चाय की आत्मकथा निबंध Essay on Autobiography of Tea in Hindi
Chaye ki AatmaKatha in hindi
Autobiography of Tea – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से चाय की आत्मकथा निबंध के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और चाय की आत्मकथा निबंध को जानते हैं ।

Image source – https://en.m.wikipedia.org/wiki/History_of_tea
मैं चाय बोल रही हू , मैं आप सभी को बहुत अच्छी लगती हूं । मुझे पूरी दुनिया में एक चाय के रूप मे पहचान मिली है । मेरा उपयोग सभी पेय पदार्थ के रूप में करते हैं । मैं सभी को चाय के रूप में स्फूर्ति प्रदान करती हूं । जब से मेरा जन्म हुआ है तब से लेकर आज तक मेरा तेजी से विकास हुआ है । सभी ने मेरा उपयोग करके मुझे सफल बनाया है । यदि मैं आपको मेरे जन्म के बारे में बताऊं तो मेरा जन्म चीन में हुआ था । भले ही मेरा जन्म चीन में हुआ था परंतु मेरे पालन पोषण का श्रेय इंग्लैंड को जाता है ।
जब मेरा जन्म चीन में हुआ तब चीन के ही एक दूत ने मुझे इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ से प्रसन्न होकर मुझे महारानी एलिजाबेथ को उपहार में दिया था । जब इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ ने मेरा उपयोग किया तब वह मुझसे बहुत खुश थी और इंग्लैंड में मेरा पालन-पोषण होने लगा था । चीन से लेकर जापान तक मेरा विकास धीरे-धीरे होता गया । इसके बाद विश्व के सभी यूरोपीय देशों में मेरा विकास धीरे-धीरे बढ़ने लगा था । मैं यदि अपनी कीमत के बारे में बताऊं तो जिस समय मेरा जन्म हुआ था उस समय मेरी कीमत तकरीबन ₹100 प्रति पौंड रखी गई थी ।
जब मैं इंग्लैंड के लोगों को अच्छी लगने लगी तब इंग्लैंड की ही एक कंपनी ईस्ट इंडिया कंपनी ने मेरा व्यापार करना प्रारंभ कर दिया था । ईस्ट इंडिया कंपनी ने मेरा विकास धीरे-धीरे पूरे विश्व में करने का काम किया था । इंग्लैंड की कंपनी ईस्ट इंडिया कंपनी चीन से मुझे खरीद कर बिजनेस करने लगी थी । जब मेरा व्यापार तेजी से बढ़ने लगा था तब चीन ने 1834 में इंग्लैंड की ईस्ट इंडिया कंपनी को मुझे बेचने से मना कर दिया था । जब चीन ने इंग्लैंड को मेरा व्यापार करने से मना कर दिया था तब ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा इंग्लैंड में मेरी खेती की गई और खेती करने के बाद जब मेरा विकास हुआ तब मुझे पूरी दुनिया में फैलाने का काम ईस्ट इंडिया कंपनी के द्वारा किया गया था ।
धीरे-धीरे में ईस्ट इंडिया कंपनी के माध्यम से भारत में भी आई और भारत के कुमाऊं क्षेत्र के असम के सादियां प्रदेश में मेरी खेती की गई थी । जब भारत में मेरी पहचान सभी लोगों से हुई तब सभी लोगों ने मेरा उपयोग करना प्रारंभ किया था और भारत के दार्जिलिंग में मेरी खेती प्रारंभ की गई थी । भारत देश में मेरे विकास के पीछे ईस्ट इंडिया कंपनी का सबसे बड़ा हाथ है । दार्जिलिंग में आज भी मेरी खेती बहुत तेजी से की जा रही है । दार्जिलिंग में मेरी खेती से सारे खेत लहराते दिखाई देते हैं । मैं अपने बारे में जितना भी बताऊं उतना कम है ।
