जाति व्यवस्था पर निबंध व कविता Caste System Essay & Poem in Hindi

Essay on Caste System in Hindi

हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल जाति व्यवस्था पर निबंध Caste System Essay & Poem in Hindi आप सभी के लिए बहुत ही हेल्पफुल है हमारे आज के इस निबंध से जानकारी लेकर विद्यार्थी अपने स्कूल, कॉलेज की परीक्षा में निबंध लिख सकते हैं साथ में अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए भी इस निबंध को आप जरूर पढ़ें तो चलिए पढ़ते हैं आज के इस निबंध को

Essay & Poem on Caste System in Hindi
Essay & Poem on Caste System in Hindi

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भारत एक विशालकाय देश है प्राचीन काल से ही हमारे भारत देश में जाति व्यवस्था की गई है जिसके आधार पर लोग समाज में रहते हैं। वर्ण व्यवस्था के अनुसार चार प्रकार की जातियां होती हैं जैसे कि ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र।

यह चार प्रकार की जातियों की समाज में स्थिति अलग-अलग होती है धर्म शास्त्रियों के अनुसार ब्रह्मा जी जिन्होंने इस सारे संसार की रचना की उनके सिर से समाज में ब्राह्मण की उत्पत्ति हुई.

क्षत्रियों की उत्पत्ति ब्रह्मा जी की भुजाओं से हुई और वैश्य समाज की उत्पत्ति ब्रह्मा जी की जांघो से हुई एवं शूद्र की उत्पत्ति ब्रह्मा जी के पैरों से हुई। ब्राह्मण जिसको सबसे उच्च जाति समझा जाता है समाज में इन्हें सम्मान दिया जाता है ब्राह्मण के अंतर्गत पुजारी, विद्यान आदि आते हैं। क्षत्रिय जिनमें कोई योद्धा या शासन करने वाला आता है।

वैश्य जिसमें कोई व्यापारी एवं किसान वर्ग आता है और सबसे नीचे शूद्र जिनकी उत्पत्ति ब्रह्मा जी के पैरों से हुई इसमें मजदूर वर्ग, नौकर वर्ग आते हैं इस जाति व्यवस्था की उत्पत्ति कई साल पहले हुई इस जाति व्यवस्था के आधार पर ही लोगों को अलग-अलग काम सौंपा गया। जाति व्यवस्था के हमें कई सारे लाभ भी मिले लेकिन इससे कई नुकसान भी हुए।

जाति व्यवस्था की वजह से देश में उच्च वर्ग के लोग शूद्र लोग यानी जो लोग निम्न श्रेणी के अंतर्गत आते हैं उनसे अछूत का व्यवहार करते हैं अगर निम्न वर्ग का कोई व्यक्ति गलती से किसी उच्च वर्ग के व्यक्ति को छू ले तो वह व्यक्ति भी अछूत हो जाता था और उसको स्नानादि करना पड़ता था।

निम्न वर्ग के लोगों को किसी विशेष स्थान जैसे कि मंदिरों में जाने की अनुमति नहीं थी उन्हें शिक्षा प्राप्त करने का भी समान अधिकार नहीं था इस तरह से जाति व्यवस्था की वजह से शुद्र लोगों की स्थिति काफी बुरी हुई। शुद्र लोग जो आगे बढ़ना चाहते थे वह एक जाति व्यवस्था की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहे थे लेकिन समय के साथ धीरे-धीरे सब कुछ बदलने लगा।

कई महान लोगों ने इन शुद्र लोगों के लिए काफी कुछ किया इनमें से एक महात्मा गांधी जी भी थे जिन्होंने इन लोगों के लिए काफी कुछ किया था उन्होंने इन लोगों के लिए हरिजन शब्द का प्रयोग किया था। सन 1928 में पहली बार इन शूद्र लोगों को मंदिरों में उच्च वर्ग के लोगों के साथ स्वागत किया गया और उनको भी सभी के साथ मिलकर भगवान की पूजा आराधना करने का मौका मिला।

पहले जाति व्यवस्था के आधार पर ही शादी विवाह किए जाते थे अगर कोई ब्राह्मण है तो वह ब्राह्मण वर्ग के युवक या युवती से ही शादी कर सकता है अगर कोई शुद्र है तो उसकी शादी उसी वर्ग के सदस्य से हो सकती हैं इस तरह की यह जाति व्यवस्था की गई।

महात्मा गांधी जैसे महान विभूतियों के प्रयास से आज छुआछूत काफी हद तक खत्म हुआ है सरकार ने निम्न वर्ग के लोगों के लिए काफी कुछ बदलाव किए हैं उनके भविष्य के लिए, उनको आगे बढ़ाने के लिए उनकी काफी मदद की है।

कई नए नियम बनाए गए आज कोई भी जाति वाला व्यक्ति अपने हिसाब से कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र है वह अपनी काबिलियत के हिसाब से कुछ भी कर सकता है और जीवन में सफल हो सकता है।

Poem on caste system in hindi

प्राचीन काल से ही ये व्यवस्था है

जातियों की व्यवस्था है

पुजारी शिक्षक और विद्वान

ब्राह्ममण की जाति है महान

 

योद्धा क्षत्रिय कहलाते हैं

व्यापारी वैश्य कहलाते हैं

मजदूर नौकर शूद्र कहलाते हैं

लोग उन्हें अश्पृश्य समझते है

 

मंदिरों में भी पूजा का अधिकार ना दिया

शूद्रों के साथ यह व्यवहार हुआ

अब तो सब कुछ बदल दिया है

इनकी स्थिति में सरकार ने सुधार किया है

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