गिल्ली डंडा पर निबंध essay on gilli danda in hindi

essay on gilli danda in hindi

दोस्तों आज हम आपको इस लेख के माध्यम से गिल्ली डंडे पर लिखे  इस निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं . चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और गिल्ली डंडा पर लिखे इस निबंध को पढ़कर आनंद उठाते हैं . गिल्ली डंडा भारत में सबसे ज्यादा खेला जाने वाला खेल है . गिल्ली डंडा खेल भारत के सभी राज्यों में सावन के महीने में खेला जाता है . इसमें एक डंडा होता है जिसकी धारदार नोक की जाती है .

essay on gilli danda in hindi
essay on gilli danda in hindi

image source –http://www.ncert.nic.in/departments

जमीन पर एक गड्ढा किया जाता है और उस गड्ढे के ऊपर 2 से 3 इंची  कि गिल्ली रखी जाती है . इसके बाद उस गिल्ली को डंडे से उछाला जाता है . अब मैं आपको बता दूं की यह खेल सबसे प्रिय और  आनंद देने वाला खेल है . इस खेल में  कम से कम दो खिलाड़ी  होना चाहिए . दो से ज्यादा  खिलाड़ी  भी इस खेल में हो सकते हैं . गिल्ली डंडे का खेल बहुत ही लाजवाब  खेल है . इस खेल को सावन के महीने में ज्यादातर खेला जाता है .

जिस तरह से  क्रिकेट मैच में बल्ले से गेंद को  मारा जाता है  उसी तरह से  गिल्ली डंडा के खेल में गिल्ली को डंडा से मारा जाता है . एक  खिलाड़ी डंडे के माध्यम से गिल्ली को  जमीन के गड्ढे  में रखकर बहुत जोर से उछलता है . यदि वह गिल्ली विपक्ष के खिलाड़ी के  हाथों में झील जाती है तो वह आउट हो जाता हैै . यदि कैच आउट नहीं होता है तो वह डंडा जमीन पर रख देता है और सामने वाला खिलाड़ी गिल्ली से  निशान साध कर डंडे पर मारता है .

यदि गिल्ली डंडे पर जाकर लग जाती है तो वह आउट हो जाता हैै . यदि गिल्ली डंडे पर नहीं लगती हैै तो वह डंडे केेे माध्यम से  गिल्ली को मारकर वापिस बहुत दूर तक भेज देता है . फिर से सामने वाला खिलाड़ी उस गिल्ली से निशान साध कर डंडेे पर मारता है . ऐसा तब  तक चलता रहता है  जब तक की गिल्ली डंडे पर ना लग जाए या फिर कैच आउट ना हो जाए . इस तरह से गिल्ली डंडे का खेल बड़ा रोमांचकारी   खेल है . यह एक ऐसा खेल है जिसमें खिलाड़ियों की संख्या निर्धारित नहीं होती है .

इस खेेल में दो खिलाड़ियों से लेकर 10  खिलाड़ी तक हो सकते है . किसी तरह की कोई भी पाबंदी इस खेल में  नहीं होती है . इस खेेल को खेलतेेेे समय खिलाड़ियों को  बड़ी सावधानी रखनी पड़ती है क्योंकि गिल्ली कि दोनों तरफ धारदार नोक होती है . यदि कैच लेते समय गिल्ली सामने वाले खिलाड़ी की आंख पर लग जाए तो आंख फूट जाने का खतरा होता है . कैच लेते समय हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए की किसी तरह की कोई नुकीली धारदार सामान हमारे आस-पास तो नहीं पड़ा है .

गिल्ली डंडे का खेल खेलने के लिए एक बड़ा मैदान होना चाहिए . इस खेल को हम एक बंद कमरे में नहीं खेल सकते हैं . यह गिल्ली डंडे का खेल क्रिकेट की तरह हीं होता है . जिस तरह से क्रिकेट में वेट होता है उसी तरह से उसी लंबाई का डंडा होता है . जिस तरह से क्रिकेट खेल में  वेट से बोल को मारते हैं उसी तरह से गिल्ली डंडे के खेल में डंडे से गिल्ली को मारते हैं . सामने वाला खिलाड़ी गिल्ली को कैच करता है . यदि सामने बाला  खिलाड़ी गिल्ली  को पकड़ लेता है तो मारने वाला खिलाड़ी आउट हो जाता है .

यदि कैच नहीं पकड़ पाता है तो सामने वाला खिलाड़ी गिल्ली के माध्यम से डंडे पर चोट मारेगा .  यदि  निशान डंडे पर नहीं पड़ा  तो खिलाड़ी दोबारा से डंडे की माध्यम से गिल्ली को जमीन के गड्ढे पर रखकर मरेगा .  यह खेल सबसे ज्यादा सावन के महीने में खेला जाने वाला खेल है .

सावन के महीने में सभी लोग बड़े मैदान में जाकर गिल्ली डंडा खेल कर आनंद की अनुभूति करते हैं . गिल्ली डंडे का खेल कई वर्षों से हमारे भारत के लोग खेलते आ रहे हैं . यह सबसे पुराना और सबसे अच्छा खेल है जिसको खेलने से हमारे शरीर की फिटनेस बनती है और हमारा शरीर मजबूत होता है .

दोस्तों हमारे द्वारा लिखा गया यह बेहतरीन लेख गिल्ली डंडा पर निबंध essay on gilli danda in hindi यदि आपको पसंद आए तो अपने रिश्तेदारों एवं दोस्तों को शेयर अवश्य करें धन्यवाद .

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *