देवी निधि सारस्वत बायोग्राफी Devi nidhi saraswat biography in hindi
Devi nidhi saraswat biography in hindi
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से देवी निधि सारस्वत के जीवन परिचय के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और देवी निधि सारस्वत के जीवन के बारे में जानते हैं ।

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जीवन परिचय व् परिवार – देवी निधि सारस्वत का जन्म 26 जनवरी 1996 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था । उनके पिता का नाम विनोद शर्मा एवं माता का नाम पूनम शर्मा है । उनका पूरा परिवार धार्मिक प्रवृत्ति का है ।बचपन से ही देवी निधि को भक्ति की बातें सुनने को मिली थी । भगवान की भक्ति , कृष्ण की भक्ति की बातें सुनकर उनके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आया था और उनके कदम भगवान की भक्ति की ओर बढ़े थे । बचपन से ही उनको अच्छे संस्कार प्राप्त हुए थे ।
वह बचपन से ही पूजा पाठ में अपना ध्यान लगाया करती थी । जो उम्र उनके खेलने की थी उस समय वह अपना समय भगवान की पूजा पाठ में लगती थी । जब भी उनको समय मिलता था वे मंदिर जाकर भगवान की आराधना में अपना ध्यान लगाती थी । उनका कहना है कि मुझे भगवान का ध्यान करने में आनंद आता है , मन की शांति प्राप्त होती है । 18 साल की उम्र में देवी निधि सारस्वत ने स्टेज पर पहली बार गीता का पाठ किया था ।
तभी उनके मन में विचार आया कि मैं गीता के माध्यम से लोगों को उपदेश देकर व्यक्ति के कल्याण के लिए काम करूंगी । देवी निधि के घर में उनके माता-पिता , दो भाई एवं एक छोटी बहन है जिनकी साथ वह रहती हैं । उनके दादा जी भी हैं जिनसे वह भगवान की भक्ति के बारे में ज्ञान प्राप्त करती है । घर में सभी देवी निधि को निधि कह कर बुलाते हैं लेकिन जैसे ही वह घर से बाहर जाती हैं उनको सभी देवी कह कर संबोधित करते है ।
शिक्षा – देवी निधि सारस्वत ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से ही प्रारंभ की थी । बचपन से उनको घर से अच्छे संस्कार प्राप्त हुए और उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पास ही के स्कूल से की थी । इसके बाद उन्होंने इंटर की पढ़ाई चिरंजीलाल गर्ल्स इंटर कॉलेज से की थी । उन्होंने इंटरमीडिएट बायो सब्जेक्ट से की थी । देवी निधि ने इंटर में 89% परसेंटेज बनाई थी । देवी निधि सारस्वत पढ़ाई के साथ-साथ भगवान की भक्ति में अपना समय व्यतीत करती थी , अपना ध्यान भगवान भक्ति की आराधना में लगाती थी । इसके बाद वह अपना समय पढ़ाई में व्यतीत करती थी और उन्होंने इंटर पास किया था ।
गीता पाठ – जब देवी निधि सारस्वत की उम्र 8 साल की थी तब उन्होंने पहली बार स्टेज पर गीता का पाठ करके लोगों का मन खुश किया था । इसके बाद उनके अंदर एक अलग सोच उत्पन्न हुई थी उन्होंने अपना जीवन प्रभु की आराधना में लगाने का निर्णय ले लिया था । उनकी एक छोटी बहन भी हैं जिनके साथ मिलकर देवी निधि सारस्वत 2014 में उदयपुर के नारायण सेवा संस्थान से जुड़ गई थी । नारायण सेवा संस्थान से जुड़कर ज्ञान प्राप्त करके लोगों को गीता का पाठ पढ़कर सुनाती हैं और गीता पाठ का सारांश समझाती है ।
आज देवी निधि सारस्वत को सभी जानते हैं । टीवी चैनलों पर भी उनके कई कार्यक्रम आते हैं । देवी निधि सारस्वत के कार्यक्रमों को लाखों लोग देखने के लिए पहुंचते हैं , उनके उपदेशों को सुनते हैं । उनकी आवाज एवं उनके द्वारा समझाने का तरीका बहुत ही जबरदस्त है । देवी निधि सारस्वत गीता में लिखे हुई उपदेशों को बताती हैं वह उपदेश सुनने वाले को समझ में आ जाता है । देवी निधि सारस्वत का कहना है कि गीता के द्वारा दिए गए उपदेशों को अपने जीवन में उपयोग करने से व्यक्ति का जीवन धन्य हो जाता है ।
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