चार्ल्स बैबेज का जीवन परिचय charles babbage biography in hindi

charles babbage biography in hindi

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से चार्ल्स बैबेज के जीवन परिचय के बारे में बताने जा रहे हैं चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और चार्ल्स बैबेज के जीवन परिचय को पढ़ते हैं .

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जन्म स्थान व् परिवार – चार्ल्स बैबेज का जन्म 26 दिसंबर 1791 को इंग्लैंड देश के लंदन में हुआ था । उनके पिता का नाम बेंजामिन बैबेज था जो एक बैंकर थे । चार्ल्स बैबेज के तीन भाई थे , यह चौथे नंबर के थे । इनका परिवार समृद्ध परिवार था । चार्ल्स्स बैबेज ने  अच्छी पढ़ाई करके एक अच्छे गणितज्ञ , अविष्कारक , दार्शनिक , यांत्रिक इंजीनियर बने थे ।

चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक कहा जाता है । इन्हीं की कल्पना से आधुनिक कंप्यूटर का निर्माण किया गया था । चार्ल्स बैबेज ने हीं पहले यांत्रिक कंप्यूटर का निर्माण किया था ।

विवाह – चार्ल्स बैबेज ने 1814 को जार्जियाना  व्हिटमोर नामक महिला से विवाह किया था । जिनके द्वारा चार्ल्स बैबेज के 8 बच्चेेे हुए थे । इन 8 बच्चों में से सिर्फ तीन बच्चे ही जीवित रह पाए थे ।

शिक्षा – चार्ल्स बैबेज ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई घर से ही प्रारंभ की थी । चार्ल्स बैबेज को पढ़ाने के लिए घर पर ही एक शिक्षक आया करता था । घर से ही उन्होंने शिक्षा प्राप्त करने का सफर प्रारंभ किया था । इसके बाद उनको आगे की शिक्षा दिलाने के लिए उनके माता-पिता ने उनको होल्मबुड़ स्कूल में भर्ती करा दिया था । यहां से उन्होंने इंटर पास किया था।

इंटर पास करने के बाद चार्ल्स बैबेज आगे की पढ़ाई करने के लिए अक्टूबर 1810 को ट्रिनिटी कॉलेज कैंब्रिज में पढ़ाई करने के लिए चले गए थे । यहां पर वह गणित एवं इंग्लिश की पढ़ाई करने लगे थे ।  उनकी रुचि पहले से ही गणित विषय में अधिक थी । विज्ञान विषय में भी उन्होंने सफलता प्राप्त की थी । कैंब्रिज कॉलेज से उन्होंने अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी ।

चार्ल्स का वैज्ञानिक सफर – चार्ल्स ने स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद कई पदों पर नौकरी करने के लिए आवेदन किए थे लेकिन वह आवेदन अस्वीकार किए गए थे क्योंकि चार्ल्स के पास सिफारिश नहीं थी । कई बार चार्ल्स ने कॉलेज के प्राध्यापक के लिए आवेदन किया था लेकिन चार्ल्स का यह आवेदन स्वीकार नहीं किया गया था । 1815 को चार्ल्स को रॉयल इंस्टीट्यूट में भाषण देने का चांस मिला था । जहां पर चार्ल्स ने खगोल विज्ञान पर भाषण दिया था ।

चार्ल्स बैबेज और उनके कई मित्रों ने मिलकर एक रॉयल सोसायटी बनाई थी और 1816 को चार्ल्स बैबेज को इस रॉयल सोसायटी का साथी चुना गया था । चार्ल्स बैबेज को जब किसी भी पद पर नौकरी करने के लिए नहीं रखा गया था तब चार्ल्स ने अपने खुद के आविष्कार करना प्रारंभ कर दिया था । 1819 को चार्ल्स बैबेज ने अपनी गणना से अपना पहला गणना इंजन बनाने का काम प्रारंभ किया था और उनकी मेहनत एवं लगन से यह गणना इंजन 1822 को बन के तैयार हो गया था ।

जब मशीन का गणितीय सिद्धांत पूरा हो जाता है तब इस मशीन को अंतर इंजन कहा जाता है और इस मशीन का अंतर इंजन नाम चार्ल्स बैबेज ने ही दिया था । चार्ल्स बैबेज ने अपने कई साथियों के साथ मिलकर रॉयल एनालिटिकल एवं घोस्ट क्लब सोसाइटी का भी गठन किया था । इसके बाद 1820 में एस्ट्रोनॉमीकल सोसायटी भी चार्ल्स बैबेज ने बनाई थी । चार्ल्स ने अविष्कार करना बंद नहीं किया था । इसके बाद वह अपना दिमाग कई तरह की मशीन बनाने में लगाते थे और 1822 को चार्ल्स बैबेज ने पहले कंप्यूटर का आविष्कार किया था ।

चार्ल्स ने जब एनालिटिकल इंजन का आविष्कार किया था तब गणितीय गणना करने में बहुत आसानी हुई थी क्योंकि यह इंजन गणितीय गणना करने में बहुत सक्षम था । यह मशीन बहुत ही बड़ी मशीन थी । इस मशीन को बनाने में बहुत अधिक खर्चा आया था । चार्ल्स बैबेज को यह मशीन  बनाने के लिए ब्रिटिश शासन ने पैसेे दिए थे । यह मशीन बहुत ही भारी थी । इस मशीन का साइज एक घर के बराबर था ।

इस मशीन का इंजन भाप से चलता था । इस मशीन में क्रैंक , शाफ़्ट लगी थी । इसके बाद चार्ल्स बैबेज में कई और मशीनें भी बनाई थी । जिनमें से एक और मशीन थी जिसका नाम डिफरेंशियल इंजन । इस मशीन का नाम चार्ल्स बैबेज ने ही डिफरेंशियल इंजन रखा था । इसी मशीन के कारण ही  आधुनिक  कंप्यूटर का निर्माण  हुआ था ।

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