स्वदेशी आस्था दिवस पर निबंध Essay on indigenous faith day in hindi
Essay on indigenous faith day in hindi
indigenous faith – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से स्वदेशी आस्था दिवस पर लिखे निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर स्वदेशी आस्था दिवस पर लिखे निबंध के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं ।

स्वदेशी आस्था दिवस के बारे में – भारत देश के अरुणाचल प्रदेश के तेजू मे 1 दिसंबर 2019 को स्वदेशी आस्था दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया था । अरुणाचल प्रदेश में स्वदेशी आस्था दिवस मनाने का सिर्फ एक ही उद्देश्य था और वह उद्देश्य लोगों को स्वदेशी वस्तुओं से जोड़ना था । जब हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था तभी से स्वदेशी वस्तुओं को उपयोग करने के लिए हमारे भारत देश के कई स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा आंदोलन चलाए गए थे ।
आज हमें यदि हमें हमारे देश और देश की संस्कृति को मजबूत करना है , देश का विकास करना है तो स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ के रास्ते पर चलकर हमें देश का विकास करना पड़ेगी । स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने से हमारे देश की संस्कृति बची रहती है और हम अपने देश की संस्कृति के हिसाब से अपना जीवन व्यतीत करते हैं । तो इसी उद्देश्य से 1 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश में यह दिवस मनाया गया था । जिस कार्यक्रम में दूर-दूर से ऐसे कारीगरों को बुलाया गया था । जिन्होंने अपनी कारीगरी और कला से वस्तुओं का निर्माण किया और प्रदर्शनी लगाई गई थी ।
जिस प्रदर्शनी को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आए थे और सभी ने वहां से स्वदेशी वस्तु को खरीद कर यह प्रण लिया था कि विदेशी वस्तुओं का उपयोग कम से कम करेंगे । स्वदेश की वस्तु का उपयोग करके हम हमारे देश को मजबूत कर सकते है । अरुणाचल प्रदेश के लोगों की ही नहीं है बल्कि भारत के सभी राज्य के कई लोग स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने में विश्वास रखते हैं । जो भारत से बनी वस्तुओं का ही उपयोग करते हैं । अब मैं आपको बता दूं कि स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने से हमारे देश का विकास किस तरह से होता है ।
जैसे कि जब हम विदेश से बनी हुई वस्तु का उपयोग करते हैं तब हमारे देश सेे कई सारा पैसा विदेशों में चला जाता है और हमारे भारत देश की अर्थव्यवस्था पर इसका असर पड़ता है । यदि हम सभी विदेशी वस्तुओं का कम से कम उपयोग करें और स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें तो जो विदेशों में पैसा भारत से जा रहा है वह पैसा भारत में ही रहेगा और उस पैसे का उपयोग भारत के विकास में किया जाएगा ।जिससे हमारा देश मजबूत होगा और भारत देश एक सुंदर देश बनेगा ।
जब भारत देश के सभी लोग स्वदेशी वस्तु का उपयोग करेंगे तब सभी के पास एक रोजगार होगा । विदेशी वस्तुओं का उपयोग करने से भारत देश की अर्थव्यवस्था ही नहीं बिगड़ती है बल्कि भारत देश में रोजगार खत्म हो जाता है और कई बेरोजगार हो जाते हैं ।यदि भारत से बनी हुई वस्तु का उपयोग सभी लोग करेंगे तो कई सारे लोगों को रोजगार मिलेगा । सभी लोग रोजगार के माध्यम से पैसे कमाएंगे और अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर सकेंगे । आज हम देख रहे हैं कि छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी वस्तुएं विदेशों से भारत में आ रही है ।
जब हम विदेशी वस्तु का उपयोग करते हैं तब विदेशी वस्तु का प्रचार जोरों से होता है और भारत देश में वह विदेशी वस्तु चारों तरफ फैल जाती है और सभी उस वस्तु का उपयोग करते हैं । जिससे हमारे भारतीय संस्कृति को चोट पहुंची है और हम भारतीय सभ्यता को बुलाकर विदेश सभ्यता को अपना लेते हैं । यदि भारतीय संस्कृति से हम सभी को बंधे रहना है तो हमें स्वदेशी वस्तु अपनाना पड़ेगी । इसलिए हमें अपने आप से यह एक वादा करना चाहिए की हम विदेशी वस्तुओं का उपयोग नहीं करेंगे । हम सभी स्वदेशी वस्तु का उपयोग करेंगे ।
हम सभी यह प्रण ले की आज से हम एक अभियान भी चलाएंगे की स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ । जिससे सभी लोग जुड़ेंगे और सभी जागरूक होंगे कि देश के विकास में हम स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करके किस तरह से अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं । जब पूरा भारत देश स्वदेशी वस्तु को अपनाने लगेगा तब यह देश मजबूत , शक्तिशाली हो जाएगा और भारत देश के सभी लोग रोजगार से जुड़ जाएंगे । बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण भारत देश में यही है कि सभी लोग विदेशी सभ्यता को अपना रहे हैं और विदेशी वस्तुओं का उपयोग कर रहे हैं ।
भारत सरकार के द्वारा एक अभियान चलाया जा रहा है कि स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ । भारत सरकार के द्वारा जो प्रसिद्ध कारीगर है वह कारीगर अपनी कला के माध्यम से वस्तुओं का निर्माण करते है और भारत सरकार उन वस्तुओं की प्रदर्शनीया लगाती है ।जिसके माध्यम से उन कारीगरों के द्वारा बनाई गई वस्तु का प्रचार प्रसार होता है और सभी भारतीय संस्कृति से जुड़ते हैं ।
- स्वदेशी आंदोलन पर निबंध Essay on swadeshi movement in hindi
- स्वदेशी अपनाओ देश बचाओ पर निबंध swadeshi apnao desh bachao essay in hindi
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