धोलागढ़ की देवी का इतिहास Dholagarh mata history in hindi
Dholagarh mata history in hindi
Dholagarh mata – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से धोलागढ़ की देवी के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं ।तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर धोलागढ़ की देवी के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।
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राजस्थान राज्य के अलवर में स्थित धोलागढ़ देवी के बारे में – धोलागढ़ की देवी एक प्रसिद्ध देवी हैं जिनका मंदिर राजस्थान राज्य के अलवर जिले में स्थित है । इस मंदिर की सुंदरता के चर्चे दूर-दूर तक किए जाते हैं । यह मंदिर धोलागढ़ की देवी के लिए प्रसिद्ध मंदिर है ।
इस मंदिर की प्रशंसा चारों तरफ की जाती है । धोलागढ़ की देवी का यह प्रसिद्ध मंदिर अलवर जिले की कठूमर तहसील के बहतु कलान ग्राम में स्थित है जिस देवी के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और देवी धोलागढ़ के दर्शन करके अपने जीवन में सुख समृद्धि आनंद प्राप्त करते हैं ।
धोलागढ़ देवी के बारे में यह कहा जाता है कि धोलागढ़ की देवी एक बहुत ही अच्छी देवी हैं और धोलागढ़ की देवी के बारे में यह भी कहा जाता है कि यह धोला गोत्र के नागवंशी जाट शासक की पुत्री हैं । धोलागढ़ की देवी देवी की परम भक्त थी । वह देवी की भक्ति में अक्सर विलीन रहती थी ।
इसीलिए उनकी भक्ति और शक्ति को देखते हुए वह धोलागढ़ की देवी कहलाई थी । आज अलवर जिले में स्थित धोलागढ़ का मंदिर एक प्रसिद्ध मंदिर है ।जिस मंदिर मे धोलागढ़ की देवी की प्रतिमा स्थित है जिस प्रतिमा के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं और धोलागढ़ की देवी की प्रतिमा के दर्शन करके आनंद प्राप्त करते हैं ।
धोलागढ़ की देवी का जो मंदिर अलवर जिले में बनाया गया है वह मंदिर तकरीबन नवी शताब्दी के दौरान बनाया गया था और इस मंदिर के निर्माण में धौलपुर के धौल्या नागवंशी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । धोलागढ़ की देवी का यह प्रसिद्ध , अद्भुत , चमत्कारी मंदिर अरावली पर्वत श्रंखला की चोटियों पर स्थित है जिससे इस मंदिर की सुंदरता और भी अद्भुत , सुंदर , चमत्कारी दिखाई देती है ।
धोलागढ़ की देवी का यह प्रसिद्ध मंदिर जो आज के समय में कई लोगों के मन को लुभा चुका है और आने वाले समय में जो भी भक्तगण धोलागढ़ देवी के दर्शन करने के लिए जाएगा वह भी धोलागढ़ देवी के आशीर्वाद से सुख , समृद्धि और आनंद प्राप्त करेगा ।
इस मंदिर के बारे में ऐसा कहा जाता है कि धोलागढ़ की देवी का यह प्रसिद्ध मंदिर को तकरीबन 300 साल पहले इस मंदिर को अद्भुत बनाने के लिए पुनः निर्माण कार्य इस मंदिर का कराया गया था । जब धोलागढ़ की देवी के मंदिर के आसपास का क्षेत्र भरतपुर की रियासत के अधीन था तब इस क्षेत्र का पुनः निर्माण महाराज सूरजमल के द्वारा कराया गया था ।
जब धोलागढ़ की देवी के मंदिर का पुनः निर्माण करा दिया गया था तब इस मंदिर के पट सभी भक्तों के लिए पुनः खोल दिए गए थे । धोलागढ़ की देवी का जन्म जिस धोला नागवंशी जाट वंश में हुआ था उसी परिवार में लोक देवता वीर तेजाजी का जन्म भी उसी वंश में हुआ था ।
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