भारतीय लोक गीत पर निबन्ध Essay on lok geet in hindi
Essay on lok geet in hindi
Lok geet – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारतीय लोकगीत पर लिखे निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और भारतीय लोकगीत पर लिखें निबंध को पढ़ते है ।
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भारतीय लोक गीत के बारे में – भारत देश एक सांस्कृतिक देश है । जहां पर कई धर्म के लोग रहकर अपना जीवन यापन करते हैं । भारत देश में संस्कृति चारों तरफ फैली हुई है । सभी धर्म के लोग अपनी अपनी संस्कृति को अपना कर अपना जीवन यापन करते हैं ।
हमारे भारत देश में भारतीय संस्कृति और कई तरह की प्रथाएं हैं जिन प्रथाओं को सभी लोग मानते हैं । हमारे भारत देश के कई राज्य हैं और उन सभी राज्यों में कई तरह की भाषा बोलने वाले लोग रहते हैं । जो अपने राज्यों के हिसाब से प्रथाओं को मानते हैं । हमारे भारत देश में भारतीय लोक गीत का बड़ा महत्व है ।
भारतीय लोक गीत कई देशों में प्रचलित है । भारतीय लोक गीत प्राचीन में हुई घटनाओं के ऊपर गाए जाते हैं । जिसमें राजा महाराजाओं की वीरता को बताया जाता है । भारत देश की प्राचीन समय की कथाओं के ऊपर भी लोक गीत गाए जाते हैं ।
हमारे देश के कई प्रेमीयो ने जिन्होंने अपने प्रेम को सफल बनाने के लिए जान दे दी थी , ऐसे कई प्रेमियों के लोकगीत गाए जाते हैं । हीर रांझा एवं लैला मजनू , शीरी फरहाद जैसे महान प्रेमियों के ऊपर लोकगीत गाए जाते हैं । प्रेम की दास्तान को लोकगीत के माध्यम से लोगों को सुनाया जाता है ।
लोकगीत प्राचीन समय से ही गाया जाता रहा है । लोकगीत जहां पर लोग रहते हैं उसी जगह की भाषा में गाया जाने वाला लोकगीत होता है । स्थानीय भाषा में गाया गया गीत को हम लोकगीत कहते हैं । हमारे भारत देश के सभी राज्यों के अलग-अलग लोकगीत होते हैं जो अलग-अलग भाषाओं में गाए जाते हैं । हमारे भारत देश के कुछ ऐसे राज्य हैं जहां के लोकगीत पूरी दुनिया में फेमस है । उन राज्यों के नाम इस प्रकार से हैं हरियाणा , पंजाब , राजस्थान , मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश यहां के लोकगीत दूर-दूर तक प्रचलित है ।
राजस्थान के लोकगीत पूरी दुनिया में फेमस है क्योंकि राजस्थान के लोकगीतों में राजस्थान की संस्कृति को बताया गया है । लोकगीतों के माध्यम से राजस्थान के राजाओं की वीरता को बताया गया है । राजस्थान के राजपूतों की वीर गाथा को लोकगीत के माध्यम से सुनाई जाती है । लोकगीत प्राचीन समय में गांव के रहने वाले लोगों के द्वारा गाया जाता था ।
जो धीरे-धीरे चारों तरफ फैल गया और सभी अपने स्थान की भाषा में लोकगीत गाने लगे । यदि हम उत्तर प्रदेश के लोकगीत के बारे में बात करें तो उत्तर प्रदेश के मथुरा के बारे में कई लोक गीत गाए गए हैं ।
जिन लोकगीतों को सुनने के बाद हमें आनंद प्राप्त होता है और हम अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । उत्तर प्रदेश के मथुरा में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था और उनके जन्म के बारे में एवं राधा कृष्ण की प्रेम कहानियों के बारे में एवं गोपियों के बारे में लोकगीतों में बताया जाता है । जो भी व्यक्ति उत्तर प्रदेश के फेमस लोकगीत सुनता है वह आनंद प्राप्त करता है क्योंकि उत्तर प्रदेश के लोकगीतों में राधा कृष्ण की प्रेम कहानी को स्पष्ट रूप से बताया गया है और मथुरा के बारे में भी लोकगीतों में बताया गया हैं ।
