जन्माष्टमी पर निबंध essay on janmashtami in hindi language
essay on janmashtami in hindi language
दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं जन्माष्टमी पर लिखे इस निबंध को । चलिए अब हम पढ़ेंगे जन्माष्टमी पर लिखे इस निबंध को । जन्माष्टमी का त्यौहार पूरे भारत देश के साथ साथ विदेशों में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है । जन्माष्टमी के दिन सभी के घरों में खुशियां मनाई जाती हैं । सभी के घरों में मिठाइयां, अच्छे-अच्छे पकवान बनाए जाते हैं । जन्माष्टमी का यह त्यौहार भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के शुभ अवसर पर मनाया जाता है । इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था ।
भगवान श्री कृष्ण ने देवकी की कोख से जन्म लिया था । भगवान श्री कृष्ण माता देवकी के आठवें पुत्र थे । माता देवकी का भाई कंस राज्य की प्रजा पर बहुत अत्याचार करता था । एक बार आकाशवाणी हुई की तुम्हारी बहन की संतान के हाथों के द्वारा ही तुम्हारा वध होगा । यह सुनकर कंस ने देवकी और बासुदेव को जेल के तहखाने बंद करवा दिया था । जैसे ही माता देवकी की संतान होती थी वैसे ही कंस उसे मार देता था ।
इस तरह से कंस ने देवकी और वासुदेव के 7 संतानों को मार दिया था लेकिन जब आठवी संतान ने जन्म लिया तब एक भविष्यवाणी हुई थी की इस पुत्र को तुम जेल की कोठरी के बाहर ले जाओ और वासुदेव कृष्ण को एक डलिया में रख कर बाहर ले गए थे । बहुत तेज बारिश हो रही थी और श्रीकृष्ण को एक डलिया में रखकर नदिया के पानी के बहाव में बहा दिया और वह डलिया मथुरा पहुंच गई थी । बडलिया माता यशोदा तक पहुंच गई थी और माता यशोदा ने श्री कृष्ण को पाला था ।
जन्माष्टमी के दिन रात्रि के 12:00 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था और सभी रक्षाबंधन के बाद आने वाली भाद्रपद महा के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है । जन्माष्टमी के दिन सभी के घरों में पूजा पाठ की जाती है , श्री कृष्ण की पूजा की जाती है । मंदिरों में प्रसाद बांटा जाता है । मंदिरों को सजाया जाता है । बाजार में बड़ी धूम-धाम रहती है । बड़े-बड़े शहरों एवं गांवों में दही हांडी प्रतियोगिता भी रखी जाती है । इस प्रतियोगिता में बड़ा आनंद आता है ।
एक मटकी में दही रखकर ऊंचाई पर बांध दिया जाता है और 4 से 5 टीमें इस प्रतियोगिता में भाग लेती हैं । जो इस प्रतियोगिता को जीतता है उसे इनाम दी जाता है । जन्माष्टमी की रात के समय मंदिरों में कीर्तन ,भजन गाए जाते हैं । मथुरा वृंदावन में जन्माष्टमी के दिन काफी लोग घूमने के लिए जाते हैं । पूरा मथुरा बिंद्राबन खुशियां मनाता है । श्री कृष्ण के जन्मदिन की खुशी पूरे मथुरा बिंद्राबन में मनाई जाती है ।
हमारे देश के साथ-साथ विदेशों में रहने वाले भारतीय भी श्री कृष्ण जी के जन्मदिन को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं । तरह तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं । मंदिरों में भजन-कीर्तन करते हैं , पूजा पाठ करते हैं और तरह-तरह की प्रसादी बांटते हैं । इस तरह से हमारे पूरे भारत देश में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है । जन्माष्टमी के दिन बच्चों को श्रीकृष्ण बनाकर झांकियां लगाई जाती हैं ।
दही का प्रसाद बांटा जाता है और सभी एक दूसरे को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं । जन्माष्टमी का त्योहार हम सभी के लिए खुशियां ,आनंद एवं उमंग लेके आता है । जन्माष्टमी के दिन हम सभी कृष्ण भजन में खो जाते हैं और हमें पता ही नहीं चलता है कि कब रात के 12:00 बज जाते हैं और श्री कृष्ण के जन्म का समय हो जाता है । श्री कृष्ण भगवान को नटखट नंद गोपाल भी कहा जाता है क्योंकि बचपन में बहुत ही नटखट एवं शरारती थे । उन्होंने यशोदा मैया को बड़ा परेशान किया था । वह हर घर की मटकी में से माखन चुराकर खाया करते थे ।
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