दादा सूरजमल का इतिहास Dada surajmal history in hindi

Dada surajmal history in hindi

दोस्तों नमस्कार कैसे हैं आप सभी, दोस्तों आज हम दादा सूरजमल के बारे में जानने वाले हैं। दादा सूरजमल एक महान योद्धा थे जिन्होंने काफी ख्याति पाई है जिनके युद्ध काफी प्रसिद्ध हैं तो चलिए पढ़ते हैं उनके जीवन के बारे में

Dada surajmal history in hindi
Dada surajmal history in hindi

Image source- https://en.m.wikipedia.org/wiki/Suraj_Mal

जन्म और परिवार

दादा सूरजमल का जन्म 13 फरवरी 1707 को हुआ था इनके पिताजी का नाम राजा बदन सिंह था। जब सूरजमल छोटे थे तभी इनके पिताजी का देहांत हो गया था इसी वजह से बचपन से ही इन्हें कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा और और मुश्किलों का सामना करते हुए यह आगे बढ़े। बचपन से ही इनकी देखभाल इनके चाचा जी ने की थी।

इनका युद्ध और कौशल

दादा सूरजमल युद्ध और कौशल में काफी अच्छे थे उन्होंने कई युद्ध जीते थे और कई सारे राजाओं को पराजित किया था। इन्होंने 1730 में अपनी सेना के साथ कई युद्ध लड़े और उन युद्धों में जीत हासिल की। इन्होंने कई मुगल राजाओं को हराया और अपना नाम आगे बढ़ाया इसके बाद यह आगे बढ़ते चले गए और अपने साम्राज्य को विस्तृत किया।

उन्होंने आगे चलकर भरतपुर शहर की स्थापना भी की और भरतपुर को राजधानी बनाया, कुम्हेर का युद्ध लड़ा और इस युद्ध को जीत भी लिया। इस युद्ध में उन्होंने सामने वालेको पराजित करके काफी प्रसिद्धि हासिल की।

इन्होंने अपने राज्य की रक्षा के लिए काफी प्रयत्न किया वास्तव में दादा सूरजमल एक ऐसे राजा थे जिन्होंने अपने राज्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अपने राज्य को विकास के शिखर पर ले गए।

इनका सामाजिक एवं धार्मिक योगदान

दादा सूरजमल का सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान रहा, उन्होंने अपने समय में कई मंदिर बनवाये इसके अलावा उन्होंने कई धर्मशालाओं का निर्माण भी करवाया।

इस तरह से उन्होंने सामाजिक एवं धार्मिक दोनों क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई उनके राज्य में जनता काफी खुश थी क्योंकि उनके कार्य उनकी प्रजा की भलाई के लिए थे।

उनकी मृत्यु

दादा सूरजमल की मृत्यु 1763 में हुई उनकी जब मृत्यु हुई जब ये केवल 56 वर्ष के थे।

वास्तव में दादा सूरजमल एक ऐसे महान राजा थे जिन्होंने अपने राज्य में काफी कुछ किया जिसकी वजह से जनता ने उन्हें काफी पसंद किया, उन्होंने अपने समय में अपने शासन का विस्तार किया साथ में भरतपुर शहर की भी स्थापना की और कई सारे युद्ध में सामने वाले राजाओं या सेना को पराजित करके देश दुनिया में ख्याति पाई।

वास्तव में दादा सूरजमल के योगदान को हम कभी भी नहीं भूल सकेंगे।

दोस्तों दादा सूरजमल के जीवन पर लिखा मेरा आर्टिकल Dada surajmal history in hindi आपको कैसा लगा जरूर बताएं इसी तरह के बेहतरीन आर्टिकल पढ़ने के लिए हमें सब्सक्राइब करें धन्यवाद।

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