मैरे पौधे तकरीबन चार प्रकार के होते हैं । जिन पौधे के माध्यम से मेरी खेती की जाती है । यदि मेरे पौधे की ऊंचाई के बारे में बात करें तो मेरे पौधे की ऊंचाई तकरीबन 10 फुट से 50 फुट तक होती है । मेरे पौधे की जो पत्तियां होती हैं उन पतियों की चौड़ाई तकरीबन ढाई इंच से लेकर 14 इंच तक होती है । जैसा कि मैंने आपको बताया था कि मैं पूरी दुनिया में छा गई हूं । जब मुझे सुबह के समय कोई व्यक्ति उपयोग करता है तब वह अपने अंदर ऊर्जा प्राप्त करता है । सुबह के समय मेरा उपयोग सभी लोग करते हैं ।
मेरी उपयोगिता पूरी दुनिया में धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है । आज पूरी दुनिया के होटलों में छोटी होटलों से लेकर बड़ी बड़ी होटलों में मेरा उपयोग किया जा रहा है । मेरा उपयोग करके कई लोग पैसा कमाते हैं और अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं । जिस तरह से पूरी दुनिया में मेरा विकास हुआ है यदि मेरा विकास ऐसे ही होता रहा तो मेरी प्राथमिकता और भी अधिक बढ़ती जाएगी । मेरी खेती करने के लिए समतल स्थल एवं सरल मिट्टी की आवश्यकता होती है । जब मेरी खेती की जाती है तब मेरे पौधे की देखभाल सावधानीपूर्वक की जाती है ।
यदि कोई व्यक्ति मेरी खेती करने में लापरवाही करता है तो वह मेरा पालन पोषण करने में नाकामयाब हो जाता है । समतल भूमि के साथ-साथ मेरी खेती उस स्थान पर की जाती है जिस स्थान पर नम जलवायु होती है । कहने का तात्पर्य यह है कि मेरी खेती नमी जलवायु वाले स्थान पर ही की जाती है । यदि कोई व्यक्ति नमी जलवायु वाले स्थान पर मेरी खेती नहीं करता है तो वह मेरी खेती के माध्यम से पैदावार अधिक नहीं कर पाता है । इसीलिए मेरी खेती के लिए नमी जलवायु वाले स्थान का चयन किया जाता है ।
मेरे पौधे में जो फूल लगते हैं वह फूल सफेद रंग के होते हैं । जब मैं धीरे-धीरे बढ़ने लगती हूं और मेरी उम्र 3 वर्ष की हो जाती है तब मेरे पौधे की पत्तियों को अलग-अलग चुन लिया जाता है । मेरी पत्तियों को अलग-अलग चुनने के लिए बड़ी सावधानी बरतना पड़ती है । पूरे विश्व में कई बड़ी-बड़ी कंपनियों के द्वारा आज मेरा व्यापार होने लगा है । मेरी उपयोगिता पूरेे विश्व मैं बहुत तेजी से फैलती जा रही है । मैं अलग-अलग क्वालिटी के लिए भी पहचानी जाती हूं ।
यदि कोई मुझे अच्छी क्वालिटी कि प्राप्त करना चाहता है तो उसे मेरे पालन-पोषण का बहुत ही सावधानी पूर्वक ख्याल रखना पड़ता है । मेरे अच्छे बीजों का चयन करके मेरे अच्छे बीजों की खेती की जाती है । आज भारत देश में मेरा उपयोग इतनी तेजी से किया जा रहा है की मुझे सुबह के समय मे सभी लोग अपने दैनिक जीवन में उपयोग करने लगे हैं । जब किसी सांस्कृतिक कार्यक्रम में मेरा उपयोग सभी लोगों के स्वागत में किया जाता है तब सभी लोग मेरा उपयोग करके आनंद प्राप्त करते हैं । मेरे जन्म के बाद मुझे बड़ी सावधानी के साथ रखा जाता है ।
जिस जगह मेरी खेती की जाती है वह जगह देखने के लायक होती है । कई लोग मुझे एवं मेरी खेती की सुंदरता को देखने के लिए आते हैं । जब कोई व्यक्ति मेरे सुंदर-सुंदर खेतों को देखता है तब वह अपने जीवन में आनंद ही आनंद प्राप्त करता है ।
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