दिल्ली सल्तनत का इतिहास delhi sultanate history in hindi
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दोस्तों आज हम आपको इस लेख के माध्यम से दिल्ली सल्तनत के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और दिल्ली सल्तनत के इतिहास को गहराई से पढ़ते हैं । दिल्ली सल्तनत का इतिहास काफी पुराना माना जाता है । ऐसा कहा जाता है कि दिल्ली सल्तनत का इतिहास 1206 से लेकर 1250 तक है ।

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इतिहासकारों के लेख के अनुसार यह मालूम पड़ता है कि दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 को ही की गई थी । मुस्लिम शासक एवं ब्रिटिश शासक के इतिहासकारों से यह जानने को मिलता है की दिल्ली सल्तनत का इतिहास बड़ा रोचक है क्योंकि दिल्ली सल्तनत पर अपना शासन कई राजाओं ने चलाया है । कुछ विदेशी इतिहास कारों के द्वारा दिल्ली सल्तनत के बारे में लिखा गया है । विदेशी इतिहासकारों की माने तो दिल्ली सल्तनत की स्थापना 1206 को हुई थी और 1526 तक दिल्ली सल्तनत बरकरार रही थी ।
प्राचीन समय में दिल्ली पर तकरीबन 5 वंशजों के द्वारा शासन किया गया है । 5 वंशजों के जो सुल्तान थे उनके शासनकाल को ही सल्तनत ये हिंद , दिल्ली सल्तनत कहां जाता है । अब हम आपको बता देंते हैं कि यह 5 वंश कौन-कौन से हैं । जैसे कि गुलाम वंश का शासन दिल्ली में 1206 से लेकर 1290 तक रहा है । मैं आपको बता दूं की गुलाम वंश के समय किन किन सुल्तानों में अपना शासन चलाया है । गुलाम वंश के समय तकरीबन दो राजवंश स्थापित हुए थे ।
जिनके नाम कुतुबी राजवंश और शमशी राजवंश है । कुतुबी राजवंश में कई सुल्तान थे और उन सुल्तानों के नाम इस प्रकार से हैं कुतुबुद्दीन ऐबक, शिहाबुद्दीन उमर खिलजी आदि । इसके बाद गुलाम वंश के एक और राजवंश था जिसका नाम शमशी राजवंश था । इस राजवंश में कई सुल्तान थे जिन्होंने अपना शासन दिल्ली ने चलाया था । जैसे कि इल्तुतमिश, रुकनुद्दीन, फिरोज, रजिया सुल्तान, मुईजुद्दीन , बहराम शाह, अलाउद्दीन, मसूद शाह, नासिरुद्दीन, महमूद आदि ।
इसके बाद अगला वंश आता है बलबनी राजवंश । इस राजवंश में कई सुल्तान बने जिनके नाम गयासुद्दीन बलबन, बुगरा खां, कैकुबाद, रामसुद्दीन क्यूमर्स आदि हैं । अगला वंश खिलजी वंश था इसमें भी कई सुल्तान थे जिनके नाम इस प्रकार से हैं जलालुद्दीन फिरोज खिलजी, अलाउद्दीन खिलजी, शहाबुद्दीन उमर खिलजी, कुतुबुद्दीन मुबारक खिलजी आदि । इसके बाद अगला वंश तुगलक वंश है ।
तुगलक वंश के कई सुल्तान थे जिनके नाम इस प्रकार से हैं गयासुद्दीन तुगलक , मुहम्मद बिन तुगलक , फिरोजशाह तुगलक , गयासुद्दीन तुगलक द्वितीय , अबू बक्र, नासिरुद्दीन महमूद शाह, नसरत शाह तुगलक, महमूद तुगलक, फतेह खा आदि । इस वंश के बाद अगला वंश आता है सैयद वंश , सैयद वंश के भी कई सुल्तान थे जिनके नाम इस प्रकार से हैं मुबारक शाह , खिज्र खां , मुहम्मद शाह , अलाउद्दीन आलम शाह आदि । इस वंश के बाद अगला वंश जो है लोदी वंश आता है ।
लोदी वंश में भी कई सुल्तान बने जिनके नाम इस प्रकार से हैं बहलोल लोदी , सिकंदर लोदी , इब्राहिम लोदी , आलम खां आदि ।इस तरह से पांच वंश के सुल्तानों ने दिल्ली पर शासन किया और इन्हीं पांच वंश के शासन काल को दिल्ली सल्तनत का नाम दिया गया था । कई वंशज के सुल्तानों के द्वारा दिल्ली को अपनी राजधानी बनाई थी । अब मैं आपको दिल्ली को कब-कब राजधानी बनाया गया इसके बारे में बताने जा रहा हूं । नवी सदी से 12 वीं सदी तक दिल्ली को राजधानी बनाया गया है ।
1206 को लाहौर को राजधानी बनाई गई और 1210 तक लाहौर राजधानी रही थी । इसके बाद 1210 से 1214 तक बदायूं को राजधानी बनाया गया था । बदायूं के बाद 1214 को दिल्ली को पुनः राजधानी बनाया गया था जो 1327 तक राजधानी रही थी । दिल्ली के बाद फिर दौलताबाद को 1327 में राजधानी बनाया गया और दौलताबाद 1334 तक राजधानी रही थी ।
इसके बाद दिल्ली को 1334 में फिर से राजधानी बनाई और 1506 तक दिल्ली राजधानी रही थी । दिल्ली के बाद 1506 में आगरा को राजधानी बनाया गया जो 1526 तक राजधानी रही थी । इस तरह से दिल्ली को कई बार सुल्तानों के द्वारा राजधानी बनाई गई है और आज भी दिल्ली को भारत की राजधानी बनाई गई है ।
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