पेट्रोलियम संरक्षण पर निबंध Essay on petroleum conservation in hindi
Essay on petroleum conservation in hindi
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पेट्रोलियम संरक्षण के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस निबंध को पढ़कर पेट्रोलियम संरक्षण के बारे में जानते हैं ।

प्रस्तावना– पेट्रोलियम संरक्षण एक तरह से देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करती है । पेट्रोलियम संरक्षण से कई तरह के लाभ भारत देश को एवं भारत की जनता को मिलेगा । पेट्रोलियम संरक्षण से पर्यावरण प्रदूषण को भी रोका जा सकता है ।
आज देश के हर कोने में वाहन चल रहे हैं और उन वाहनों को पेट्रोल की आवश्यकता पड़ती है । लाखों करोड़ों की संख्या में आज वाहन चल रहे हैं जिसके कारण प्रदूषण फैल रहा है ।
पेट्रोल की वजह से प्रदूषण- पेट्रोल आज व्यक्ति की जरूरत बन गई है क्योंकि जितने भी वाहन चल रहे हैं वह पेट्रोल के माध्यम से चल रहे हैं । जिसके कारण प्रदूषण फैल रहा है । प्रदूषण के साथ-साथ पेट्रोल के कारण लाखों करोड़ों अरबों रुपया देश के बाहर जा रहा है । जिसके कारण देश की आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही हैं ।
पेट्रोल के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सरकार कड़े से कड़े इंतजाम कर रही है । जिससे कि पेट्रोल के संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके । आज हम देख रहे हैं कि पेट्रोल के माध्यम से कई मशीनें चलाई जा रही हैं और उन मशीनों के माध्यम से हानिकारक धुंआ उत्पन्न होता है ।
जिससे हमारे आसपास का वातावरण प्रदूषित हो जाता है क्योंकि पेट्रोल के उपयोग से हानिकारक विषैला धुंआ निकलता है और उस धुंआ से हमें बहुत नुकसान होता है । भारत देश के साथ-साथ कई देशों में भी पेट्रोलियम संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है ।
कई बड़े बड़े देशों में तो पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को बंद कर दिया गया है और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रारंभ किया गया है । जिससे कि प्रदूषण को फैलने से रोका जाए । प्रदूषण के कारण कई तरह की बीमारियां मनुष्य को हो जाती हैं । प्रदूषण के कारण घुटन भी महसूस होती है ।
इसीलिए पेट्रोल का संरक्षण करना बहुत जरूरी है । आज चारों तरफ वाहन ही वाहन चल रहे हैं । जिसके कारण सभी वाहनों में से हानिकारक धुआं निकलता है और उस धुंआ से हमारे आसपास का वातावरण प्रदूषित हो जाता है।
आज हम सभी लोगों का यह दायित्व है कि हम सभी जितना कम हो सके उतना कम पेट्रोल का उपयोग करें , आवश्यकता के अनुसार पेट्रोल का उपयोग करें । जिससे कि हम प्रदूषण को रोकने में अपना योगदान दे सकें । भारत में पेट्रोल की बिक्री अत्यधिक मात्रा में होती है ।
वैज्ञानिकों का यह कहना है कि पेट्रोल अधिक समय तक नहीं रहेगा । यह कभी ना कभी समाप्त हो जाएगा । इसलिए पेट्रोल का संरक्षण जरूरी है । आज मनुष्य सफलता प्राप्त करने के लिए अधिक से अधिक भागदौड़ कर रहा है और वाहन के माध्यम से वह अपनी यात्रा करता है । जिससे उसका समय खराब होने से बच जाता है । आज मानव के लिए वाहन की बहुत ज्यादा आवश्यकता है ।
पेट्रोलियम संरक्षण क्या है What is petroleum conservation
पेट्रोलियम संरक्षण एक तरह से पेट्रोल की बचत करना है । ज्यादा से ज्यादा गैर परंपरागत ऊर्जा का उपयोग करके पेट्रोलियम संरक्षण किया जा सकता है क्योंकि आज उद्योग क्षेत्र से लेकर परिवहन एवं घरेलू क्षेत्रों में कच्चे तेल के द्वारा उत्पन्न हुए पेट्रोल , डीजल और मिट्टी के तेल का उपयोग किया जाता है । जिससे हमारे आसपास प्रदूषण फैलता है और देश की आर्थिक स्थिति भी खराब हो जाती है ।
