चप्पल की आत्मकथा Chappal ki atmakatha in hindi

Chappal ki atmakatha in hindi

दोस्तों आज हम आपके लिए लाए हैं चप्पल की आत्मकथा पर मेरे द्वारा लिखित यह काल्पनिक लेख तो चलिए पढ़ते हैं आज के हमारे इस लेख को

Chappal ki atmakatha in hindi
Chappal ki atmakatha in hindi

मैं एक चप्पल हूं। लोग मुझे अपने पैरों में पहनते हैं। लोग जब घर से बाहर निकलते हैं तब तो वह मुझे अपने पैरों में जरूर ही पहनते हैं क्योंकि मैं उनके पैरों की कई तरह से सुरक्षा करती हूं, सुरक्षा करने के बदले में मैं अपने मालिक से कुछ नहीं चाहती मैं बस यही चाहती हूं कि वह मेरी सुरक्षा करें। मुझे कई ऐसे स्थान पर ना रखें जहां से मुझे और कोई चोरी करके ले जाए।

अक्सर में देखती हूं मेरी जैसी चप्पलों की सुरक्षा के लिए कई जगह हैं जैसे कि मंदिर, मॉल, किसी सार्वजनिक समारोह आदि पर सुरक्षा की व्यवस्था की जाती है क्योंकि अक्सर ऐसे स्थानों पर चप्पलों की अदला बदली हो जाती है। मैं अपने मालिक के घर पर एक सुनियोजित स्थान पर रखी रहती हूं। मेरे मालिक के घर में जितने सदस्य हैं सभी के पास अलग-अलग तरह की चप्पल हैं।

जब भी लोग घर से बाहर किसी छोटे-मोटे कार्यों के लिए जाते हैं तो वहा चप्पलों को पहन कर जाते हैं। आज से कुछ महीनों पहले मेरा मालिक मुझे एक दुकान से खरीद कर लाया था तब से मैं उसी के साथ हूं। मैं उस दुकान पर चप्पलों के साथ दुकान में सजी हुई थी तभी मेरे मालिक ने मुझे पसंद किया और फिर वह मुझे अपने साथ ले आया। मेरा मालिक अपने ऑफिस के कार्यों के लिए जूते पहनकर जाता है।

घर के किसी कामकाज एवं अपने खेतों के कामकाज के लिए ज्यादातर मुझे ही अपने पैरों में पहन कर जाता है। मैं चप्पल हूं, मेरा कार्य ही अपने मालिक की सेवा करना है, उनके पैरों की सुरक्षा करना है, उनके पैरों में कंकड़ पत्थर आदि न चुभ जाए में इसका खास ख्याल रखती हूं। मैं मेरा कर्तव्य निभाने की पूरी कोशिश कर रही हूं लेकिन हर चीज का एक निश्चित समय होता है यह मैं भी जानती हूं।

कुछ महीनों के बाद में भी पुरानी हो जाऊंगी और मालिक मुझे अपने घर के कोने में रख देगा और मेरी जैसी नई चप्पल अपने लिए लेकर आएगा यही मेरे जीवन की आत्मकथा है जो मैं आप सभी के समक्ष रखना चाहती थी।

दोस्तों मेरे द्वारा लिखित चप्पल की आत्मकथा पर लिखित काल्पनिक लेख Chappal ki atmakatha in hindi आप सभी को कैसा लगा, आप इस आर्टिकल को शेयर करना ना भूलें।

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