मेरी केरल यात्रा पर निबंध Essay on my trip to kerala in hindi

Essay on my trip to kerala in hindi

Kerala – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से मेरी केरल यात्रा पर लिखे निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर मेरी केरल यात्रा पर लिखे निबंध के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Essay on my trip to kerala in hindi
Essay on my trip to kerala in hindi

image source- https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Back_Water_Of_kerala-Soul_of_kerala.jpg

मेरी केरल यात्रा – नमस्कार दोस्तों मैं अरुण नामदेव आज आप सभी को मेरी केरल यात्रा के बारे में बताने जा रहा हूं । एक बार जब हम 8 से 10 मित्र मिलकर बातचीत कर रहे थे तब अचानक से ही हम सभी के दिमाग में केरल की खूबसूरती के बारे में विचार आए थे । जब हम केरल की खूबसूरती के बारे में बातचीत करने लगे तब हम सभी मित्रों ने केरल की खूबसूरती को देखने का विचार बनाया था । इसके बाद हम सभी ने केरल जाने के लिए रिजर्वेशन करा लिया था । इसके बाद हम सभी मित्र एकत्रित होकर ट्रेन के माध्यम से केरल की यात्रा करने के लिए निकल गए थे ।

सबसे पहले हम केरल के दक्षिण छोर पर पहुंचे थे क्योंकि हम सभी ने यह पढ़ा था कि केरल भारत देश के दक्षिण पश्चिम छोर पर स्थित एक सुंदर प्रदेश है । हम जब कोची एरनाकुलम पहुंचे तब हम कोची एरनाकुलम की सुंदरता को देखकर आनंदित हो गए थे । जब हम कोची  एरनाकुलम से सटे हुए शहर को देख रहे थे तब हमें बड़ा ही आनंद आ रहा था । यह शहर केरला के सबसे बड़े शहर थे जिसकी सुंदरता वाकई में देखने के लायक है । जब हमने इस शहर की सुंदरता को देखा तब हमने बहुत आनंद प्राप्त किया था । कोची एरनाकुलम भारत का एक व्यवसायिक बंदरगाह भी है ।

यहां के बंदरगाह वाकई में देखने के लायक है । कोची एरनाकुलम भारत देश की नौसेना का मुख्य केंद्र भी है । जब हमने कोची एरनाकुलम के बंदरगाह को देखा तब मानो ऐसा लग रहा था जैसा कि स्वर्ग में आ गए हो । कोची एरनाकुलम से होते हुए हम सभी मित्र यात्रा करते हुए नीलगिरी पर्वत पर पहुंचे थे ।नीलगिरी की सुंदरता की चर्चा जितनी की जाए उतनी कम है । हमने 2 से 4 घंटे तक नीलगिरी पर्वत पर रुक कर आनंद प्राप्त किया था । इसके बाद हम नीलगिरी पर्वत से आगे बढ़ गए थे । जब हम नीलगिरी पर्वत से आगे बढ़ते गए तब हमें हरियाली , हरे भरे खेत , पेड़ पौधे दिखने लगे थे ।

नीलगिरी पर्वत से तकरीबन  2500 फुट की ऊंचाई पर सुंदर-सुंदर चाय के बागान भी लगे हुए हैं । चाय के बागानों की सुंदरता दर्शनीय है । जब हम पहाड़ों की ढलान पर चाय के बागान को देखते हैं तब हमें बड़ा आनंद प्राप्त होता है । इसके बाद हम नीलगिरी पर्वत से होते हुए मैटूपट्टम डैम पहुंचे थे । जहां पर हमने बहुत इंजॉय किया था । मैटूपट्टम डैम को घूमते समय ऐसा प्रतीत हो रहा था की हम जन्नत की सैर कर रहे  हो । इसके बाद हम निरंतर आगे बढ़ते चले गए । जब हम नीलगिरी पर्वत पर स्थित ठेकड़ी पहुंचे तब वहां के झरने , पहाड़ , हरे भरे खेत बहुत ही सुंदर दिखाई दे रहे थे ।

ठेकड़ी मेे स्थित पेरियार झील अद्भुत और सुंदर दिखाई देती है । जब हम सभी लोगों ने पेरियार झील की सुंदरता को देखा तब हम अपने जीवन में आनंद प्राप्त कर रहे थे । ठेकड़ी पहुंचने के बाद हम सभी लोगों ने वहां पर स्थित मसालों के उद्यान , आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के उद्यानो को देखा था जिसके बाद हम सभी लोगों ने वहीं पर रात गुजारी थी । मैं आपको बता दूं की ठेकड़ी नीलगिरी पर्वत का सबसे सुंदर एक छोटा सा शहर है जिसको देखने के लिए काफी पर्यटक आते हैं और अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । जब हम वहां पर पहुंचे तब हमको भी बहुत  आनंद आ रहा था ।

इसके बाद हम सभी मित्रों ने यह विचार बनाया था कि अब हम एलेप्पी घूमने के लिए जाएंगे और हम सभी एलेप्पी पहुंच गए थे । जहां के पहाड़ों और प्राचीन इमारतों को देखकर बहुत आनंद आ रहा था । इसके बाद हम कोवलम पहुंचे थे । कोवलम घूमने के बाद हम सभी एक होटल में रुके थे ।होटल में हम सभी मित्रों ने बहुत इंजॉय किया था । इसके बाद हम त्रिवेंद्रम पहुंचे थे । त्रिवेंद्रम शहर के बारे में मैं आपको बता दूं कि यह सबसे बड़ा अद्भुत सुंदर शहर है जो केरल की राजधानी भी है । जब हम त्रिवेंद्रम शहर पहुंचे तब हम वहां के सुंदर-सुंदर होटल , सुंदर सुंदर इमारते , पहाड़ी इलाकों को देखकर आनंद प्राप्त कर रहे थे ।

इसके बाद हम केरल का सबसे सुंदर पर्यटन स्थल कन्याकुमारी पहुंचे थे । जो भारतीय प्रायद्वीप का दक्षिणी छोर है । कन्याकुमारी की यात्रा पर जब हम पहुंचे तब वहां पर हम सभी ने बंगाल की खाड़ी , अरब सागर , हिंद महासागर को मिलते हुए देखा था । कन्याकुमारी पहुंचने के बाद हम विवेकानंद स्मारक पर भी पहुंचे थे । विवेकानंद स्मारक चट्टान पर बना हुआ है जिसकी सुंदरता की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है । इस तरह से हम सभी मित्रों ने केरल की यात्रा की थी । इसके बाद हम सभी केरल की यात्रा करते हुए अपने घर पर लौट कर वापस आए थे ।

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