हैं पतंग उड़ाते हैं। सुबह शाम बच्चे अपने घर की छतों पर पतंग उड़ाते हुए दिखते हैं वह अपने दोस्तों के साथ मिलकर पतंग उड़ाते हैं इसी के साथ बच्चे अपने दोस्तों के साथ मिलकर पतंग लड़ाने की प्रतियोगिता भी रखते हैं।

प्राचीन काल से ही लोगों को पतंग उड़ाने का शौक है सुना है कि पतंग उड़ाने की यह शुरुआत चीन में हुई थी उसके बाद धीरे-धीरे हमारे भारतवासी भी पतंग उड़ाने लगे कई राजा महाराजा,शहजादे भी पतंग उड़ाने की शौकीन हुआ करते थे। पतंग जब उड़ाई जाती है तो यह धागे से बंधी होती है हमारे हाथ में केवल धागा होता है हम धागे के सहारे ही पतंग को संभालते हैं। अगर पतंग पेड़-पौधों में फंस जाती है तो बच्चों को बहुत दुख होता है उन्हें ऐसा लगता है कि उनकी स्वतंत्रता उनसे छीन गई हो।

कभी-कभी तो अपनी पतंग को नीचे गिरते हुए देख बच्चे रोने लगते हैं क्योंकि आसमान में उड़ती उनकी पतंग उनको खुशी देती है वह नीचे गिरती हुई पतंग उनको बहुत दुख देती है। आसमान में उड़ती पतंग उन्हें एक तरह से स्वतंत्रता का एहसास कराती है हमें पतंग से कुछ सीखने की जरूरत है जिस तरह से पतंग आसमान में उड़ती स्वतंत्रता की प्रतीक होती है लेकिन वह धागे से बंधी होती है धागे से बंधे होने के कारण वह ऊंचाई पर उड़ती रहती है, नई-नई ऊंचाइयों को छूती जाती है लेकिन अगर हम पतंग से बंधे उस धागे को काट दे तो पतंग नीचे गिर जाती है क्योंकि धागा ही उसकी यह ऊंचाई का एक कारण होता है उसी तरह जीवन में हम भी इसी तरह के धागों से बंधे होते हैं.

हमारी संस्कृति, हमारे संस्कार, अच्छाई, सत्य, नीति, ईमानदारी रूपी धागों से हम बंधे होते हैं अगर हम गलती से धागों को तोड़ने की कोशिश करते हैं यानि इनको अपने जीवन से दूर कर देते हैं, इन्हें हम नहीं अपनाते हैं तो हम कितनी भी ऊंचाई पर क्यों ना पहुंच जाएं गिरेंगे तो हम पतंग की भांति जमीन पर ही इसलिए हमें इन धागों को कभी भी नहीं तोड़ना चाहिए क्योंकि यही धागे हमारी स्वतंत्रता का एक कारण होते हैं।

आजकल हम देखें तो पहले के मुकाबले पतंग उड़ाते हुए बच्चे बहुत ही कम दिखते हैं क्योंकि पहले गर्मियों की छुट्टी में बच्चों के पास क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेलों के अलावा एक मात्र मनोरंजन का साधन पतंग उड़ाना था लेकिन इस आधुनिक जमाने में मनोरंजन के कई साधन बन चुके हैं बच्चे गर्मियों की छुट्टीयो में कंप्यूटर, इंटरनेट,मोबाइल, TV में व्यस्त रहते हैं जिस वजह से पहले के मुकाबले आजकल पतंग उड़ाते हुए बहुत ही कम बच्चे देखे जाते हैं लेकिन बच्चों को पतंग जरूर उड़ाना चाहिए

क्योंकि पतंग उड़ाने से हमें खुशी भी मिलती है और एक तरह से एक्सरसाइज भी होती है जिससे हाथों की एक्सरसाइज विशेष रुप से होती है इसलिए बच्चों को पतंग जरूर उड़ाना चाहिए। पतंग के ऊपर कई कवियों ने कविताएं भी लिखी हैं क्योंकि पतंग बच्चे और बड़ों के चेहरे पर मुस्कान ला देती है वास्तव में पतंगबाजी दिल को खुश कर देती है।

poem on kite in hindi

उड़ती हुई है यह पतंग

खुशियां मुझे देती पतंग

ऊंचाइयों को छूती पतंग

आजादी का एहसास कराती पतंग

 

देखो मेरी पतंग को

आसमान में उड़ती पतंग को

खुशियों का एहसास कराती

हरदम मुझको यह हंसाती

 

गिरती हुई पतंग

मुझको बहुत रुलाती

उड़ती हुई है यह पतंग

खुशियां मुझे देती पतंग

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