चेरियट पत्थर से बने मंदिर का इतिहास Chariot temple history in hindi
Chariot temple history in hindi
Chariot temple – दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से चेरियट पत्थर से बने मंदिर के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । तो चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और इस आर्टिकल को पढ़कर चेरियट पत्थर से बने मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं ।

चेरियट पत्थर से बने मंदिर के बारे में – चेरियट पत्थर से बना यह अद्भुत सुंदर और चमत्कारी मंदिर भारत देश के कर्नाटक राज्य में स्थित बेल्लारी जिले के होसापेट नामक स्थान पर स्थित एक छोटे से गांव मे स्थित है जिस मंदिर की सुंदरता वाकई में देखने के लायक है । यह मंदिर रथ के आकार में बना हुआ है जिसे हम्पी का रथ भी कहते हैं । इस अद्भुत चमत्कारी चेरियट पत्थर से बने मंदिर को विट्ठल मंदिर भी कहकर संबोधित किया जाता है । इस मंदिर की सुंदरता इतनी अद्भुत और चमत्कारी है की इस मंदिर की सुंदरता को देखते हुए इस मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर मे शामिल किया गया है ।
चेरियट पत्थर से बना यह अद्भुत और चमत्कारी मंदिर विट्ठल मंदिर परिसर में स्थित है । इस मंदिर के बारे में भारतीय पुराणों में भी बताया गया है । इस मंदिर की अद्भुत सुंदरता इतनी अधिक है कि जो भी पर्यटक इस मंदिर के दर्शन करने के लिए जाता है वह अपने जीवन में सुख समृद्धि और आनंद प्राप्त करता है । प्राचीन समय में चेरियट पत्थर से बने हम्पी रथ के ऊपर गरुड़ भगवान बैठे हुए थे परंतु बाद में इस रथ के ऊपर से गरुड़ भगवान को हटा दिया गया था ।यह चेरियट पत्थर से बना अद्भुत और चमत्कारी मंदिर गरुड़ भगवान को समर्पित है ।
आज थी देश विदेश से पर्यटक आकर इस मंदिर के दर्शन करके अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं । जब विश्व स्तर पर चेरियट पत्थर के बने मंदिर की सुंदरता के बारे में चर्चा की जाती है तब चेरियट पत्थर से बने मंदिर की सुंदरता को देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग आते हैं और इस मंदिर की सुंदरता को देखकर अपने जीवन में आनंद प्राप्त करते हैं ।चेरियट पत्थर से बने इस मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर में इसीलिए शामिल किया गया है क्योंकि इस मंदिर की सुंदरता को देखने से जीवन में आनंद और खुशी प्राप्त होती है ।
जब चेरियट पत्थर से बने इस मंदिर को यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल किया गया तब भारत सरकार के द्वारा इस मंदिर की सुंदरता को और भी सुंदर बनाने के लिए कार्य किए गए हैं । चेरियट पत्थर से बना यह मंदिर भले ही एक छोटे से गांव में स्थित है पर लाखों लोग हजारों किलोमीटर दूर से भारत देश के कर्नाटक राज्य में आकर बेल्लारी जिले में जाकर चेरियट पत्थर से बने मंदिर की सुंदरता को देखकर अपने जीवन में आनंद और खुशी प्राप्त करते है ।
चेरियट पत्थर से बने इस मंदिर के निर्माण के बारे में ऐसा कहा जाता है की इस मंदिर का निर्माण तकरीबन 600 साल पहले कराया गया था जिस मंदिर की सुंदरता आज भी सुंदर और अद्भुत दिखाई देती है । इस मंदिर की सुंदरता को देखते हुए भारत सरकार ने ₹50 के नए नोट पर चेरियट पत्थर से बने रथ को छापा है । इस मंदिर की सुंदरता को देखकर यह जानने की ईच्छा होती है कि यह अद्भुत और चमत्कारी मंदिर किसके द्वारा बनवाया गया हैं । चेरियट पत्थर से बने इस सुंदर मंदिर को 1422 से 1446 इसवी के दौरान राजा देव राय द्वितीय के शासनकाल में बनवाया गया था जिसकी सुंदरता आज ही सुंदर और अद्भुत दिखाई देती है ।
यदि हम इसकी सुंदरता को देखना चाहते हैं तो हमें इस मंदिर की सुंदरता को देखने के लिए कर्नाटक राज्य के बेल्लारी जिले के होसपेट नामक छोटे से गांव में जरूर जाना चाहिए और इस मंदिर की सुंदरता को देखकर अपने जीवन में आनंद प्राप्त अवश्य करना चाहिए । जब हम चेरियट पत्थर से बने इस मंदिर की सुंदरता को अपने आंखों से देखेंगे तब हमें पता चलेगा कि इस मंदिर की सुंदरता वाकई में कितनी अधिक सुंदर है । जो भी व्यक्ति चेरियट पत्थर से बने इस मंदिर को देखता है वह अपने परिवार के साथ इस मंदिर को एक बार फिर देखने के लिए अवश्य जाता है ।
इस मंदिर की सुंदरता को देखने के लिए भारत के पर्यटक ही नहीं बल्कि विदेश से भी पर्यटक भारत आकर इस मंदिर की सुंदरता को देखकर आनंद प्राप्त करते हैं । जब इस मंदिर को देखते हैं तब इस मंदिर की सुंदरता को देखकर दिमाग में यह ख्याल आ जाता है कि इस मंदिर की नक्काशी करने वाले व्यक्ति की कला कितनी अच्छी है । जिस व्यक्ति ने इस मंदिर को बनाया है वह बहुत ही सुंदर कला के लिए प्रसिद्ध कलाकार होगा ।
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