उत्तर प्रदेश राज्य में जब भी कोई भारतीय त्योहार का दिन होता है तब वहां पर लोक गीतों को गाकर त्योहारों को आनंद से मनाते हैं । खासकर दिवाली , रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर वहां के लोग लोकगीत गाकर , नृत्य कर आनंद प्राप्त करते हैं । लोक गीतों को गाकर लोगों को सुनाया जाता है और सभी लोग लोकगीत सुनकर नृत्य करने लगते हैं ।लोकगीत प्राचीन समय से ही हमारे भारत में गाया जाता है । लोकगीत के बारे में भारत के कई लेखकों ने भी यह कहा है कि लोकगीत के माध्यम से व्यक्ति आनंद प्राप्त करता है ।
लोकगीत के माध्यम से अपनी स्थानीय भाषा का प्रचार प्रसार चारों तरफ किया जाता है । जब लोकगीत गाए जाते हैं तब वहां की संस्कृति उस लोकगीत में दिखाई देती है । गांव में जब सभी लोग एकत्रित होकर लोकगीत गाते हैं तब वह बहुत आनंदित होते हैं , सुंदर सुंदर वस्त्र पहनकर नाचते हैं । यह हमारे भारत की प्राचीन संस्कृति हैंं । हमारे भारत देश में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम मनाए जाते हैं । उन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भारतीय लोक गीत गाए जाते हैं ।
हमारे भारत देश मे जब स्वतंत्रता दिवस पूरी धूमधाम से मनाया जाता है तब भारत देश की राजधानी दिल्ली में ग्रामीण क्षेत्र के लोग आकर लोकगीत का प्रदर्शन करते हैं । जिसमे हमारे देश की संस्कृति की झलक दिखाई देती है । पूरा देश उस कार्यक्रम को देखता है । देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी भारतीय स्वतंत्र दिवस के कार्यक्रम को दिखाया जाता है और सभी लोग इस कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय लोक गीतों की झलक देखते हैं । जिसमें भारतीय संस्कृति दिखाई देती है । इसलिए पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति की प्रशंसा की जाती है ।
यदि भारत की संस्कृति को देखना है , भारतीय संस्कृति का आनंद लेना है तो भारतीय लोक गीतों को सुनना चाहिए । भारतीय लोक गीतों में भी भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई देती है । प्राचीन समय में भारतीय लोक गीत विवाह समारोह के समय गाया जाता था । जो लोकगीत झांझर , बांसुरी मंजीरा एवं घुंघरू बजाकर गाए जाते थे । जिसका आनंद सभी लोग लेते थे ।
भारत के सभी प्रदेशों के लोकगीतों के बारे में – भारत देश के सभी राज्यों में अपनी-अपनी भाषाओं में लोक गीत गाए जाते हैं । जिस प्रकार से राजस्थान में लोकगीतों के माध्यम से वहां के राजाओं की गाथा को सुनाया जाता है । वहां के राजाओ की वीर गाथा को लोकगीतों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है ।
उसी तरह से उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा एवं वृंदावन और राधा कृष्ण एवं गोपियों के बारे में लोकगीतों में बताया जाता है । उत्तर प्रदेश के सभी शहरों में सभी त्योहारों पर लोकगीत गाने की परंपरा है । जिस परंपरा को आज भी वहां के लोग मानते हैं क्योंकि भारतीय लोकगीतों में भारतीय संस्कृति दिखाई देती है ।
जब भारतीय संस्कृति को लोकगीतों में सजाकर प्रस्तुत किया जाता है तब वहां के लोग अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । यदि हम दक्षिण भारतीय लोकगीतों के बारे में बात करें तो वहां के लोग भी लोकगीत गाने में पीछे नहीं है । वहां की भाषा को लोकगीतों में सजाकर प्रस्तुत की जाती है और वहां के महान व्यक्तियों के बारे में लोकगीतों के माध्यम से उनकी वीर गाथा गाकर सुनाई जाती है ।
दक्षिण भारतीय लोक लोक गीतों को गाने में वहां के लोग निरंतर मेहनत करते हैं और लोकगीत गाकर अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं क्योंकि दक्षिण भारतीय लोगों की संस्कृति लोकगीतों के माध्यम से हम सभी को दिखाई देती है ।
दक्षिण भारतीय लोग अपनी भाषा में लोकगीत गाते हैं और वह लोकगीत पूरी दुनिया में फेमस हैं । जब दक्षिण भारतीय लोगों के घरों में विवाह , कोई भी कार्यक्रम आयोजित किया जाता है तब उस कार्यक्रम में लोकगीतों को अपनी भाषा में गाकर सुनाया जाता है । जब विवाह का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है तब काफी लोग वहां पर उपस्थित होते हैं । उन सभी लोगों को आनंद प्राप्त हो और वह सभी लोग खुशी का आनंद लें सके इसलिए लोक गीत गाया जाता है और लोकगीत गाने वाले महान कलाकारों को शादी समारोह में बुलाया जाता है ।
मध्य प्रदेश राज्य के कई क्षेत्रों में अपनी अपनी स्थानीय भाषा में लोकगीत गाए जाते हैं । जो पूरी दुनिया में फेमस है । मध्यप्रदेश के लोकगीतों के बारे में ऐसा कहा जाता है कि मध्य प्रदेश की संस्कृति वहां के लोकगीतों में दिखाई देती है । मध्य प्रदेश के भील बंजारा प्रजाति के लोग लोक गीतों को गाने में बहुत रुचि रखते हैं । जब हमारे देश में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है तब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मध्य प्रदेश के सभी क्षेत्रों से लोकगीत गाने वाले कलाकारों को बुलाया जाता है और दूर-दूर से लोग आकर लोकगीत का प्रदर्शन मध्य प्रदेश की संस्कृति को दिखाकर करते हैं ।
लोकगीतों के प्रकार – भारत देश में लोकगीतों के कई प्रकार हैं । अब हम आपको उन प्रकारों के बारे में बताने जा रहे हैं । पहाड़ी इलाकों के लोकगीत , पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोग अपनी स्थानीय भाषा में लोक गीतों को गाकर आनंद प्राप्त करते हैं । जब भी वह झरने , नदियों में नहाने के लिए जाते हैं तब वह लोकगीत गाकर आनंद प्राप्त करते हैं । पहाड़ी इलाकों में जब कोई शादी समारोह का समय आता है तब वहां के लोग एकत्रित होकर लोकगीतों को गाते हैं । जिसमें पहाड़ी इलाकों की संस्कृति दिखाई देती है ।
यदि हम पहाड़ी इलाकों की संस्कृति को देखना चाहते हैं तो हमें पहाड़ी इलाकों के लोकगीतों को अवश्य सुनना चाहिए । जिसको सुनने के बाद हमें आनंद प्राप्त होता है और हम अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । भोजपुरी लोकगीत पूरी दुनिया में फेमस है । भोजपुरी में विदेशिया लोकगीत सबसे ज्यादा प्रचलित है । लोकगीत को गुनगुनाने से आनंद प्राप्त होता है । भोजपुरी भाषा हमारे देश की सबसे प्रचलित भाषा है । जिस भोजपुरी भाषा में फिल्में भी बनाई जाती है । भोजपुरी भाषा में लोकगीत गाए जाते हैं ।
जिनको सुनने के बाद आनंद प्राप्त होता है । उत्तर प्रदेश राज्य के कई लोकगीत सुनने के लायक हैं । उत्तर प्रदेश की कजरी , चैता , बारहमासा ,साबुन आदि लोकगीत पूरी दुनिया में फेमस है । उत्तर प्रदेश राज्य का बारहमासा लोकगीत पूरी दुनिया में गाया जाता है । जिसमें भारत देश के हिंदू महीनों को उनकी प्राथमिकता के बारे में और उनकी महत्वता के बारे में बताया जाता है । उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बंगाल के भातियाली और बाउल लोकगीत को बहुत सुंदरता के साथ गाया जाता है । जब लोकगीत गाए जाते हैं तब वहां का पहनावा देखने के लायक होता है ।
वहां पर लोकगीतों के साथ-साथ पहनावे में भी वहां की संस्कृति दिखाई देती है ।पंजाब राज्य में भी माहिया लोकगीत बहुत प्रचलित है ।जिस लोक गीत को गाकर पंजाब की संस्कृति , पंजाब के महान व्यक्तियों के बारे में लोकगीत गाकर बताया जाता है । पंजाब के साथ-साथ राजस्थान राज्य में ढोला मारू लोकगीत बहुत प्रचलित है । जो वहां के धार्मिक कार्यक्रमों में , शादी विवाह कार्यक्रमों में लोकगीत वहां के लोग गाते हैं ।
भारतीय लोक गीत और भारतीय समाज का संबंध – भारतीय लोक गीत भारतीय राज्यों की भाषाओं को प्रदर्शित करता है । प्राचीन समय से ही भारतीय लोक गीतों को भारत देश की सभी समाजों ने स्वीकार किया है क्योंकि भारतीय समाज को यह पता है कि यदि भारतीय समाजों को मजबूत करना है तो भारतीय संस्कृति , स्थानीय संस्कृति को दूर-दूर तक फैलाना होगा । इसी उद्देश्य से भारतीय समाज में भारतीय लोक गीत को स्वीकार किया है । भारतीय लोकगीतों के माध्यम से भारतीय संस्कृति , समाज का पहनावा , समाज की भावनाएं लोकगीतों के माध्यम से दूर-दूर तक पहुंचाई जाती है ।
भारतीय समाजों को जोड़ने एवं धर्म के रास्ते पर चलने के लिए भारतीय लोक गीत गाए जाते हैं । जिसमें भारतीय कला , संस्कृति , भारतीय लोक नृत्य संस्कृति , भारतीय प्रथाएं झलकती हैं । इसलिए यह कहना कोई गलत नहीं होगा कि भारतीय समाजों को मजबूत करने में भारतीय लोक गीतों का महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं । आज भारत देश की सभी समाज विकास के रास्ते पर चल पड़ी है । भारतीय लोकगीतों का चलन इस तरह से समाज में चल रहा है की भारतीय समाज अपने स्थानीय भाषा के लोकगीतों के माध्यम से अपनी स्थानीय भाषा का प्रचार करते हैं ।
भारत देश की सभी समाजों को एकजुट रहने और देश पर मरने का रास्ता लोकगीतों के माध्यम से प्राप्त होता है क्योंकि लोकगीतों में भारत देश की महानता और भारतीय लोगों की सामाजिक गतिविधियां , सामाजिक कार्यक्रम , भारत देश की संस्कृति दिखाई देती है । लोकगीतों का शाब्दिक अर्थ होता है लोक मे प्रचलित गीत , लोक विषयक गीत आदि ।
भारतीय लोक गीतों की प्रमुख शैलियों के बारे में – भारतीय लोक गीतों की कई शैलियां हैं । जो भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन करती हैं । अब हम उन शैलियों के बारे में जानते हैं । भारतीय लोक गीतों की शैलिया इस प्रकार से हैं । कजरी , चैती , सोहर , लंगुरिया आदि । सबसे फेमस एवं प्रसिद्ध भारतीय शैलियां है । जो भारतीय लोक गीतों को सफल बनाती हैं । हमारे भारत देश में कई धर्म के लोग रहते हैं और सभी धर्मों की अपनी अपनी प्रथाएं है । स्थानीय भाषा को वहां के लोग अच्छी तरह से पहचानते हैं । इसलिए स्थानीय लोगों के द्वारा अपनी स्थानीय भाषा में लोकगीत गाए जाते हैं और अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं ।
भारतीय लोक गीतों की शैलियों को लोकगीतों में सजाकर प्रस्तुत किया जाता है । जिसके माध्यम से भारतीय लोक गीतों की शैलियां बहुत ही अद्भुत और आनंद कारी दिखाई देती हैं ।
भारतीय लोक गीतों को गाने का समय – भारतीय लोक गीतों को भारत देश के सभी राज्यों के क्षेत्रों में रहने वाले लोग अपनी स्थानीय भाषा में गाकर आसपास के लोगों को आनंद देते हैं । जब किसी के घर में पुत्र या पुत्री का जन्म होता है तब पुत्र या पुत्री के जन्म के शुभ अवसर पर वहां की औरतों के द्वारा लोक गीत गाए जाते हैं और बालक एवं बालिकाओं को लोक गीत के माध्यम से शुभकामनाएं दी जाती है , उज्जवल भविष्य का आशीर्वाद दिया जाता है । जब वह बालक धीरे-धीरे बड़ा होता जाता है और उस बालक का मुंडन किया जाता है तब सभी लोग परिवार के एकत्रित होकर लोकगीत गाकर आनंद प्राप्त करते हैं ।
सभी रिश्तेदार उस समय एकत्रित होते हैं और बालक के मुंडन पर उसको बधाई देते हैं । विवाह एवं जनेऊ आदि शुभ अवसरों पर भी लोक गीतों को गाने की मान्यता है । लोकगीतों के माध्यम से वहां की संस्कृति और भाषा का प्रदर्शन किया जाता है । जब दूर-दूर से लोग वहां पर एकत्रित होते हैं और स्थानीय भाषा का लोकगीत सुनते हैं तब वह भी अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं ।
लोकगीतों में राजा महाराजा , विषय , वस्तु , स्थान के प्रदर्शन के बारे में – भारतीय लोक गीतों में भारतीय संस्कृति समाहित होती है और वहां का पहनावा भारतीय संस्कृति का प्रदर्शन करती है । जब भारतीय लोक गीत गाया जाता है तब उस लोकगीत में भारतीय लोक गाथा का बेहतरीन प्रदर्शन किया जाता है । जिसमें वीर रस से परिपूर्ण लोरिक के जीवन प्रसंगों का बेहतरीन सुंदर प्रदर्शन करके वर्णन किया जाता है । सलहेस लोकगीतों में एक कहानी प्रदर्शित की गई है । उस कहानी में सलहेस एक प्रेमी बताया गया है । जो दौना नामक मालिन से बहुत प्रेम करता करता था और दौना नामक मालिन भी सलहेस से बहुत प्रेम करती थी ।
