चारमीनार पर निबंध essay on charminar in hindi

essay on charminar in hindi

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से चारमीनार के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और चार मीनार पर लिखे इस निबंध को पढ़ते हैं । चारमीनार भारत देश के तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद में स्थित है । यह मीनार बहुत ही अद्भुत एवं सुंदर हैं । यह एक मस्जिद है इस मस्जिद के अंदर चारमीनारे बनाई गई हैं । यह मीनार बहुत ही अद्भुत एवं सुंदर दिखाई देती है । इस मस्जिद के दर्शनों के लिए एवं यहां की सुंदरता को देखने के लिए हिंदू , मुस्लिम सभी धर्म के लोग आते हैं ।

essay on charminar in hindi
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शुक्रवार के दिन यहां पर नमाज पढ़ी जाती है । नवाज पढ़ने के लिए कई सारे मुस्लिम धर्म के लोग एकत्रित होते हैं और जुमे की नमाज अदा करते हैं ।इस शहर के निर्माण के बारे में यह कहा जाता है कि मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने अपनी प्रेमिका भागवती के लिए यह शहर बनवाया था और मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने ही यह चारमीनार बनवाए थे । यह चारमीनार मुहम्मद कुली कुतुब शाह ने 1592 को बनवाई थी । इस चारमीनार के बारे में ऐसा कहा जाता है कि इसके नीचे से एक गुफा भी बनाई गई थी ।

जिसका रास्ता गोलकुंडा खान तक जाता है । परंतु इस गुफा का पता अभी तक किसी को नहीं चल सका है । कई बार इस सुरंग को खोजने की कोशिश की गई परंतु अभी तक इस सुरंग का पता  नहीं चल पाया है । यहां की सुंदरता बहुत ही सुंदर है । यहां की जो मीनार बनाई गई है उसकी चौड़ाई 20 मीटर एवं लंबाई 20 मीटर है । इस मीनार की जो ऊंचाई है वह 48.7 मीटर है । इस मस्जिद की सबसे ज्यादा सुंदरता चारमीनार के कारण दिखाई देती है ।

जब हम इन मीनार के अंदर प्रवेश करते हैं तब हमें घुमावदार सीढ़ियां दिखाई देती हैं । इन्हीं सीढ़ियों पर चढ़कर के हम आसपास का नजारा देखते हैं ।इन सीढ़ियों को घुमावदार बनाया गया है । उस समय की यह सबसे सुंदर सीढ़ि थी । आज भी इन सीढ़ियों की सुंदरता अच्छी लगती है । इस मस्जिद की चारों मीनारों पर एक एक घड़ी भी लगाई गई है । उस घड़ी के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह घड़ी 1889 में चारों मीनारों पर लगाई गई थी ।

चारमीनार के अंदर की तरफ एक गैलरी भी  है जिस  गैलरी में नमाज अदा की जाती है । गैलरी   नमाज  अदा करने के लिए बनाई गई थी और हर शुक्रवार को उस गैलरी में नमाज अदा की जाती है । काफी लोग नमाज पढ़ने के लिए चार मीनार पर आते हैं और नमाज पढ़कर शांति प्राप्त करते हैं । उस गैलरी के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उस गैलरी में एक बार में 49 व्यक्ति बैठ कर अपनी नमाज अदा कर सकते हैं । इस चारमीनार की सुंदरता को बहुत ही निखार के बनाया गया है ।

किसी तरह की कोई कमी इस चारमीनार को बनाने में मुहम्मद कुली कुतुब शाह के द्वारा नहीं की गई थी । उन्होंने इस चारमीनार को बनवाने में एक से एक कलाकार को बुलवाया और उनको मुंह मांगी कीमत देकर इस चारमीनार का निर्माण करवाया था । यह चारमीनार  चूनें एवं ग्रेनाइट से बनाया गया था । आज भी यह चारमीनार मुस्लिम धर्म के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है । हर जुम्मे की नवाज यहां पर अदा की जाती है । ईद पर सबसे बड़ी नवाज यही पर पड़ी जाती है ।

ईद के शुभ अवसर पर चारमीनार पर सभी मुस्लिम धर्म के लोग एकत्रित होते हैं और नमाज अदा करके एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की शुभकामनाएं देते हैं । चारमीनार का इस्लामिक धर्म के लोगों से नाता जुड़ा हुआ है क्योंकि यह चारमीनार एवं मस्जिद मुुहम्मद कुली कुतुब शाह ने अल्लाह के फरमान पर बनवाई थी ।

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