चिल्कुर बालाजी मंदिर का इतिहास Chilkur balaji temple history in hindi

Chilkur balaji temple history in hindi

Chilkur balaji temple – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारत देश  का सबसे सुंदर अद्भुत चमत्कारी मंदिर चिल्कुर बालाजी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस जबरदस्त आर्टिकल को पढ़कर चिल्कुर बालाजी मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।

Chilkur balaji temple history in hindi
Chilkur balaji temple history in hindi

Image source – https://commons.m.wikimedia.org/wiki/File:Gopur

चिल्कुर बालाजी मंदिर के बारे में – चिल्कुर बालाजी  का मंदिर सबसे अद्भुत चमत्कारी सुंदर मंदिर है जिस मंदिर से भारतीय लोगों की आस्था जुड़ी हुई है । चिल्कुर बालाजी  का यह अद्भुत सुंदर चमत्कारी मंदिर भारत देश के तेलंगाना राज्य में स्थित है जिस मंदिर की सुंदरता देखने के लायक है । जो भी भक्तगण चिल्कुर बालाजी मंदिर के दर्शन करने के लिए जाता है वह अपने जीवन में सुख समृद्धि और आनंद प्राप्त करता है । लाखों की संख्या में बालाजी भक्त प्रतिवर्ष चिल्कुर बालाजी मंदिर के  दर्शन करने के लिए जाते हैं और चिल्कुर बालाजी मंदिर के दर्शन करने के बाद उनके जीवन में खुशी आनंद प्राप्त करते हैं ।

चिल्कुर बालाजी  के इस सुंदर और चमत्कारी मंदिर को वीसा बालाजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है  जिस मंदिर की सुंदरता वाकई में देखने के लायक है । जो भी व्यक्ति चिल्कुर बालाजी मंदिर के  दर्शनों के लिए जाता है वह  बार-बार अपने परिवार के साथ चिल्कुर बालाजी मंदिर के  दर्शनों के लिए अवश्य जाता है । जो भक्तगण पहली बार चिल्कुर बालाजी मंदिर के  दर्शनों के लिए जाता है वह चिल्कुर बालाजी मंदिर  से वापस आने से पहले दोबारा वहां पर आने की चाह रखता है । चिल्कुर बालाजी  का यह अद्भुत चमत्कारी मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है ।

भगवान वेंकटेश्वर का यह अद्भुत सुंदर मंदिर हैदराबाद के काफी पास में है । भारत देश के चारों तरफ से बालाजी भक्त चिल्कुर बालाजी मंदिर के दर्शन करने के लिए जाते हैं और चिल्कुर बालाजी मंदिर के चारों तरफ की सुंदरता को देखकर आनंद प्राप्त करते हैं । मंदिर के निर्माण के बारे में ऐसा कहा जाता है की मंदिर का निर्माण बालाजी के महान भक्त रामदास  के जो चाचा थे उनके द्वारा कराया गया था । रामदास के चाचा जी के नाम अक्कान्ना और मदन्ना था । इन्हीं के द्वारा चिल्कुर बालाजी मंदिर का निर्माण कराया गया था ।

मंदिर के निर्माण को लेकर एक कथा भी कही जाती है । इस कथा को मैं आपको बताने जा रहा हूं । कथा ने यह कहा जाता है कि बालाजी का एक परम भक्त प्रति वर्ष बालाजी के दर्शन के लिए तिरुपति बालाजी जाता था । बालाजी महाराज से इस भक्त की आस्था जुड़ी हुई थी ।  एक बार अचानक से वह बालाजी भक्त बीमार हो गया था जिसके कारण वह उस वर्ष तिरुपति बालाजी के दर्शन करने के लिए नहीं जा सका था । जब वह बालाजी भक्ति 1 दिन गहरी नींद में सो रहा था तब भगवान वेंकटेश्वर ने उस बालाजी भक्त को स्वप्न में दर्शन दिए और उस भक्त से कहा की अब तू चिंता मत कर  मैं तेरे पास के ही जंगल में हूं ।

इसके बाद वह भक्त नींद से उठ गया और उसने बालाजी के दर्शन करने का विचार बनाया था और वह भक्त सपने में दिखाए गए जंगल में बालाजी को ढूंढने के लिए निकल पड़ा था । वह सपने में दिखाए गए स्थान पर पहुंचा और उसको उस स्थान पर पहुंचने के बाद गड्ढे दिखाई दिए थे और उसने उस गड्ढे को खोदना चालू किया था । धीरे-धीरे वह गड्ढे को खोदता गया और उसे गड्ढे में से बालाजी की एक मूर्ति मिली थी । परंतु जैसे ही उस भक्त ने मूर्ति निकाली उस स्थान से खून की धारा बहने लगी थी ।

यह देखकर बालाजी भक्त बिल्कुल परेशान हो गया था और उसने यह देख बालाजी से प्रार्थना की थी की हे भगवान यह क्या हो रहा है ? मुझे तो कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है । उसी समय बालाजी भगवान ने आकाशवाणी के माध्यम से उस वक्त से कहा कि तुम जल्द ही इस स्थान पर दूध चढ़ाओ ।जैसे ही तुम दूध चढ़ाओगे यह खून बंद हो जाएगा । इसके बाद भगवान वेंकटेश्वर की प्रतिमा के साथ-साथ श्रीदेवी और भूदेवी की मूर्ति भी उस भक्त को मिली थी और उस भक्त ने उसी स्थान पर एक भव्य मंदिर का निर्माण कराया था ।

उस भव्य मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर , भूदेवी और श्रीदेवी की मूर्ति की स्थापना भी कराई थी । इसके बाद मंदिर की सुंदरता को और भी सुंदर और अद्भुत बनाने के उद्देश्य 1963 में मंदिर परिसर में अम्मवारु मूर्ति की स्थापना कराई गई थी जिस मूर्ति का  नाम राज्य लक्ष्मी रखा गया था । भारत देश के  सभी बालाजी भक्तों की आस्था चिल्कुर बालाजी मंदिर से जुड़ी हुई है ।

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