दिग्विजय सिंह का जीवन परिचय digvijay singh history in hindi

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आज हम ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करने जा रहे हैं जो दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर विराजमान रहे । हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी के बारे में जिनका राजनीतिक कैरियर जबरदस्त रहा और वह अपनी मेहनत के दम पर मध्य प्रदेश के दो बार मुख्य मंत्री भी रह चुके हैं ।

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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी का जन्म 28 फरवरी 1947 को इंदौर में हुआ था दिग्विजय सिंह जी ने इंदौर के ही डेली कॉलेज से शिक्षा प्राप्त करके ग्रेजुएशन किया और उन्होंने इंदौर से ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई की दिग्विजय सिंह जी एक इंजीनियर भी हैं। इनके पिता बलभद्र सिंह हैं जो राधौगढ़ के राजा थे राधौगढ़ गुना विधानसभा में आता है इनके पिता राजनीति में थे । दिग्विजय सिंह जी की माता का नाम अपर्णा कुमारी था जो एक ग्रहणी थी इनके भाई का नाम लक्ष्मण सिंह जी है जो राजनीति में हैं और इस समय बे चाचौड़ा के विधायक हैं ।

दिग्विजय सिंह जी की दो शादियां हुई थी पहली पत्नी का नाम राणा आशा कुमारी था दिग्विजय सिंह जी का पहला विवाह राणा आशा कुमारी जी से सन 1969 में हुआ था लेकिन कैंसर की बीमारी के कारण 2013 में इनकी मौत हो गई । दिग्विजय सिंह जी ने दूसरा विवाह अमृता राय से किया जो लोकसभा में एक टीवी एंकर के रूप में कार्यरत हैं । इनकी पहली पत्नी के द्वारा एक लड़का है जिसका नाम जयवर्धन सिंह है जो इस समय राधौगढ़ से विधायक हैं, दिग्विजय सिंह जी की 3 पुत्रियां भी हैं ।

दिग्विजय सिंह जी जन्म से ही राजनीतिक परिवार से हैं शादी के कुछ समय के बाद से उन्होंने राजनीति में अपनी शुरुआत की और सबसे पहले वे राधौगढ़ के नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष बने उसके बाद उन्होंने अच्छे काम करना शुरू किए और सन 1977 में वे राधौगढ़ की विधानसभा सीट से विधायक चुने गए जहां पर उन्होंने अच्छे कार्य किए उन्होंने कई गरीब लोगों की सहायता भी की।

राधौगढ़ में इनको दिग्गी राजा के नाम से भी जानते हैं । कांग्रेस पार्टी को उन्होंने कई बार जीत दिलाई है कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने 1980 में उनको कैबिनेट मंत्री चुना फिर वे धीरे धीरे कई गरीब जनता की सहायता करते रहे और 1984 मे राधौगढ़ से सांसद चुने गए और कांग्रेस पार्टी में अपना दबदबा बनाया । कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने उनकी कार्यशैली को देखकर 1985 मैं उनको मध्य प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष बनाया और यह पद उन्होंने 1988 तक पूरी इमानदारी से संभाला ।

1993 मैं उन्होंने विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की और कांग्रेस पार्टी से उनको मुख्यमंत्री चुना गया । 1998 के विधानसभा में उन्हीं की वजह से कांग्रेस मध्य प्रदेश में जीत हासिल कर सकी। उनकी इस मेहनत को देखकर उनको मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री चुना गया । इन्होंने मध्य प्रदेश के हर गांव में स्कूल खोलने की योजना चलाई जिससे हर गांव शिक्षित हो सकें ।

दिग्विजय सिंह जी कई बार विवादों में भी घिरे रहे जिनके कारण उनको राजनीति में नुकसान उठाना पड़ा । दिग्विजय सिंह जी राजनीति को ठीक तरह से समझते हैं और विरोधियों से कैसे जीत हासिल करनी है यह भी वह जानते हैं इसी के चलते उन्होंने 2018 के विधानसभा में कांग्रेस पार्टी को मध्य प्रदेश में जीत दिलाने में मदद की । दिग्विजय सिंह जी का जो राजनीतिक केरियर है बहुत शानदार है । राजनीति के क्षेत्र में दिग्विजय सिंह जी ने सफलता हासिल की।

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