सलहेस का एक शत्रु भी था । जो सलहेस को नुकसान पहुंचानेेेे का मौका खोजता रहता है ।एक बार उसे एक मौका मिला और उसने सलहेस पर चोरी का झूठा आरोप लगा दिया था । जिसके बाद सलहेस को सैनिकों ने गिरफ्तार करकेेेेेेेेेेेे जेल में बंद कर दिया था । जब सलहेस को जेल में बंद कर दीया था तब दौना मालिन ने सलहेस को जेल खाने से छुड़ाने के लिए बहुत मेहनत की थी । इसी कहानी की दास्तां को लोकगीतों मे गाकर सुनाया जाता है । नयका बंजारा लोकगीत में किसी विषय के बारे में गाकर सुनाया जाता है ।
इस लोकगीत में वस्तु स्थान एवं किसी भी व्यक्ति को पात्र बना कर लोक गीत के माध्यम से हम सभी के बीच में प्रस्तुत किया जाता है ।जिसको सुनने के बाद हम अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । विज़मैल इस लोकगीत में राजा विजय मल की वीरता एवं शौर्य की गाथा को लोक गीत के माध्यम से लोगों को बताया गया है कि राजा विजय मल ने अपनी वीरता और ताकत के बल पर कितनी लड़ाइयां जीती थी । दीनाभद्री लोकगीत ऐसे दो भाइयों की वीरगाथा है जिसने अपनी ताकत और बल पर कई सफलता प्राप्त की है ।
दीना एवं भद्री नामक दोनों भाइयों की वीरता को दीनाभद्री लोकगीत में गाकर बताया गया है । भारतीय लोक गीतों के माध्यम से आल्हा ऊदल , नूना चार , राजा ढोलन सिंह , लुकेसरी देवी , मंसाराम , कालिदास , छेछन मल , छतरी चौहान , गरबी दयाल सिंह , लाल महाराज , हिरनी बिरनी , मीरायन , राजा विक्रमादित्य , कुंअर बृजभार , गोपी चंद्र , बरिया, अमर सिंह , राजा हरिशचंद्र , मैनावती आदि महान लोगों की महानता को भारतीय लोकगीतों में बताया गया है । जिन लोकगीतों को हम अक्सर गाकर आनंद प्राप्त करते है ।
भारतीय त्योहारों पर गाए जाने वाले भारतीय मांगलिक गीतों को पर्व गीत कहा जाता है । जिन लोक गीतों को दीपावली , होली , छठ , तीज बहुरा , जिउतिया , गो घन , पीडिया , जन्माष्टमी , रामनवमी के शुभ अवसर पर यह सभी पर्व गीत गाए जाते हैं । जो लोकगीत पर्व , त्योहारों पर गाए जाते हैं । उन लोकगीतों को पर्व गीत कहते हैं । जब भारतीय लोकगीतों में राजा महाराजाओं की वीरता को सुनाया जाता है तब हमें बड़ा गर्व होता है कि प्राचीन समय में महान राजाओं ने अपनी ताकत के बल पर जीत हासिल की थी और राज्य की रक्षा सुरक्षा में अपना बलिदान दिया था ।
जब इन लोकगीतों में राजा महाराजाओं की वीरता के बारे में बताया जाता है तब हमें भी अंदर का एहसास होता है कि हम भी भारत की रक्षा सुरक्षा के लिए अपना योगदान दें । आज भी भारत देश के गांवों में लोकगीतों को सभी लोग एकत्रित होकर गाते हैं । वह सुंदर वस्त्र पहनकर नृत्य करते हैं ।जिसमें भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई देती है । भारत देश में कई सुंदर सुंदर स्थान है जिन स्थानों पर घूमने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं ।
भारतीय लोक गीतों के माध्यम से भारतीय सुंदर स्थानों के बारे में भारतीय लोक गीतों में गाकर बताया जाता है एवं सुंदर स्थानों की सुंदरता को लोकगीत के माध्यम से हम सभी के सामने प्रस्तुत किया जाता है । जहां की भाषा , सांस्कृतिक को भी लोकगीत में समाहित करके सुनाया जाता है । भारतीय प्रथाओं को , भारतीय संस्कृति को , भारतीय पहनावे को , भारतीय भाषा को यदि करीब से देखना है तो भारत के सभी राज्यों के विभिन्न विभिन्न भाषाओं के लोकगीत हमें अवश्य सुनना चाहिए । जिस लोकगीत में भारत देश की संस्कृति स्पष्ट रूप से दिखाई देती है ।
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