दादा-दादी पर निबंध “Dada dadi essay in hindi”
Dada dadi essay in hindi
हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी,दोस्तों आज का हमारा आर्टिकल Dada dadi essay in hindi आप सभी को आपके बचपन की याद जरुर दिलाएगा दोस्तों हम पहले भी आपकी हेल्प के लिए बहुत सारे आर्टिकल लिख चुकी हैं आज का हमारा आर्टिकल भी आपके लिए प्रस्तुत है.
हमारे समाज में बहुत से रिश्ते नाते ऐसे होते हैं जो बेहद खास होते हैं उन रिस्तो में से दादा दादी का रिश्ता भी कुछ ऐसा ही है.हमारे देश में अपने मम्मी पापा को दादा-दादी कहते हैं.दादा-दादी का रिश्ता एक बेहद खास रिश्ता है हम इस रिश्ते को दो तरह से देख सकते हैं एक तो हमारे खून का रिश्ता होता है और दूसरा एक पोता पोती और दादा दादी के बीच का एक ऐसा रिश्ता होता है जो और किसी भी रिश्ते में देखने को नहीं मिलता.
अक्सर बचपन से ही बच्चे अपने दादा दादी के पास खेलना-कूदना,उनके पास रहना पसंद करते हैं अक्सर बच्चे बचपन में अपने दादा दादी के पास कहानियां सुनने के लिए जाते हैं.दादा दादी का रिश्ता प्राचीन काल से ही आजकल के आधुनिक युग में बहुत ही अच्छा रिश्ता है लेकिन आजकल के आधुनिक युग में हर जगह बदलाव आ रहा है इसी तरह हमारे समाज के इस रिश्ते में भी बहुत बदलाव आया.
पहले बच्चों को अपने दादा दादी के साथ समय बिताने के लिए काफी समय मिलता था लेकिन आज के जमाने मे बहुत से ऐसे परिवार होते है जो बिखर जाते है,जो अलग रहते हैं जो अपने मां बाप से दूर रहते हैं जिस वजह से उनके बच्चों को उनके साथ समय बिताने के लिए समय ही नहीं मिलता.हमारे समाज के इस दादा दादी और पोता पोती के रिश्ते बड़े ही अच्छे होते हैं.एक दादा दादी अपने बच्चों को अच्छा पालन पोषण करते हैं और वह उनको अपने मां बाप से भी ज्यादा प्यार करते हैं और उनको उचित शिक्षा प्रदान करते हैं.
दादा दादी और पोता पोती का रिश्ता बेहद खास होता है जब भी किसी मां बाप के बच्चे होने वाले होते हैं तो उनके दादा-दादी को बेहद खुशी होती है वह किसी भी तरह से अपने पोता-पोती को देखना चाहते हैं क्योंकि दादा दादी को अपने पोता-पोती के साथ रहने से अपने बचपन के दिन याद आते हैं और उन्हें उनके साथ बच्चों जैसा व्यवहार करने में, रहने में बेहद खुशी महसूस होती है इसलिए वह अपने पोता-पोती को अपने साथ रखते हैं और उनको उचित ज्ञान देते हैं, अच्छे संस्कार देते हैं.
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आजकल के आधुनिक युग में बहुत सारे ऐसे मां-बाप भी होते हैं जो अपने बच्चों को ज्यादा समय नहीं दे पाते हैं लेकिन घर पर रह रहे उनके दादा-दादी अपने पोता-पोती को समय देते हैं और उनको जरूरत अनुसार उनकी हेल्प करते हैं जिससे उनके बीच में अच्छा संबंध स्थापित होता है दोस्तों हम सभी जानते हैं कि यह रिश्ता बेहद खास होता है आजकल के जमाने में हर मां बाप को अपने बच्चों के बारे में सोचना चाहिए.
हर बच्चे का अधिकार होता है कि वह अपने दादा दादी के साथ रह सके,उनके साथ कुछ मनोरंजन कर सके,अच्छे संस्कार सीख सके और कुछ अच्छा करने लायक बन सके.मां बाप को अपने बच्चों की हर जरुरत को पूरा करना चाहिए,उनको चाहिए कि वह अपने बच्चों को कुछ समय दादा दादी के पास छोड़े यानी कि बहुत से मां बाप अपने मां-बाप से दूर रहते हैं जिसके कारण उनके बच्चे अपने दादा-दादी से नहीं मिल पाते हैं. मां बाप को को समझना चाहिए कि दादा दादी का साथ बच्चों के लिए जरूरी होता है,उनको अपने बच्चों को हर 7 दिन में दादा दादी के पास घूमने के लिए जरूर ले जाना चाहिए.
इसी के साथ में वह अपने बच्चों को फोन के द्वारा अपने दादा-दादी से संपर्क कराएं जिससे उनके बीच में और भी मजबूत रिश्ता हो और वह अपने जीवन में खुश रह सके दोस्तों हर रिश्ते के कुछ कर्तव्य होते हैं दादा दादी के रिश्ते में भी कुछ कर्तव्य होते हैं जैसे कि दादा दादी को अपने पोता-पोती का ख्याल रखना चाहिए,उनको अपने बच्चों के समान ही प्यार करना चाहिए क्योंकि वह उनके बच्चे के बच्चे हैं.हर दादा दादी को अपने पोता-पोती की जरूरतों का ख्याल रखना चाहिए,उन्हें अच्छे संस्कार देना चाहिए.
हर दादा-दादी को सोचना चाहिए कि जब हमारे पोता-पोती अच्छे संस्कार सीखेंगे तब ही हमारा परिवार विकसित होगा क्योंकि बच्चों से ही हमारा परिवार,यह हमारा समाज बनता है.दादा दादी को चाहिए की वह अपने बच्चों की देखरेख भी करें.कई मामलों में ऐसा भी होता है कि बच्चों के मां बाप इसको ध्यान नहीं दे पाते तो दादा दादी का भी फर्ज बनता है कि वह अपने पोता-पोती का ख्याल रखें क्योंकि इससे हमारे परिवार एक अच्छा माहौल बनता है.हमारा परिवार समाज में अच्छा बनता है.
दोस्तों इस तरह से हम कह सकते हैं कि दादा दादी का रिश्ता हर पोता पोती के लिए बेहद जरुरी होता है और बच्चो को अपने दादा दादी के प्रति और दादा दादी को पोता पोती के प्रति अपने रिश्तो के कर्तव्य को अच्छी तरह से निभाना चाहिए तभी हम जिंदगी में कुछ अच्छा कर सकते हैं.
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