चेरामन जुमा मस्जिद का इतिहास cheraman juma masjid history in hindi
cheraman juma masjid history in hindi
दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से चेरामन जुमा मस्जिद के बारे मेंं बताने जा रहे हैं . चलिए अब हम आगेेे बढ़ते हैं और चेरामन जुमा मस्जिद के बारे में पढ़ते हैं . चेरामन जुमा मस्जिद केरल राज्य के मेंथला नामक गांव में स्थित है . चेरामन पेरूमल जुमा मस्जिद भारत की सबसे पुरानी मस्जिद है . जब हम इस मस्जिद के बारेे में कथाओं मेंं पढ़ते है तब हमें मालूम पड़ता है की चेरामन पेरूमल एक समय जब अरब की यात्रा पर निकले थे तब चेरामन पेरूमल की मुलाकात जेद्दा में एक धर्म प्रचारक से हुई थी .
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चेरामन पेरूमल ने मुस्लिम धर्म अपना लिया था . चेरामन पेरूमल ने अपना नाम बदलकर चेरामन पेरूमल की जगह तजुद्दीन रख लिया था . इसके बाद चेरामन पेरूमल की मुलाकात जेद्दा के राजा की बहन से हुई थी और यह मुलाकात प्यार में बदल गई थी . चेरामन पेरूमल ने राजा की बहन से शादी कर ली थी . चेरामन पेरूमल वही पर बस गए थे . चेरामन पेरूमल ने केरल के राजा से इस्लाम धर्म के प्रचार के बारे में बातचीत की और केरल के राजा से कहां की केरल में इस्लाम धर्म का प्रचार होना चाहिए .
जेद्दा के राजा भी केरल आये थे और उन्होंने केरल के राजा से कोडुंगलुर में मस्जिद बनाने का आग्रह किया था . कोडुंगलुर केे राजा ने यहांं पर मस्जिद बनाने मेंं सहायता की थी . इस मस्जिद को बनानेे में हिंदूू धर्म कि कलाकारों का योगदान था . इस मस्जिद में तीन इस्लामिक अनुयायियों की कबरेंं भी मोजूद है . ऐसा कहा जाता है कि जब इस मस्जिद का निर्माण किया गया था तब से ही भारत में इस्लाम का प्रवेश हुआ था . इस मस्जिद को एक हिंदूू राजा ने अपना धर्म परिवर्तन करने के बाद बनबाने का विचार किया था .
इस मस्जिद को बनवाने की सोच हिन्दू राजा की थी . जब हिंदू राजा ने अपना धर्म परिवर्ततन किया था तब वह इस्लाम धर्म का प्रचार प्रसार बहुत तेज गति से कर रहा था . इस्लाम का केरल में प्रचार प्रसार करने के लिए यह मस्जिद बनानेे का आग्रह किया गया था . यह मस्जिद भारत की पहली मस्जिद है . इस मस्जिद के अंदर एक तेल का दिया जलता रहता है . इस मस्जिद केेेे बारे में ऐसा कहा जाता है कि इस मस्जिद के अंदर जो एक संगमरमर का पत्थर रखा हुआ है वह टुकड़ा मक्का मदीना से लाया गया था .
मस्जिद के बारे में ऐसा कहा जाता हैै कि इस मस्जिद का निर्माण पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के जीवन काल के समय ही किया गया था . इस मस्जिद की कलाकृति हिंदू धर्म के मंदिरों जेसी बनाई गई है . इस मस्जिद का निर्माण कार्य 629 ईसवी में पुरा कर लिया गया था . इस मस्जिद की लंबाई लगभग 61 मीटर एवं चौड़ाई 24 मीटर है . इस मस्जिद को देखने एवं घूमनेेे के लिए दूर-दूर से लोग आतेे हैं क्योंकि यह मस्जिद भारत की सबसे पुरानी मस्जिद है . यह मस्जिद भारत की पहली मस्जिद है .
इस मस्जिद को बनाने का उद्देश्य सिर्फ मुस्लिम धर्म का प्रचार प्रसार करना था . इस मस्जिद को बनवाने में केरल के राजा का महत्वपूर्ण्ण योगदान रहा था . इस मस्जिद पर कई राजनीतिक नेता माथा टेकने के लिए जाते हैं . भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम भी इस मस्जिद पर माथा टेकने के लिए जा चुके हैं . भारत देश के दक्षिणी राज्य केरल में इस्लाम धर्म चेरामन जुमा मस्जिद के द्वारा ही आया था .
इसी मस्जिद के माध्यम से भारत में मुस्लिम धर्म का प्रचार प्रसार किया गया था . जब मुस्लिम देशों के कई व्यापारियोंं से भारत के संबंध जुड़े थे तब सुलेमान नाम के पहले मुस्लिम व्यक्ति ने सन 851 वीं शताब्दी में भारत के केरल राज्य का दौरा किया था और अरब से जो मुस्लिम समुदाय के लोग आए हुए थे वह मालाबार तट पर बस से गए थे .
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