बिहारी का जीवन परिचय Biography Of bihari lal in hindi

Biography Of bihari lal in hindi

दोस्तों आज हम आपको हमारे भारत के रीतिकाल के कवि बिहारी लाल जी के बारे में बताने जा रहे हैं । हमारे रीतिकाल के कवि बिहारी लाल जी का जीवन परिचय एवं उन्होंने कौन-कौन सी कविताएं लिखी है यह हम आपको बताएंगे । बिहारी लाल उस समय रीतिकाल के प्रमुख कवि थे उन्होंने अपने दोहों से राजा महाराजाओं का भी मन मोह लिया था क्योंकि उनके दोहों में मानव के जीवन को दर्शाया हैं ।

Biography Of bihari lal in hindi
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जीवन परिचय – हमारे भारत के रीतिकाल के प्रमुख कवि बिहारी लाल का जन्म 1603 ईस्वी में मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था । उनके पिता का नाम केशव राय था । यह कहा जाता है की उन्होंने अपना बचपन ग्वालियर में ही बिताया था और शादी के बाद वह अपनी पत्नी के साथ मथुरा में रहने के लिए चले गए और वहां पर अपना युवावस्था व्यतीत किया । इसके बाद वह जयपुर में चले गए । कहा जाता है कि जयपुर के राजा की जब शादी हुई थी तब वह अपने पत्नी के प्रेम मोह रंग में रंग गया था । उस राजा को अपने राज्य की किसी भी तरह की कोई चिंता नहीं थी। वहां के सैनिक और प्रजा इस बात से चिंतित हो रहे थे । तब वहां के किसी एक सैनिक ने बिहारी लाल के पास आकर उनकी हालत बताई तब बिहारी लाल ने 1 दोहा लिखा और उस दोहे को उस राजा के पास पहुंचाया ।

जब राजा ने उस दोहे को पढ़ा तब वह प्रेम के रंग से मुक्त हो गया और अपने राज्य को चलाने लगा एवं अपने प्रजा के हित में कार्य करने लगा । वह राजा बिहारी कवि के इस दोहे से इतना खुश हुआ कि उसने बिहारी लाल जी को जयपुर बुला लिया और बिहारी जी से कहा कि आप ऐसे ही अनेक दोहो का निर्माण करो । मैं आपको एक दोहे के लिए एक अशर्फी देने के लिए तैयार हूं । इस तरह से वह वहां पर रहने लगे और वहां पर उन्होंने कई दोहे लिखे । वहां पर उन्होंने बहुत सारा धन और मान-सम्मान कमाया वहीं पर वह अपनी जिंदगी जीने लगे ।

मृत्यु – यह कहा जाता है कि जब वह जयपुर रहने के लिए गए और वहां पर दोहो को लिखने लगे इस तरह से जीवन व्यतीत करते करते वह वहीं पर धन कमा कर अपना जीवन व्यतीत करने लगे और उनकी मृत्यु भी जयपुर में ही हो गई थी ।

पुस्तकें – महा कवि बिहारी लाल जी की कई पुस्तकें लिखी गई हैं जैसे कि बिहारीलाल के 25 दोहे , बिहारी सतसई , बिहारी , बिहारी के दोहे आदि इन पुस्तकों को पढ़कर हम महाकवि बिहारी लाल जी के जीवन में लिखे गए दोहो का ज्ञान ले सकते हैं ।

काव्य रचनाएं – बिहारी लाल जी के द्वारा कई दोहो का निर्माण किया जा चुका है । कहा जाता है कि रीतिकाल में बिहारी लाल सबसे श्रेष्ठ कवि थे सतसई बिहारी की प्रमुख रचना है । इस रचना में 719 दोहे हैं और सभी दोहे इतने जबरदस्त हैं कि जब इन दोहो को हम पढ़ते हैं तो हमें जीवन का मतलब समझ में आ जाता है । हमारे जीवन को किस तरह से सुंदर बनाया जाए उनके दोहो को पढ़कर हम सीख सकते हैं ।

बिहारी लाल की प्रमुख रचनाएं – बिहारी लाल जी की प्रमुख रचनाएं जैसे कि माही सरोवर सौरभ लै, खेलत फाग दुहू तिय कौ , जा के लिए घर आई घिघाय , बौरसरी मधु पान छक्यो, मैं अपनों मनभावन लीनो , पावस ऋतु वृंदावन की , होली गुलाल घूंघर भई , है यह आजु बसंत समौ , गाही सरोवर सौरभ ले , बंस बड़ों बड़ी संगति पाई , जानत नहीं लगी मैं , नील पर कटी तट , रतनारी हो थारी आंखड़िया आदि ।

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