मैना पर निबंध Essay on Myna Bird in Hindi Language
Essay on Myna Bird in Hindi Language
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं मैना पर निबंध। चलिए अब हम पढ़ेंगे मैना पर निबंध को । मैना पक्षी को हम सभी लोगों ने देखा है । मैना की गर्दन काले रंग की होती है , मैना की चोंच नारंगी होती है । इसकी टांगे लंबी एवं मजबूत होती है । मैना पक्षी की लंबाई 20 से 25 सेंटीमीटर होती है । मैना हमारे भारत देश के हर क्षेत्र में पाई जाती है । यह सबसे सुंदर दिखाई देती है । मैना की आवाज मीठी एवं मधुर लगती है । यह हमारे भारत की सबसे सुंदर पक्षी है । पूरे विश्व में मैना की 20 प्रजातियां पाई जाती हैं ।
एशिया के सभी देशों में मैना पाई जाती है । मैना अपना घोंसला दीवारों पर एवं पेड़ पर बनाती है । मैना अपने अंडे जुलाई के महीने में देती है । मैंना अपने अंडे अपने घोसले में ना देकर दूसरे पक्षी के घोसले में देती है । मैंना 4 से 5 अंडे देती है । मैंना अपने अंडों को 14 दिनों तक संभाल कर रखती है । जब यह अंडा फूटते हैं तब इसमें से रंग-बिरंगे बच्चे निकलते हैं। मैंना कीड़े, मकोड़े, दाने ,फल आदि खाती है । यह सर्वाहारी पक्षी है । यह जलाशय वाले स्थानों एवं पहाड़ी इलाकों में पाई जाती है । यह दिखने में सबसे सुंदर दिखती है । मैना सबसे सुंदर पक्षी मानी जाती है। हम सभी जब मैना को देखते हैं तब हमें बहुत ही आनंद आता है । आज भारत देश के सभी चिड़ियाघर में मैना पक्षी को रखा जाता है । यह भारत देश की सबसे सुंदर पक्षी है । मैना हमारे देश के साथ साथ कई देशों में भी पाई जाती है ।
मैना जंगलों में भी पाई जाती है । मैना को जब चिड़िया घर में रखा जाता है तब उसके खाने पीने का बड़ा ध्यान रखा जाता है । मैना को बड़े पिंजरे में रखा जाता है । मैना की मधुर आवाज सुनने के लिए चिड़िया घरों में बहुत सारे पर्यटक आते हैं और उसको दाने डालते हैं । हमारे भारत देश की पहाड़ी मैना सबसे प्रसिद्ध है । पहाड़ी मैना ने हम सभी लोगों का दिल जीता है । पहाड़ी मैना की आवाज मीठी एवं मधुर लगती है । हम सभी पहाड़ी मैना को देखने के लिए चिड़िया घरों में जाते हैं । बस्तर की मैना दक्षिण भारत के छत्तीसगढ़ में पाई जाती है । दक्षिण भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के लोग मैना को राजकीय पक्षी के रूप में भी मानते हैं । आज हम देख रहे हैं कि हमारे भारत देश से मैना की प्रजातियां विलुप्त होती जा रही हैं ।
मैना प्रजाति के विलुप्त हो जाने के कारण सरकार ने मैना प्रजाति को खत्म होने से बचाने के लिए कई योजनाएं चलाए हैं । इन योजनाओं पर काम चल रहा है लेकिन योजना के बाद भी मैंना जाती की कमी रुक नहीं रही है । मैना जब सुबह के समय आसमान में चहकती हुई निकलती है तब हमें उनकी बोली मीठी सुनाई देती है । वह एक डाली से दूसरी डाली पर जाकर जंगलों एवं पहाड़ों पर घूमकर खेलती हैं । मैना अपनी ही प्रजाति की मैना के साथ एक जगह से दूसरे जगह पर उड़कर अपनी मीठी आवाज सुना कर घूमती रहती हैं ।
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