गोवा मुक्ति दिवस पर निबंध Essay on Goa liberation day in hindi
Essay on goa liberation day in hindi
Goa liberation day – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से गोवा मुक्ति दिवस पर लिखे निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं ।चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और गोवा मुक्ति दिवस पर लिखे निबंध को पढ़कर जानकारी प्राप्त करते हैं ।
गोवा मुक्ति दिवस के बारे में – जब हमारा भारत देश अंग्रेजों का गुलाम था तब भारत के कई स्वतंत्रता सेनानियों के अथक प्रयासों से हमारे भारत देश को आजादी मिली थी । हमारे भारत देश को 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी । परंतु भारत देश की आजादी के बाद भी पुर्तगालियों ने गोवा पर अपना अधिकार बनाए रखा था । जब भारत देश को आजादी मिली तब अंग्रेजो के द्वारा भारत के सभी राज्यों को स्वतंत्र कर दिया गया था । परंतु पुर्तगालियों ने गोवा को स्वतंत्र करने से मना कर दिया था ।
आजादी के बाद तकरीबन 14 साल तक तक पुर्तगालियों ने गोवा पर अपना आधिपत्य स्थापित करके रखा था । इसके बाद भारत के राजनीतिक लोगों ने भारत के गोवा को स्वतंत्र कराने का विचार बनाया और भारतीय सेना के द्वारा ऑपरेशन विजय चलाया गया था । भारत के गोवा को स्वतंत्र कराने के लिए युद्ध भी किया गया था और उस युद्ध में भारतीय सेना ने तकरीबन 30 पुर्तगाली को मौत के घाट उतार दिया था । गोवा मुक्ति के लिए प्रारंभ किए गए युद्ध में भारत के तकरीबन 22 सैनिक घायल हो गए थे ।
पुर्तगाली सैनिकों को भारतीय सैनिकों के द्वारा करारा जवाब दिया गया और पुर्तगाली सैनिकों को भारतीय सैनिकों के द्वारा जब जवाब दिया गया तब पुर्तगाली के 57 सैनिक घायल हो गए थे । भारतीय सैनिकों के द्वारा पुर्तगाली सैनिकों को बंदी बना लिया गया था ।
भारतीय सैनिकों के द्वारा पुर्तगाली के 4668 सैनिकों को बंदी बना लिया गया था । जब भारतीय सेना के द्वारा ऑपरेशन विजय चलाया गया और धीरे-धीरे इस ऑपरेशन को विजय प्राप्त होती गई तब भारतीय सैनिकों ने दमन और दीव को पुर्तगालियों के शासन से आजाद करा दिया था ।
इस तरह से भारतीय सैनिकों ने पुर्तगाली शासन को गोवा से हटाया था । जब भारतीय सैनिकों को जीत प्राप्त हुई तब 30 मई 1987 को गोवा को पूर्ण गणराज्य का दर्जा दे दिया गया था और गोवा को भारतीय गणराज्य का 25वां राज्य घोषित कर दिया गया था ।
जब गोवा भारत का 25 वा गणराज्य बन गया था तब वहां के लोगों ने खुशी जाहिर करने के लिए जश्न मनाया और तभी से 30 मई 1987 के बाद से 30 मई को प्रतिवर्ष गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है और सभी धूमधाम से गोवा के मुक्ति दिवस को मनाते हैं । गोवा के राज्य सरकार के द्वारा कई सांस्कृतिक कार्यक्रम वहां पर किए जाते हैं ।
भारत देश का गोवा सबसे सुंदर राज्य है , सबसे समृद्ध राज्य है । यहां की सुंदरता देखने के लायक है । देश विदेशों से पर्यटक वहां पर घूमने के लिए आते हैं । गोवा समृद्ध राज्य था इसलिए पुर्तगाली गोवा को छोड़ने से इंकार कर रहे थे ।
गोवा के पुर्तगाली शासन के बारे में – जब भारत देश में अंग्रेजों का आगमन हुआ था तब गोवा को अंग्रेजो के द्वारा काफी विकसित किया गया था और गोवा को समृद्ध भी बनाया गया था । पुर्तगाली सरकार ने गोवा पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए वहां पर नौसेना अड्डे भी बनाए गए थे ।
पुर्तगाली शासन के द्वारा गोवा पर काफी धन खर्च किया जाता था । गोवा पर पुर्तगाली अपना अधिपत्य हमेशा के लिए स्थापित करने के उद्देश्य से गोवा को विकासशील राज्य बना रहे थे । पुर्तगालियों के माध्यम से गोवा को पुर्तगाल शासित क्षेत्र जो एशिया में स्थित थे उन सभी पुर्तगाल शासित क्षेत्रों की राजधानी बना दिया गया था ।
सन 1900 तक गोवा का बहुत अधिक विकास किया जा चुका था । गोवा एक समृद्ध शक्तिशाली राज्य बन चुका था । परंतु सन 1900 में गोवा में भयानक बीमारी का आगमन हुआ और वहां पर प्लेग , हैजा जैसी घातक बीमारियां फैलने लगी थी । जिसके बाद गोवा बर्बाद हो गया था ।
यदि हम गोवा के शासनकाल की बात करें तो जब गोवा पर पुर्तगाल शासन था तब तकरीबन 1809 सी 1815 के बीच में नेपोलियन के द्वारा पुर्तगाल पर हमला कर दिया गया था और नेपोलियन ने पुर्तगाल पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया था ।
जब पुर्तगाल शासन ने यह देखा कि नेपोलियन ने अपनी पकड़ मजबूत बना ली है और गोवा कभी भी उनके हाथों से निकल सकता है तब पुर्तगालियों ने एक खेल नेपोलियन के साथ खेला और एंग्लो पुर्तगाली गठबंधन गोवा में किया गया जिसके बाद गोवा स्वतंत्र हुआ और गोवा पर अंग्रेजों का आधिपत्य स्थापित हो गया था ।
इस तरह से गोवा के शासनकाल में कई युद्ध हुए और गोवा पर कई शासन प्रारंभ हुए थे । जब गोवा को आजाद कराने के लिए भारतीय सैनिकों के द्वारा गोवा मुक्ति मिशन चलाया गया तब जाकर के गोवा को स्वतंत्रता प्राप्त हुई और वह भारत का 25 वा स्वतंत्र गणराज्य बना था ।
पुर्तगालियों के द्वारा गोवा के शासनकाल को मजबूत करने के लिए दीप और दमन पर पकड़ मजबूर बनाई गई थी । वहां पर पुर्तगाली सैनिकों का जमावड़ा स्थापित किया गया था । जब भारतीय सैनिकों ने ऑपरेशन विजय चलाया तब सबसे पहले दमन और दीव को ही पुर्तगाली शासन काल से मुक्त कराया था ।
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