रवींद्रनाथ टैगोर की कविता Desh bhakti poems in hindi by rabindranath tagore
Desh bhakti poems in hindi by rabindranath tagore
दोस्तों रविंद्र नाथ टैगोर एक कवि, कहानीकार, उपन्यासकार थे इन्हें बचपन से ही कविता, कहानियां, निबंध लिखने में काफी रुचि थी। रविंद्र नाथ टैगोर जी का जन्म 7 मई 1861 में कोलकाता में हुआ था इन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई घर में ही की थी और उसके बाद विदेश में ये अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए गए थे इन्होंने शांतिनिकेतन नामक स्कूल की स्थापना भी की थी जो बाद में एक यूनिवर्सिटी बना वास्तव में रविंद्रनाथ टैगोर जी ने देश के लिए काफी कुछ किया था। समाज में फैली बुराइयों पर कई कविता, कहानियां लिखकर समाज को एक प्रेरणा दी थी चलिए रविंद्र नाथ टैगोर जी की कुछ कविताओं को पढ़ते हैं
मन जहां डर से परे है
और सिर जहां ऊंचा है
ज्ञान जहां मुक्त हैं
और जहां दुनिया को
संकीर्ण घरेलू दीवारों से
छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटा नहीं गया है
जहां शब्द सच की गहराइयों से निकलते हैं
जहां थकी हुई प्रयासरत बांहे
त्रुटि हीनता की तलाश में है
जहां कारण की धारा है
जहां मन हमेशा व्यापक होते विचार और सक्रियता में
तुम्हारे जरिए आगे चलता है
और आजादी की स्वर्ग में पहुंच जाता है
ओ पिता मेरे देश को जागृत बनाओ
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