पेड़ की आत्मकथा पर निबंध ek ped ki atmakatha essay in hindi
हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल ek ped ki atmakatha essay in hindi आपके लिए बहुत ही प्रेरणादायक हैै.दोस्तों अक्सर हम हमारे चारों ओर बहुत सारे पेड़ पौधों को देखते हैं हम उनके लाभ भी जानते हैं लेकिन फिर भी उनको हानि पहुंचाते हैं जिस वजह से हमारे देश में पेड़ो की संख्या कम होती जा रही है आज का हमारा आर्टिकल एक पेड़ की आत्मकथा आपको काफी प्रेरित करेगी चलिए पढ़ते हैं हमारे आज के इस निबंध को.

में एक पेड़ हु.में बहुत बड़ा पेड़ हूं आज मैं अपने जीवन में खुश हूं क्योंकि मैं लोगों को काफी लाभ पहुंचाता हूं मैं लोगों को ऑक्सीजन प्रदान करता हूं और खुद कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करता हूं फिर भी कभी कभी लोग मेरे साथ छेड़छाड़ करते हैं.मैं एक सड़क के किनारे पर रहता हूं लोग अक्सर मेरी छाये में लंबे समय तक बैठे रहते हैं,गर्मियों के दिनों में जब लोग पसीना-पसीना हो जाते हैं तो लोग मेरी छाये में मेरे नीचे बैठते हैं.
लोगो को मेरे नीचे बैठकर सुकून मिलता है तो वो मेरा धन्यवाद भी करते हैं ऐसा सुनकर मैं बहुत ही खुश होता हूं लेकिन दूसरी और यही सोचता हूं कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो बिना वजह मेरी ठहनियो और पत्तियों को तोड़ते रहते हैं.कुछ लोग अपने छोटे से लाभ के लिए मुझे नष्ट कर देते हैं.मैं आज बहुत बड़ा हो गया हूं इसलिए जानवर या कोई भी मनुष्य मुझे आसानी से हानि नहीं पहुंचा सकता.आज लोग मुझे रोड के किनारे देखकर मेरी तारीफ करते हैं.
आज से ५० साल पहले मेंने इस दुनिया में जन्म लिया.जब मैं बहुत छोटा था तो मुझे जानवर इधर उधर से परेशान किया करते थे बड़ी मुश्किल से मैं बच पाया आज मैं बड़ा हो गया हूं,मेरे शरीर के हर एक हिस्से मनुष्य के लिए काफी लाभप्रद है मेरी सूखी लकड़ी लोग आग जलाने के काम लेते हैं साथ में में मनुष्य और जानवरों के लिए फल भी देता हूं जिससे वो अपनी भूख को खत्म करते हैं.
लोग मेरे फल खाकर मेरी प्रशंसा करते हैं.वोह मेरे फलो को बड़े ही चाव से खाते हैं.जब वो मेरी तारीफ़ करते हैं तोह मुझे बहुत ही ख़ुशी महसूस होती है और जब कोई जानवर मेरी पत्तिया खाते हैं तो वोह भी मुझे दुआए देते हैं.वो कहते हैं की वह क्या पत्तिय है.जब लोग मेरी प्रशंसा करते हैं तोह मुझे ख़ुशी का अनुभव होता हैं.
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मैं वातावरण के प्रदूषण को भी कम करने में सहायक सिद्ध होता हूं तथा मिट्टी को बांधे रखने में सहायक सिद्ध होता हूं.मेरी उम्र काफी लंबी होती है मैं हजारों साल तक एक ही जगह पर खड़ा रहता हूं.लोग आते हैं और जाते हैं और मुझे दुआएं दे जाते हैं लेकिन मुझे बहुत ही अच्छा लगता है.मुझे थोड़ा डर भी लगता है मैं सोचता हूं कि 1 दिन ऐसा ना आए कि कोई मनुष्य मुझे काट डाले या कोई जानवर मुझे नष्ट कर डाले.
ये चिंता मुझे हमेशा सताती रहती है क्योंकि दुनिया में बहुत से ऐसे मनुष्य रहते हैं जो सिर्फ बिना किसी लाभ के ही मुझे नुकसान पहुंचा देते हैं वह यह भी नहीं सोचते कि मैं उनके लिए कितना उपयोगी है.उन सभी को सोचना चाहिए की में कितना उपयोगी हु और उन्हें मुझे नुक्सान नहीं पहचान चाहिए क्योंकी वास्तव में मुझे नुकसान पहुचाना इस दुनिया के जीव जन्तुओ को नुक्सान पहुचाना हैं.
मेरी वजह से ही बहुत से लोगों की जीविका चलती है कुछ लोगों के बिजनेस भी चलते हैं.लोग मेरे फलों को तोड़कर बाजार में बेचने के लिए जाते हैं और लोग उन्हें बेचकर अपना बिजनेस करते हैं,पैसा कमाते हैं और उस पैसे को अपने परिवार के खर्चे के लिए उपयोग में लेते है.
लोगों को सोचना चाहिए कि मैं तो पेड़ हूं मेरे शरीर का हर एक हिस्सा मनुष्य के लिए किसी न किसी तरह से उपयोगी है.बहुत से पशु पक्षी भी मेरे ऊपर घर बनाए रहते हैं उनकी सुरक्षा के लिए भी मैं उपयोगी साबित होता हूं.
चिड़िया अपना घोंसला बनाए रहती हैं जिसमें उनके बच्चे रहते हैं और कुछ पत्तियों को वह भी खाती है लेकिन मैं एकदम चुपचाप बैठा रहता हूं चाहे मनुष्य चाहे कोई जीव जंतु मुझे किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाए लेकिन मैं बस हमेशा खड़ा रहता हूं और लोगों के द्वारा की जा रही प्रतिक्रिया को बस सहता जाता हूं. मैं सबको कुछ न कुछ देता हूं।
मैं लोगो से कुछ भी नहीं लेता,मैं जब तक भी जीवीत रहूंगा तब तक लोगों की सेवा करता रहूंगा,लोगों को रोग मुक्त करता रहूंगा.मेरी पेड़ों की जड़ें,पत्तियां लोगों के रोगों को भी नष्ट कर देती हैं और फिर भी लोग मुझे नष्ट करने से नहीं चूकते, मेरी लकड़ियों को बिना वजह तोड़ने से नहीं चूकते.मुझे उम्मीद है कि अब आप मुझे बिल्कुल नुकसान नहीं पहुंचाएंगे.
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It is really so helpful. Thanks anyway
Bohot hi khubasurat article hain mujhe bohot hi pasand aya
Please write in Punjabi also
Thank you
Kamlesh kushwah
Thank You
Kamlesh Kushwah
For Ped Ki Atmakatha
These. Essay. Help. Me a lot. So. I. Thanks. Alot
Nice essay