लाख की चूड़ियाँ पर निबंध essay on lakh ki chudiyan in hindi
essay on lakh ki chudiyan in hindi
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से लाख की चूड़ियों पर लिखे निबंध को बताने जा रहे हैं . चलिए अब हम और आप इस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ते हैं और लाख की चूड़ियों पर लिखे निबंध को समझते हैं .
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लाख की चूड़ियों का महत्व भारत में सबसे ज्यादा है . लाख की चूड़ियों की डिजाइन एवं हर कलर की चूड़ियां पहनने से महिलाओं के हाथों में सुंदरता आती है . लाख की चूड़ियों का महत्व भारत में सबसे ज्यादा है . दिवाली , मांगलिक कार्यक्रम एवं करवा चौथ के दिन पूरे भारत में लाख की चूड़ियों बेची एवं खरीदी जाती हैं . इन त्योहारों पर सभी महिलाएं अपने हाथों में लाख की चूड़ी अवश्य पहनती हैं . यह सबसे शुभ चूड़ी मानी जाती हैं . इनको पहनने से महिला के हाथों में सुंदरता आती है .
भारत के कई राज्यों में हम लाख की चूड़ियों से भरा हुआ हाथ महिलाओं के देखते हैं . गुजरात के रतलामी कंगन काफी चर्चित है . इस कंगन का निर्माण गुजरात के लखारा समाज के लोग करते हैं और लाख से कंगन बनाकर , लाख के कंगन को डिजाइन देकर भारत के हर कोने तक पहुंचाते हैं . इस कंगन को बनाने में लखारा समाज बहुत ही मेहनत करता है और देश के हर कोने तक इसको पहुंचाया जाता है . लाख के कंगन एवं चूड़ियों का उपयोग महिला सबसे ज्यादा करवा चौथ एवं दिवाली पर करती हैं .
लाखो कीड़ों से उत्पन्न होने के कारण इसका नाम लाक्षा पड़ा था . लाख से ही चूड़ियां बनाई जाती हैं . लाख एक प्राकृतिक राल है . इसलिए हम इसे प्रकृति का वरदान भी मानते हैं . लाख के जो कीड़े होते हैं वह बहुत ही छोटे होते हैं . यह कीड़े हमें अपने शरीर से लाख देकर हमारी आर्थिक सहायता करते हैं. जिस लाख का उपयोग चूड़ियां एवं कंगन बनाने में किया जाता है . ऐसा कहा जाता है की 34000 लाख के कीड़ों से 1 किलोग्राम रंगीन लाख प्राप्त किया जाता है एवं 14400 लाख के कीड़ों से 1 किलो ग्राम कुसमी लाख प्राप्त होती है .
इसमें से जो रंगीन लाख निकलती है उसका उपयोग कंगन एवं रंगीन चूड़ियां बनाने में किया जाता है . हमारे देश में प्राचीन समय से ही लाभ का उपयोग किया जाता रहा है . प्राचीन समय से ही लाख की चूड़ियां बनाई जाती रही हैं और सभी महिलाएं लाख की चूड़ियां पहनती हैं . ऐसा कहा जाता है कि सुहागिनों के लिए लाख की चूड़ी बहुत लाभकारी होती है . वैसे तो लाख का उपयोग कई तरह से किया जाता है लेकिन लाख की चूड़ियां प्राचीन समय से ही बनाई जा रही है .
गुजरात के साथ-साथ राजस्थान की महिलाएं भी लाख की चूड़ियां पहनती हैं . यदि हम राजस्थान के मारवाड़ी महिलाओं को देखें तो उनके हाथों में ऊपर से लेकर नीचे तक लाख के कड़े दिखाई देते हैं . वहां पर लाख की चूड़ियों को पहनना एक रिवाज है . लाख के बारे में यदि हम जाने तो अर्थवेद काल से महाभारत काल तक लाख का उल्लेख हमें मिलता है . लाख की चूड़ियां तो बनाई जाती हैं इसके साथ-साथ लाख से चमड़ा भी बनाया जाता है .
लाख का वही उपयोग है जो चमड़ा का है . चमड़ा बनाने के लिए पहले लाख से लाख रंजक को बाहर निकाल लिया जाता है . जो रंजक बाहर निकाले जाते हैं उस लाख रंजक से चूड़ियां बनाई जाती है और भी कई कामों में लाख का उपयोग किया जाता है जैसे कि ग्रामोफोन रिकॉर्ड को बनाने में , पृथककारी के रूप में , विद्युत यंत्रों में , वार्निश में , पोलिस में और विशेष सीमेंट को बनाने में भी लाख का उपयोग किया जाता है.
लाख की चूड़ियां पहनने से हाथ हल्के-फुल्के एवं सुंदर दिखाई देते हैं . लाख यदि चटक जाता है तो उसको गर्म करके जोड़ा जा सकता है . लाख का उपयोग चूड़ी बनाने में सबसे ज्यादा इसलिए किया जाता है क्योंकि लाख सरलता से एल्कोहल में घुल जाता है और सुखाने पर आसानी से कड़क हो जाता है .
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