पत्र पर निबंध essay on letter in hindi
essay on letter in hindi
आज हम आपके लिए लाए हैं पत्र पर निबंध चलिए अब हम पढ़ेंगे पत्र पर निबंध ।
दोस्तों पुराने समय में जब किसी को कुछ खबर पहुंचाना पढ़ती थी तब कबूतरों को हम पत्र दे देते थे और कबूतर उस पत्र को उस व्यक्ति के पास पहुंचा देता था । वह व्यक्ति उस पत्र को पढ़कर उस पत्र का जवाब दूसरे पत्र में लिख कर उसी कबूतर को दे देता था और वह कबूतर उस पत्र को हमारे पास लेकर आ जाता था । इस तरह से हम एक दूसरे को खबर पहुंचाने का काम पहले किया करते थे । धीरे-धीरे यह दुनिया बदलती गई तब पत्र भेजने की प्रक्रिया भी धीरे-धीरे बदलती चली गई फिर डाकिया के द्वारा पत्र हमारे पास आने जाने लगे हैं । अब हम कोई पत्र किसी व्यक्ति को लिखते हैं तो वह पोस्ट ऑफिस में डाल देते हैं और पोस्ट ऑफिस उस पत्र को डाकिए के द्वारा सामने वाले व्यक्ति के पास पहुंचा देता है ।
पत्र लिखते समय हम सामने वाले व्यक्ति का हाल-चाल पूछते हैं । फिर उसके बाद अपने हाल-चाल बताते हैं और उस व्यक्ति को धन्यवाद देते हैं । पत्र कई तरह के लिखे जाते हैं यदि हमारे घर में किसी की शादी हो तो सामने वाले व्यक्ति को बुलाने के लिए हम पत्र लिखते हैं । पत्र में पहले हम अपना हाल बताते हैं इसके बाद उस व्यक्ति के बारे में पूछते हैं कि आपके परिवार में सभी कैसे हैं फिर उसको बताते हैं कि हमारे घर में शादी का माहौल है और उस शादी में आप और आपके परिवार को आमंत्रित किया जाता है । आप इस शादी में आकर चार चांद लगाएं । और भी तरह-तरह के पत्र लिखे जाते हैं जब हमें किसी व्यक्ति की याद आती है और उसका हालचाल पूछने के लिए हम उसको पत्र लिखते हैं तब पत्र उस व्यक्ति के पास पहुंचता है तो वह भी पत्र लिखता है । इस तरह से पत्र लिखने की परंपरा रही है । पुराने समय में पत्र पहुंचने में बहुत समय लग जाता था लेकिन आज स्पीड पोस्ट से हमारा पत्र बहुत ही जल्दी पहुंच जाता है और बहुत जल्दी जवाब आ जाता है । बदलती हुई दुनिया में पत्र ना जाने कहां लुप्त होते जा रहे हैं क्योंकि आज आदमी मोबाइल और ईमेल के जरिए बातचीत करने लगा है ।
जब मैं पढ़ाई करने के लिए बाहर गया था तब मैं हर महीने अपने घर पर पत्र लिखता था उस पत्र में मैं अपने हाल-चाल लिखता था जब मेरे द्वारा लिखा हुआ पत्र मेरे घर पर पहुंचता था तब मेरी मां बहुत ही खुश होती थी और वह भी पत्र लिखती थी । पत्र में यह पूछती थी कि तुम घर घूमने के लिए कब आओगे मैं अपने घर पर हर महीने पत्र लिखा करता था । जब मेरी मां के द्वारा लिखा हुआ पत्र मेरे पास पहुंचता था तब मुझे बड़ी खुशी होती थी और मुझे आनंद भी आता था । जब में उस पत्र को पड़ता था तो मुझे मेरी मां की बहुत याद आने लगती थी । मुझे ऐसा लगता था कि मैं अभी पढ़ाई छोड़ कर अपने घर चला जाऊं लेकिन उस पत्र में यह लिखा होता था कि तुम तुम्हारी पढ़ाई अच्छे से करना । हम सभी यहां पर ठीक है तुम भी अपना ख्याल रखना यह पढ़कर मुझे सिर्फ पढ़ाई करने की बात याद आ जाती थी । पहले जब हमारे पास तरह-तरह के संसाधन नहीं थे तब पत्र बहुत अच्छा साधन माना जाता था । जब हम घर से कहीं दूर रहते थे तब पत्र के द्वारा ही हम एक दूसरे से बात किया करते थे । आज सभी स्कूलों और विद्यालयों में भी पत्र पर निबंध लिखे जाते हैं एवं पत्र पर निबंध प्रतियोगिताएं भी की जाति हैं । हम सभी पांचवी कक्षा से ही पत्र लिखना सीख गए थे । हमें हर विषय पर पत्र लिखना आता है और यह हमें हमारे स्कूलों में सिखाया गया था ।
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Nice
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