पंचायती राज पर निबंध essay on panchayati raj in hindi

essay on panchayati raj in hindi

दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं पंचायती राज पर निबंध । इस निबंध में हम आपको यह बताएंगे की देश में पंचायती राज प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश्य क्या था? पंचायती राज से हमारे देश में क्या-क्या बदलाव आए हैं यह भी हम जानेंगे । चलिए अब हम पढ़ते हैं पंचायती राज पर लिखें इस निबंध को ।

हमारे देश भारत में पुराने समय से ही पंचायतें हैं। यह कहा जाता है कि पुराने समय में गांव में किसी तरह का कोई विवाद होता था उस विवाद को खत्म करने के लिए पंचायत बुलाई जाती थी । वहां पर पंचो के द्वारा उस समस्या का समाधान निकाला जाता था। यह पंच गांव के लोगों के द्वारा चुने जाते थे । वहीं पंच गांव के विवादों को सुलझाते थे । गांव के लोग पंचों को भगवान का दर्जा देते थे ।

essay on panchayati raj in hindi
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जब हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था तब अनेकों गांव में पंचायत लगती थी । ब्रिटिश शासन काल में चार्ल्स मैटकॉफ ने पंचायती राज प्रणाली को सूक्ष्म गणराज्य का नाम दिया था । जब हमारा देश भारत आजाद हुआ तब पंचायती राज प्रारंभ करने के लिए विचार किया गया था और यह तय किया गया था की त्रिस्तरीय पंचायती प्रणाली को लागू किया जाए फिर 1952 में इस प्रणाली को स्वतंत्र भारत में प्रारंभ किया गया था लेकिन गांव के धनी व्यक्ति एवं निर्धन व्यक्ति ने इस प्रणाली को नहीं माना था जिसके कारण पंचायती राज प्रणाली फेल हो गई थी । हमारे देश के कई गणमान्य नेताओं के विचार पर इस प्रणाली को पुनः प्रारंभ करने का विचार बनाया और 1959 में बलवंत राय मेहता समिति की रिपोर्ट के द्वारा इस प्रणाली को पुनः प्रारंभ किया गया था ।

इस प्रणाली को त्रिस्तरीय प्रणाली के आधार पर बनाया गया था । जिला स्तर पर जिला परिषद का गठन किया गया था । खंड स्तर पर पंचायत समिति का गठन किया गया था । ग्राम में ग्राम पंचायत समिति का गठन किया गया था । यह कहा जाता है कि यह प्रणाली सर्वप्रथम आंध्र प्रदेश और राजस्थान में शुरू की गई थी । जब राजस्थान और आंध्र प्रदेश में इस प्रणाली को शुरू करने के बाद वहां पर अच्छे परिणाम देखे गए तब इस प्रणाली को पूरे देश में लागू कर दिया गया था । पंचायती राज व्यवस्था में अनेक अवरोधो को दूर करने के लिए भारत सरकार के द्वारा 1977 में अशोक मेहता समिति का गठन किया गया था । जब पंचायती राज में किसी तरह की कोई समस्या आती है तब अशोक मेहता समिति उस समस्या का हल निकालती है । इसके बाद 1985 में जी.टी.के.राव समिति का गठन भी किया गया था । सन 1986 में लक्ष्मी मल सिंघवी समिति का भी गठन किया गया था।

यह सभी समितियां पंचायती राज की समस्याओं का समाधान करती हैं । हमारे भारत देश में 580000 गांव है । इन सभी गांव में पंचायत खोली गई हैं जहां पर सरपंच होते हैं जो गांव की समस्याओं का समाधान करते हैं । हमारे भारत देश में पंचायती राज को पूरी तरह से लागू करने के लिए एक विधेयक लाया गया इस विधेयक को लोकसभा में पारित होने के लिए 24 अप्रैल 1993 में रखा गया था । इस विधेयक को पास कराने के लिए कई सांसदों ने समर्थन दिया था क्योंकि यह विधेयक लोगों की भलाई के लिए लाया गया था । पंचायती राज प्रणाली को लाने का एक ही मकसद था कि लोगों को न्याय मिले ।

यह कहा जाता है कि हमारे देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने पंचायती राज को प्रारंभ किया था लेकिन कुछ कारणों की वजह से पंचायती राज प्रणाली को सफलता नहीं मिली थी और इस प्रणाली को बंद कर दिया गया था । पंचायती राज प्रणाली से गांव में रहने वाले लोगों को बहुत लाभ पहुंचा है क्योंकि गांव के लोगों को न्याय लेने के लिए अधिक दूर नहीं जाना पड़ता है । लोग पंचायत के माध्यम से न्याय प्राप्त कर सकते है । महात्मा गांधी जी भी यह मानते थे कि पंचायत में पंचायती राज प्रणाली को प्रारंभ करने से गांव के किसान एवं गांव के गरीब लोगों को न्याय प्राप्त होगा ।

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