ब्रह्म सरोवर कुरुक्षेत्र हिस्ट्री इन हिंदी Brahma sarovar kurukshetra history in hindi

Brahma sarovar kurukshetra history in hindi

दोस्तों आज हम आपको इस लेख के माध्यम से ब्रह्मा सरोवर कुरुक्षेत्र के बारे में बताने जा रहे हैं . चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और ब्रह्म सरोवर कुरुक्षेत्र हिस्ट्री को पढ़ते हैं । ब्रह्मा सरोवर कुंड थानेसर में स्थित है । प्राचीन कथाओं के अनुसार यह कहा जाता है कि इस कुंड का निर्माण पांडवों एवं कौरवों के पूर्वज राजा कुरु ने करवाया था ।

brahma sarovar kurukshetra history in hindi
brahma sarovar kurukshetra history in hindi

image source –https://en.wikipedia.org/wiki/Brahma_Sarovar

राजा कुरु ने इस कुंड की खुदाई करवाई थी ।महाभारत युद्ध जीतने के उपलक्ष में युधिष्ठिर के द्वारा यहां पर एक टावर भी बनवाया गया था । उसी टावर के समीप द्रौपदी कूप भी स्थित है । यह ब्रह्मा सरोवर टैंक कुरुक्षेत्र में स्थित है । पौराणिक कथाओं के अनुसार कुरूक्षेत्र को भगवान ब्रह्मा द्वारा विशाल यज्ञ से निर्मित किया गया था । इस कुंड की चौड़ाई 1400 फुट है । इस कुंड की लंबाई 1800 फुट है ।

इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस कुंड में स्नान करता है उसको उतना ही फल प्राप्त होता है जितना फल अश्वमेध यज्ञ करने के बाद प्राप्त होता है । जब भी सूर्य ग्रहण पड़ता है तब सभी लोग यहां पर स्नान करने के लिए आतेे हैं । काफी भीड़ सूर्य ग्रहण पड़ने के बाद यहां पर दिखाई देती है । इस कुंड में राजा महाराजाओं एवं कई लोगों ने स्नान किया है । मुगल सम्राट अकबर के दरबार भी इस कुंड में स्नान करने के लिए आते थे ।

इस कुंड के उत्तरी तट पर महादेव का मंदिर भी है ।जिसे सर्वेश्वर महादेेेव कहा जाता है । इस मंदिर के दर्शन करने के लिए एवं भगवान शिव से प्रार्थना करने के लिए काफी भीड़ देखने को मिलती है । ऐसा कहा जाता है कि यहां पर ब्रह्मा एवं भगवान शिव की मूर्तियां स्थित हैं । लाखों श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं । यहां पर नवंबर दिसंबर के महीने में गीता जयंती पर मेला भी लगता है । इस मेले में हजारों लाखों लोग भगवान सर्वेश्वर के दर्शन करने के लिए आते हैं ।

गीता जयंती के दिन ब्रह्मा सरोवर कुंड एवं आसपास के सभी जगहों को फूल मालाओं से एवं लाइट के द्वारा सजाया जाता है ।काफी लोगों की आस्था इस क्षेत्र से जुड़ी हुई है । यहां पर स्नान करने से काफी फल प्राप्त होता है । ब्रह्मा सरोवर के बीचों बीच जो टावर स्थित है उस टावर को भी लाइट के माध्यम से सजाया जाता है । गीता जयंती के दिन जब हम इस टावर को देखते हैं तब हमें इस टावर की सुंदरता और भी अच्छी लगती है ।

दूर-दूर से श्रद्धालु गीता जयंती के दिन भगवान शिव एवं ब्रह्मा के दर्शनों के लिए यहां पर आते हैं और ब्रह्मा सरोवर कुंड में स्नान करते हैं । ब्रह्मा कुंड में स्नान करने से सभी को शांति प्राप्त होती है । ऐसा कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति ब्रह्मा सरोवर कुंड में स्नान करता है उसके सभी पाप दूर हो जाते हैं , उसके सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उसको सुख समृद्धि प्राप्त होती है ।

गीता जयंती के बाद सूर्य ग्रहण पढ़ने पर यहां पर लोगों की काफी भीड़ में देखने को मिलती है । काफी लोग इस कुंड में डुबकी लगाते हैं और भगवान शिव के मंदिर में सर्वेश्वर मंदिर के दर्शन करने के लिए जाते हैं ।

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