शाम के दृश्य पर निबंध Essay on evening scene in hindi

Essay on evening scene in hindi

evening scene in hindi- दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं शाम के दृश्य पर हमारे द्वारा लिखित यह निबंध आप इसे पढ़ें। शाम के दृश्य वास्तव में काफी बेहतरीन होते हैं। दिन में कई तरह का शोर-शराबा हमें सुनाई देता है वहीं शाम को सब कुछ शांत सा हो जाता है यह सब महसूस करके काफी अच्छा लगता है। जब हम आसमान की ओर देखते हैं तो ऐसा लगता है कि आसमान में लाली सी छा गई हो, सूरज डूबने लगता हैं और चंदा मामा उदय होने लगते हैं यह दृश्य काफी खुशी देता है।

Essay on evening scene in hindi
Essay on evening scene in hindi

शाम के समय जब बच्चे रोते हैं तो उनके मां-बाप उन्हें आसमान की ओर दिखाते हैं और कहते हैं देखो चंदा मामा आ गए, यह देखकर बच्चे चुप हो जाते हैं। दिनभर लोग अपने कामकाज में व्यस्त रहते हैं शाम को सभी लोग अपने घर पर आते हैं, पशु-पक्षी भी अपने घोंसले के अंदर प्रवेश करते हैं वास्तव में यह दृश्य बहुत ही अच्छा होता है। कई लोग शाम के समय कई जगह पर घूमने जाना भी पसंद करते हैं। कुछ लोग समुद्र तट पर जाते हैं तो कुछ नदी के किनारे तो कुछ लोग अपने दोस्तों या परिवार वालों के साथ कहीं पर घूमने के लिए जाते हैं।

शाम के समय पूरा परिवार एकत्रित हो जाता है और अपने दिन के कार्यों से मुक्ति पाता है ऐसा लगता है कि श्याम को कुछ समय तक आजादी मिल गई हो। एक दिन शाम के समय मैं अपने ऑफिस से घर लौट रहा था तभी मैंने देखा की एक मजदूर व्यक्ति जल्दी-जल्दी काम कर रहा था उसको जल्दी काम करके कहीं जाना था उसने फिर जल्दी-जल्दी अपना काम निपटाया और अपने मालिक से रुपए लेकर शाम को कहीं जाने लगा, वह बहुत ही तेजी से जा रहा था मुझे भी उधर की तरफ ही जाना था इसलिए मैं उसे देखता रहा वह एक होटल में गया और वहां पर खाना खाने के लिए बैठ गया।

यह सब देखकर मैं समझ गया था कि उसको काफी जोर की भूख लगी थी बेचारा वह गरीब आदमी जरूर ही काफी देर से भूख की वजह से तड़प रहा होगा फिर उसने आराम से शांतिपूर्वक खाना खाया। मुझे बहुत ही खुशी हुई। ऐसे कई लोग होते हैं जो दिन भर अपने काम में व्यस्त रहते हैं शाम के समय वह खाना खाते हैं। वह हमेशा दिन में सोचते रहते हैं कि कब शाम हो, कब हम अपने घर जाएं। उस दिन शाम के समय का यह दृश्य देखकर मैं सोचने लगा कि वास्तव में इस दुनिया में ऐसे गरीब लोग भी होते हैं।

मुझे उत्सुकता हुई मैंने सोचा कि इस गरीब मजदूर से थोड़ी बात की जाए मैं कुछ समय उसी जगह पर रुका। वह व्यक्ति जैसे ही खाना खाकर निपट गया मैंने उससे बात की तो उस गरीब व्यक्ति ने मुझे बताया कि वह रोजाना मजदूरी करके अपना पेट भरता है, उसके बीवी बच्चे एक दुर्घटना में मारे गए हैं एक छोटे से कच्चे मकान में मैं रहता हूं, यह बातें सुनकर मुझे काफी दुख हुआ कि कई लोग वास्तव में ऐसे होते हैं जिनके आगे पीछे कोई नहीं होता, बेचारे उस मजदूर को घर का खाना खाने की बजाय बहार का खाना पड़ता था। दुनिया में वास्तव में कई सारे लोग ऐसे हैं जो काफी दुखी हैं। श्याम के समय का यह दृश्य देखकर मैं काफी भावुक हुआ और फिर मैं अपने घर की ओर जाने लगा।

दोस्तों मुझे बताएं कि शाम के समय का दृश्य पर मेरे द्वारा लिखा यह आर्टिकल Essay on evening scene in hindi आपको कैसा लगा, पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें और हमें बताएं कि यह आर्टिकल आपको कैसा लगा।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *