ब्रिटिश राज का इतिहास british raj history in hindi

british raj history in hindi

दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से ब्रिटिश राज के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं । चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और ब्रिटिश राज के इतिहास को जानते हैं । भारत देश को प्राचीन समय में  सोने की चिड़िया कहा जाता रहा था लेकिन भारत देश पर कई विदेशियों ने आक्रमण करके भारत को भिन्न-भिन्न भागों में बांट दिया है । भारत देश एक सांस्कृतिक देश है । यहां पर सांस्कृतिक जीवन जिया जाता है ।

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जब मुग़ल साम्राज्य भारत में था तब मुगल साम्राज्य के नष्ट हो जाने के बाद भारत में ब्रिटिश शासन आया था । ब्रिटिश शासन के द्वारा भारत पर शासन किया गया था ।कुछ विदेशी कंपनियां भारत में आई और भारत को धीरे धीरे अपना गुलाम बना लिया था । ब्रिटिश शासन ने भारत देश पर 1858 से लेकर 1947 तक शासन चलाया है । ब्रिटिश शासन की एक ही नीति थी भारत में धर्म , समाज , जाति के आधार पर लोगों की एक दूसरे से लड़ाई करवाना और ब्रिटिश शासन की नींव मजबूत करना ।

धीरे-धीरे ब्रिटिश कंपनियां अपना विस्तार भारत में फैलाने लगी और भारत देश पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली । जब ब्रिटिश शासन की पकड़ भारत में मजबूत हुई तब उन्होंने पूरी तरह से एक एक करके सभी राज्यों को अपने हिस्से में ले लिया । भारत के हर राज्य पर कब्जा करके अपना आधिपत्य स्थापित किया था । ब्रिटिश शासन के दौरान किसानों , गरीबों पर अत्याचार किए गए थे ।

भारतीय महिलाओं एवं लड़कियों को अंग्रेजो के द्वारा जलील किया जाने लगा था और इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया को 1876 में भारत देश की महारानी बना दिया गया था । जब ब्रिटिश लोगों ने यहां पर कंपनी के नाम पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया था तब उन्होंने महारानी विक्टोरिया को यहां का पूरा साम्राज्य दे दिया था ।  महारानी विक्टोरिया को भारत की महारानी घोषित कर दिया गया था । हमारा भारत देश बहुत बड़ा देश था मौर्य शासन के समय भारत से अफगानिस्तान अलग किया गया ।

इसके बाद कई विदेशी राजाओं के द्वारा भारत पर हमले किए गए और भारत के राज्यों को छीन लिया गया । सबसे ज्यादा भारत देश पर मुगल साम्राज्य का शासन रहा है ।भारत देश पर मुगल साम्राज्य के द्वारा तकरीबन 200 साल तक शासन किया गया है । यदि हम बात करें संपूर्ण भारत की तो पूरे भारत पर हिंदू राजाओं के अलावा किसी अन्य राजा ने अपना आधिपत्य स्थापित नहीं किया है ।1858 से लेकर 1947 तक के बीच का सफर बहुत ही भयानक था । भारतीय लोगों को अत्याचार सहन करना पड़ा था ।

जब यह अत्याचार अपनी सीमा पार कर गया तब यहां के वीर क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया और ब्रिटिश सरकार का विरोध व्यक्त करने लगे । धीरे-धीरे यह क्रांति एक ज्वाला का रूप लेने लगी थी । चंद्रशेखर आजाद , भगत सिंह जैसे महान योद्धा , महात्मा गांधी जैसे वीर पुरुष आजादी के लिए आगे आए और सभी वीर योद्धाओं की मेहनत से हमारा देश आजाद हुआ । 1947 को हमारा देश एक गणतंत्र स्वतंत्र देश बना ।

जब 1947 को हमारा देश आजाद हुआ तब ब्रिटिश शासन की कूटनीति से हमारा भारत देश दो भागों में बांट दिया गया था । भारत से पाकिस्तान अलग कर दिया गया था । जब पाकिस्तान को भारत से अलग किया गया था तब पाकिस्तान से बांग्लादेश को भी अलग किया गया था । फुट डालो शासन करो की नीति भारत देश पर अंग्रेजों के द्वारा चलाई गई थी । क्योंकि वह जानते थे कि यदि भारत देश पर राज करना है तो एक दूसरे के बीच में फूट डालना बहुत ही जरूरी है ।

यदि फूट नहीं डालेंगे तो भारतीय लोग समझ जाएंगे कि हम उनका फायदा उठा रहे हैं । इस तरह से सन 1858 से 1947 तक अंग्रेजों ने भारत पर राज किया । भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था । अंग्रेज भारत को लूट के ले गए , भारत को पूरी तरह से खंडित करके चले गए थे ।

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