कैलकुलेटर का इतिहास व् अविष्कार calculator history in hindi
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दोस्तों आज हम आपको कैलकुलेटर का इतिहास व् अविष्कार के बारे में बताने जा रहे हैं . चलिए अब हम इस लेख के माध्यम से कैलकुलेटर के अविष्कार और इतिहास के बारे में पढ़ेंगे . कैलकुलेटर का इतिहास सबसे पुराना माना जाता है . पहले जब कैलकुलेटर का अविष्कार नहीं हुआ था तब ईशानगो की हड्डी का उपयोग गणना करने में किया जाता था .

इन हड्डियों का उपयोग गणना करने में इसलिए किया जाता था क्योंकि इन हड्डियों के द्वारा खींची गई रेखाएं अनोखी दिखाई देती थी . लेकिन इन हड्डियों के माध्यम से बड़ी बड़ी संख्याओं की गणना करना बहुत ही मुश्किल था . इस मुश्किल को आसान बनाने के लिए 2700 साल पहले अबेकस का आविष्कार किया गया था . यह सबसे पहली कैलकुलेशन मशीन थी . पहले मैकेनिकल कैलकुलेटर का आविष्कार 17 वी शताब्दी में विल्हेम ने सन 1642 में किया था और इस कैलकुलेटर का नाम ब्लेज पास्कल रखा गया था .
यह कैलकुलेटर बहुत ही लाभदायक सिद्ध हुआ था क्योंकि इससे बड़ी बड़ी संख्याओं की कैलकुलेशन करने में आसानी हुई थी . धीरे-धीरे समय बीतता गया और लोग अपने कदम कैलकुलेटर की ओर बढ़ाने लगे थे . 19वीं शताब्दी में दूसरा कैलकुलेटर बनाया गया था . यह कैलकुलेटर इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर था . यह कैलकुलेटर अमेरिका के जेम्स शेयर डाल्टन ने बनाया था और इस मशीन का नाम डाल्टन मशीन रखा था .
डाल्टन ने जब इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर की खोज की थी तब यह देखा जा रहा था कि अब बड़ी बड़ी संख्याओं का कैलकुलेशन करना आसान हो जाएगा और 1948 को इलेक्ट्रॉनिक कैलकुलेटर बनके तैयार हो गया था . जब यह कैलकुलेटर बनकर तैयार हो गया था तब इसे मार्केट में भेजा गया था . जब इसे मार्केट में भेजा गया था तब इस कैलकुलेटर की कीमत बहुत ही ज्यादा थी लेकिन इस केलकुलेटर के माध्यम से बड़ी बड़ी संख्याओं का कैलकुलेशन करना बहुत ही आसान हो गया था . 1960 में छोटे कैलकुलेटर का आविष्कार किया गया था .
1960 में जापान की कंपनी और इंटेल की कंपनी ने संयुक्त रूप से मिलकर नए जमाने के कैलकुलेटर बनाए थे . यह कैलकुलेटर बहुत ही सुंदर और छोटा था . इस कैलकुलेटर को कोई भी व्यक्ति अपनी जेब में रखकर कहीं पर भी ले जा सकता है . इस कैलकुलेटर की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि इसको जेब में रखकर हम कही पर भी ले जा सकते है , बड़ी बड़ी संख्याओं की गणना आसानी से कर सकते है . कैलकुलेटर से बड़े-बड़े उद्योगपतियों एवं विद्यार्थियों को लाभ मिला था .
कैलकुलेटर ने हर व्यक्ति को आसान सुविधा दी थी . कैलकुलेटर की उपयोगिता को देखते हुए आज 21वीं सदी में लैपटॉप , कंप्यूटर और मोबाइलों में भी कैलकुलेटर उपलब्ध रहता है . कैलकुलेटर से विद्यार्थी को गणित के सवाल हल करने में आसानी हुई है . जब कैलकुलेटर नहीं था तब जोड़ने घटाने में ज्यादा समय लगता था लेकिन जब से कैलकुलेटर बना है तब से संख्या की गणना कम समय में हो जाती है . 17 वी शताब्दी से लेकर 21 वी शताब्दी तक कैलकुलेटर का इतिहास बड़ा ही रोचक रहा है .
कैलकुलेटर ने हर व्यक्ति की जिंदगी को आसान बनाया है . चाहे वह औद्योगिक क्षेत्र हो या फिर शिक्षा का क्षेत्र हो हर क्षेत्र में कैलकुलेटर ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है . 17 वी शताब्दी से पहले संख्या की गणना करने के लिए हड्डी का उपयोग किया जाता था लेकिन इन हड्डियों के माध्यम से बड़ी बड़ी संख्याओं की गणना करना बहुत ही मुश्किल होता था . वैज्ञानिकों में सभी लोगों की समस्या का समाधान निकाला और कैलकुलेटर की खोज की थी .
जब से कैलकुलेटर का आविष्कार हुआ है तब से छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी संख्या की गणना आसानी से हो जाती है . 21वीं शताब्दी में हम देख रहे हैं कि लैपटॉप , कंप्यूटर और मोबाइल में कैलकुलेटर मौजूद रहता है . इससे हमें यह मालूम पड़ता है की कैलकुलेटर की उपयोगिता किस तरह से बढ़ती जा रही है .
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