लोमड़ी पर निबंध essay on fox in hindi

essay on fox in hindi

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से लोमड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और लोमड़ी जानवर के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं । लोमड़ी जानवर एक मांसाहारी जानवर है ।लोमड़ी का संबंध कुत्ते की प्रजाति से होता है । लोमड़ी कई रंगों की पाई जाती है । इसके चार पैर होते हैं जिन पैरों के माध्यम से वह दौड़ती है ।

essay on fox in hindi
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उसके पैरों में जो पंजे होते हैं वह बहुत मजबूत है । लोमड़ी अपने पंजों के माध्यम से पकड़ बनाती है और अपना शिकार भी पंजों के माध्यम से करती है । लोमड़ी की एक बड़ी एवं जंगली पूछ होती है जिसमें भूरे रंग के बाल होते हैं । लोमड़ी के अंदर गंध सूंघने एवं किसी चीज की पहचान करने का अनुभव होता है । जिस तरह से कुत्ते के अंदर सूंघने का अनुभव होता है उसी तरह से लोमड़ी के पास भी सूंघने का अनुभव होता है । लोमड़ी अधिकतर बिलों में रहती है ।

अपना शिकार करने के लिए रात के समय में अपने बिल से बाहर निकलती है और अपना शिकार करके भोजन करके बिल में वापस चली जाती है । लोमड़ी अधिकतर मांसाहारी खाना खाती है । जैसे की मछली , सांप , अंडे , कीड़ा ,मकोड़े , पशु पक्षी एवं कई तरह के जानवर वह खा जाता है । लोमड़ी का जीवन काल तकरीबन 5 से 14 वर्ष तक का होता है । लोमड़ी की प्रजातियां कई तरह की होती हैं । तकरीबन लोमड़ी की 25 प्रजातियां पाई जाती हैं ।

ऐसा कहा जाता है कि लोमड़ी कुत्ते के परिवार का सबसे छोटा सदस्य होता है । ज्यादातर लोमड़ी प्रजाति के जानवर पहाड़ों , पर्वतों पर पाई जाती है । भारत देश के साथ-साथ कई देशों में भी लोमड़ी पाई जाती है । लोमड़ी को प्रतिदिन अपना पेट भरने के लिए तकरीबन 1 किलोग्राम मास की आवश्यकता होती है क्योंकि लोमड़ी एक मांसाहारी जानवर है । लोमड़ी की तकरीबन 20 से 25 प्रजातियां होती हैं । लोमड़ी की सबसे बड़ी प्रजाति रेड फॉक्स मानी जाती है ।

रेड फॉक्स प्रजाति की लोमड़ी का वजन तकरीबन 5 किलोग्राम से लेकर 9 किलोग्राम तक होता है । लोमड़ी की सबसे छोटी प्रजाति फेंस फॉक्स होती है । फैंस फॉक्स प्रजाति की लोमड़ी का बजन तकरीबन 2 किलोग्राम तक हो सकता है । यह लोमड़ी विश्व के सभी देशों में पाई जाती हैं । लोमड़ी के बारे में बात करें तो यह बहुत ही चालाक जानवर है । यह जंगल में अपनी चालाकी से शिकार करती है । इस की चालाकी में कई जानवर आ जाते हैं और लोमड़ी का भोजन बन जाते हैं ।

जब लोमड़ी खरगोश को देख लेती है तो वह उसे अपना भोजन बनाने के लिए कोई भी गलती नहीं करती है । जब तक लोमड़ी खरगोश का शिकार नहीं कर लेती उसको चेन नहीं मिलता है । लोमड़ी अपने पैरों के पंजों के माध्यम से खरगोश की और झपट्टा मारती है और उसे पकड़ कर अपने बिल में ले जाती है । लोमड़ी खरगोश को खाकर अपनी भूख मिटाती है । लोमड़ी की जो नाक होती है वह बहुत ही पतली होती है । लोमड़ी को बहुत दूर दूर की चीजें सूंघने का अनुभव होता है ।

लोमड़ी की सुनने की क्षमता भी बहुत अधिक होती है । ऐसा कहा जाता है कि लोमड़ी बहुत दूर की आवाज आसानी से सुन लेती है ।लोमड़ी एक ऐसा जानवर है जो कि सर्वाहारी जानवर की श्रेणी में आती है । कहने का तात्पर्य यह है कि लोमड़ी मांसाहारी भोजन के अलावा शाकाहारी भोजन भी कर सकती है । इसीलिए लोमड़ी को सर्वाहारी जानवर की श्रेणी में रखा गया है । यदि हम लोमड़ी के दौड़ने की बात करें तो वह बहुत तेजी से दौड़ सकती है ।

ऐसा कहा जाता है कि लोमड़ी 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है । लोमड़ी कभी भी झुंड के साथ में नहीं रहती है । लोमड़ी को  अकेला रहना पसंद होता है । लोमड़ी सबसे ज्यादा अपने भोजन में खरगोश , पशु , पक्षी , मयूर को खाती है । इसके बाद शाकाहारी भोजन फल फ्रूट , जामुन भी खाकर अपना पेट भर लेती है । सबसे बड़ा गुण लोमड़ी में यह होता है कि जब वह किसी जानवर का शिकार करती है तो उस जानवर को एहसास तक नहीं होने देती है कि कोई उस पर हमला कर रहा है ।

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