पेट्रोलियम संरक्षण करने के लिए हमें पेट्रोल से चलने वाले वाहनों का कम से कम उपयोग करना चाहिए और बैटरी के माध्यम से चलने वाले वाहनो को अधिक से अधिक से बढ़ावा देना चाहिए जिससे पेट्रोल कम मात्रा में उपयोग में लाया जाए । जिससे हमें प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी ।
आज भारत देश कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए दूसरे देश पर निर्भर है और काफी जायदा पैसा हमारे देश से कच्चे तेल को खरीदने के लिए खर्च किया जाता है । जिसका असर देश के विकास पर पड़ता है और देश की व्यवस्थाएं डगमगाने लगती है ।
पेट्रोल संरक्षण एक तरह का देश का विकास करना और देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है । हम सभी भारतीयों का यह दायित्व है कि हमें देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा देना चाहिए ।
आवश्यकता के अनुसार ही कच्चे तेल से उत्पन्न हुए डीजल , पेट्रोल का उपयोग करना चाहिए । हमें यह कोशिश करना चाहिए कि हम जितना 1 दिन में पेट्रोल खत्म करते हैं उसकी मात्रा को धीरे-धीरे कम करे । जहां पर आवश्यकता हो वहां पर वाहन का उपयोग करना चाहिए ।
पेट्रोल का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए । जिससे कि प्रदूषण हमारे देश में ना फैले और देश की आर्थिक स्थिति भी खराब ना हो । कई तरह के नुकसान पेट्रोल डीजल के उपयोग करने से हमें होते हैं । आज यदि हम सभी यह संकल्प लें कि हम कम कम मात्रा में पेट्रोल की बचत करेंगे तो यह थोड़ी-थोड़ी बचत देश को ऊंचाइयों तक ले जाएगी ।
पेट्रोलियम संरक्षण के उपाय Petroleum conservation measures
पेट्रोलियम संरक्षण के कई उपाय भारत सरकार के द्वारा बताए गए हैं । उन उपायों का उपयोग करके हम सभी पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा दे सकते हैं । पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार अधिकतर प्रयत्न कर रही है ।
सरकार के द्वारा बड़े बड़े उद्योगों में कई तरह के बदलाव किए गए हैं । जिससे कि पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके । जब से भारत में पेट्रोल , डीजल की खपत होना शुरू हुआ है तब से लेकर के आज तक के आंकड़े यदि हम देखेंगे तो हमें आश्चर्यजनक लगेगा ।
जब भारत ने पेट्रोल , डीजल की खपत होना शुरू हुई थी तब पहले हमारे भारत में पेट्रोलियम की 3.5 एमएमटी खपत थी । 2013 एवं 2014 की गणना के अनुसार पेट्रोल की खपत बढ़कर 158.2 एमएमटी हो गई है । कितनी आश्चर्य चकित वाली बात है कि इतनी अधिक मात्रा में कच्चे तेल का उपयोग हमारे भारत उपयोग किया जाता है ।
जब इतना अधिक कच्चा तेल हमारे भारत में उपयोग किया जाता है तब इस कच्चे तेल के उपयोग से हमारे आसपास का वातावरण दूषित होता है ।
हानिकारक रासायनिक गैसे कच्चे तेल के उपयोग से निकलती हैं । पेट्रोल , डीजल के उपयोग से हानिकारक धुंआ निकलता है जिसके कारण हमारा शरीर बीमार हो जाता है । कई तरह की बीमारियां हमको हो जाती है ।
पेट्रोलियम संरक्षण के लाभ- पेट्रोलियम संरक्षण से हमें कई तरह के लाभ होते हैं । हमारा पैसा बचता है और बीमारियों से भी हमको निजात मिलती है । देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भी हम पेट्रोलियम संरक्षण के द्वारा मदद कर सकते हैं ।
हमें कच्चे तेल के द्वारा उत्पन्न ईंधन के जो माध्यम हैं उन माध्यमों को उपयोग में ना लाकर गैर परंपरागत ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए । जिससे कि हमारा परिवार बीमारियों से बच सके , प्रदूषण की चपेट से बच सकें और हम अच्छा जीवन जी सकें ।
पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा– पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सरकार के द्वारा उद्योग क्षेत्रों में बदलाव किए गए हैं । परिवहन क्षेत्र में पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को भी जल्द से जल्द कम करने की योजना भी सरकार के द्वारा बनाई जा रही है ।
पेट्रोलियम से चलने वाले वाहन के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का उपयोग किए जाने की योजना सरकार के द्वारा बनाई जा रही है । जब पेट्रोल के वाहन बंद कर दिए जाएंगे और इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग किया जाने लगेगा तब बहुत अधिक मात्रा में प्रदूषण कम हो जाएगा ।
परिवहन क्षेत्र के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में भी पेट्रोल , डीजल का उपयोग अधिक मात्रा में किया जाता है । कृषि क्षेत्र में गैर परंपरागत ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार के द्वारा कई योजनाएं लागू की गई है ।
गैर परंपरागत ऊर्जा के माध्यम से खेती करने से प्रदूषण फैलने से रुक जाएगा । परंपरागत ऊर्जा के माध्यम से खेती करने के लिए पंप इंजन को इलेक्ट्रिक पंप इंजन में बदले गए हैं । आज इलेक्ट्रिक पंप इंजनों का उपयोग किसान कर रहे हैं ।
गांव के हर किसान गैर परंपरागत ऊर्जा का उपयोग करें इसके लिए जो खर्चा होता है उस खर्चे को सरकार के द्वारा दिया जाता है । किसान पंप या मोटर चलाने के लिए पेट्रोल डीजल का उपयोग ना करें इसके लिए गांव-गांव बिजली पहुंचाई गई है । जिससे किसान पेट्रोल डीजल का कम से कम उपयोग करें और गैर परंपरागत ऊर्जा को बढ़ावा दे ।
आज हम प्रदूषण फैलाने वाले पेट्रोल , डीजल , एलपीजी , मिट्टी का तेल कई तरह के ईंधन उपयोग में ला रहे हैं । हमें इन सभी साधनों का कम से कम उपयोग करना चाहिए । खाना बनाने के लिए हमें सोलर कुकर और कई गैर परंपरागत ईंधन को उपयोग में लाना चाहिए ।
पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ Petroleum Conservation Research Association
पेट्रोलियम की सबसे अधिक खपत भारत में होती है । इस खपत को कम करने के लिए एवं पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ का निर्माण किया गया है ।
कच्चे तेल की खपत अधिक होने से देश की आर्थिक स्थिति कमजोर होती है क्योंकि देश का सबसे ज्यादा पैसा कच्चे तेल को खरीदने में बर्बाद हो जाता है । पेट्रोल आज मनुष्य की जरूरत बनी हुई है और अधिक मात्रा में पेट्रोल का उपयोग कर रहा है ।
पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान का निर्माण करने का उद्देश्य था कि पेट्रोल , डीजल के माध्यम से हो रहे प्रदूषण की देखरेख करना और पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा देना है।
पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ का यह दायित्व है कि वह समय-समय पर सरकार को कच्चे तेल के माध्यम से हो रही हानी प्रदूषण के बारे में अवगत कराता रहे और पेट्रोलियम संरक्षण को कैसे बढ़ावा दिया जाए इसका रास्ता भी बताएं । पेट्रोलियम अनुसंधान संघ की स्थापना 1978 को की गई थी । यह एक गैर लाभकारी संगठन है ।
इसका दायित्व सरकार को समय-समय पर अवगत कराना है । पेट्रोलियम अनुसंधान संघ की स्थापना 1978 को संरक्षण भवन भीकाजी कामा प्लेस नई दिल्ली में की गई थी ।
कई क्षेत्रों में पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं पेट्रोलियम अनुसंधान संघ के द्वारा बनाई गई है । कच्चे तेल के माध्यम से रासायनिक एवं परमाणु ऊर्जा उत्पन्न होती है । यह ऊर्जा हमारे लिए हानिकारक हो सकती है ।
पेट्रोलियम अनुसंधान संघ ने जब विश्व और भारत में कच्चे तेल की आपूर्ति का खुलासा किया तब हम यह सोचने पर मजबूर हो गए की यदि हमने आज पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा नहीं दिया तो आने वाले समय में हमें काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है ।
पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ मीडिया के माध्यम से भी यह प्रचार कराती है की पेट्रोल , डीजल एवं कच्चे तेल से बनने वाले सभी ईंधन को कम से कम उपयोग में लाएं जिससे कि देश में कच्चे तेल की आपूर्ति को कम किया जा सके ।
पेट्रोलियम संरक्षण जागरूकता Petroleum Conservation Awareness
पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के द्वारा कई तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं , कई प्रतियोगिताएं की जाती हैं , कई प्रदर्शनी भी लगाई जाती हैं । पर्यावरण प्रदूषण दिवस के दिन जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है जिसमें पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा देने की बात भी कही जाती है ।
पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ भी लोगों को मीडिया के माध्यम से कच्चे तेल के उपयोग से हो रहे नुकसान के बारे में बताती है और गैर परंपरागत ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए भी लोगों को समझाया जाता है ।
वाष्पीकरण पद्धति को बढ़ावा देने के लिए ऊष्मा एकीकरण के बारे में सभी को बताया जाता है । जिससे कि प्रदूषण को रोका जाए और पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा दिया जाए । प्रौद्योगिकी उन्नयन क्षेत्र में कई तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं ।
इन कार्यक्रम के माध्यम से कई लोगों को यह बताया जाता है कि पेट्रोलियम संरक्षण करना हमारे देश की कितनी आवश्यकता है । भारत सरकार एवं पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ के द्वारा कई जागरूक अभियान कार्यक्रम मीडिया के द्वारा चलाए जाते हैं ।
प्रदर्शनी एवं नाटक के माध्यम से पेट्रोल की आपूर्ति एवं खपत को समझाया जाता है क्योंकि वैज्ञानिकों का भी यह मानना है कि जिस तरह से पूरी दुनिया में कच्चे तेल का उपयोग किया जाता है यदि यह स्पीड निरंतर चलती रही तो आने वाले समय में पेट्रोलियम भंडारण समाप्त हो जाएगा ।
यदि हमें पेट्रोलियम भंडारण को नष्ट होने से रोकना है तो हमें आज से ही पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा देना चाहिए । कई नाटक , फिल्मों एवं नौटंकी के माध्यम से पेट्रोलियम अनुसंधान संघ पेट्रोलियम संरक्षण के बारे में बताते हैं ।
जिससे कि लोग पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा दें । युवा वर्ग को भी पेट्रोलियम संरक्षण के बारे में बताने के लिए स्कूलों , कॉलेजों में निबंध प्रतियोगिताएं भी सरकार के द्वारा की जाती हैं ।
जो विद्यार्थी अच्छा निबंध पेट्रोलियम संरक्षण के बारे में लिखता है उसे पुरस्कृत भी किया जाता है । ऐसा करने से बहुत ज्यादा जागरूकता लोगों में फैलेगी क्योंकि देश की सबसे बड़ी नीम युवा पीढ़ी होती है । जब वह शिक्षा प्राप्त करने के दौरान पेट्रोलियम संरक्षण के बारे में जानेंगे तब वह आगे चलकर पेट्रोलियम संरक्षण को बढ़ावा देंगे और हमारे देश से प्रदूषण कम होगा जिससे हमारे देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी ।
सरकार एवं पेट्रोलियम अनुसंधान संघ के द्वारा गुब्बारों एवं जगह-जगह पोस्टर लगाकर भी पेट्रोलियम संरक्षण के बारे में बताया जाता है । टीवी , अखबारों में एडवर्टाइजमेंट देकर भी पेट्रोलियम संरक्षण के बारे में लोगों को बताया जाता है ।
उपसंहार– पेट्रोलियम संरक्षण बहुत ही महत्वपूर्ण है। जो लोग जागरूक हैं वह सभी लोग मिलकर पेट्रोलियम संरक्षण के बारे में जन जागरूक अभियान भी चलाते हैं । जन जागरूकता अभियान में लोगों को एकत्रित करके पेट्रोल, डीजल एवं ईंधन से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताते हैं। हमें भी पेट्रोलियम संरक्षण के प्रति जागरूक होना चाहिये।
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Bilkul correct hai
Petroleum ke upar nibandh bahut hi achcha isko Facebook per upload Kare